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फल एवं सब्जी का मूल्य संवर्द्धन: आय का साधन
दिनांक 2024-12-28
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया में अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्ग मूल्य संवर्द्धन विषय पर 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन दिनांक 27 दिसम्बर, 2024 को किया गया। जिसमें संगरिया क्षेत्र की 21 ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण के समापन समारोह में अल्का छापोला, प्रधानाचार्या, राजकीय विद्यालय, अमरपुरा जालू खाट तथा लीला सुथार, प्रधानाचार्या, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नूकेरा उपस्थित रही। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कमार ने कार्यक्रम के दौरान केन्द्र की गतिविधियों एवं अनुसूचित जाति उपयोजना की जानकारी दी। इन्होंनें जिले के अनुसूचित जाति के युवा कृषकों व महिला कृषकों को इस अनुसूचित जाति उपयोजना का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। अल्का छापोला ने प्रशिक्षण में दी गई जानकारी को जीवन में उतारने एवं इस कार्य को स्वरोजगार के रुप में अपनाने का आग्रह किया। प्रशिक्षण की समन्वयक डाॅ. संतोष झाझड़िया ने प्रशिक्षण के दौरान मूल्य संवर्द्धित उत्पाद जैसे आंवले का आचार, कैण्डी, मुरब्बा, मिश्रित आचार, जैम एवं आलू चिप्स आदि के बारे में सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
माली प्रशिक्षण का शैक्षणिक भ्रमण
दिनांक 2024-11-16
संगरिया - कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ द्वारा भारतीय कृषि कौशल परिषद, नई दिल्ली के अन्तर्गत प्रायोजित 30 दिवसीय प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों को शैक्षणिक भ्रमण फल उत्कृष्टता केन्द्र, मांगेआना जिला सिरसा में करवाया गया। भ्रमण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को फल उत्कृष्टता केन्द्र का अवलोकन करवाया गया। जिसमें इण्डो इजराईल पद्धति द्वारा स्थापित पोली हाउस, इन्सैक्ट नेट हाउस के तकनीकी के बारे में जानकारी दी गई। फल उत्कृष्टता केन्द्र के उपनिदेशक (उद्यान) डाॅ. सतवीर शर्मा ने केन्द्र द्वारा किसानों की सेवा में चलाये जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तापूर्वक जानकारी दी। केन्द्र के विषय विशेषज्ञ श्रीमति डाॅ. रिंकू ने सब्जियों की पौध तैयार करने की आधुनिक तकनीक जिसमें कृषक अगेति व पछेति सब्जी उत्पादन कर अधिक लाभ अर्जित कर सके। केन्द्र की प्रशिक्षण अधीक्षक डाॅ. शिवानी ने केन्द्र द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में बताया कृषि विज्ञान केन्द्र के कोर्स कोर्डीनेटर श्री महावीर कस्वां ने प्रशिक्षण दल का नेतृत्व किया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने प्रशिक्षण दल को हरी झंडी दिखा कर रवानगी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
स्वच्छता ही सेवा का आयोजन
दिनांक 2024-10-04
संगरिया- कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा दिनांक 14 सितम्बर से 2 अक्टूबर, 2024 तक स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा केन्द्र पर तथा क्षेत्र के गांवों में मनाया गया। इसके अन्तर्गत स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिये वाद विवाद, भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि स्वच्छता पखवाड़े के दौरान पोस्टर, चार्ट के माध्यम से क्षेत्र की महिला कृषक, कृषक एवं विद्यालय व महाविद्यालय के छात्रों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के लिये कार्यक्रम आयोजित किये गये। इसी दौरान पोषण के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिये क्षेत्र की कृषक महिलाओं ने रंगोली बनाकर स्वच्छता व पोषण के प्रति जागरुकता पैदा करने का संदेश दिया। गांधी जयंति के दिन केन्द्र के कर्मचारियों व छात्रों ने स्वच्छता दिवस का आयोजन किया। इसी दौरान क्षेत्र के गांवों बोलांवाली, ढ़ाबां व चक हीरासिंहवाला में भी स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रभारी महावीर कस्वां थे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
प्राकृतिक खेती: बीज से बाजार तक का प्रशिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2024-10-01
संगरिया 1.10.24 कृषि विज्ञान केन्द्र ग्रा.वि. संगरिया द्वारा दो दिवसीय प्राकृतिक खेती बीज से बाजार तक का प्रशिक्षण आज दिनांक 1.10.24 को समापन हुआ। यह प्रशिक्षण गांव चक हीरासिंहवाला में करवाया गया। प्रशिक्षण में कुल 47 कृषकों व कृषक महिलाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने सभी कृषकों को प्राकृतिक खेती के फायदे, मृदा स्वास्थ्य तथा मानव स्वास्थ्य पर रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने प्राकृतिक खेती हेतु बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत बनाने तथा उनके उपयोग की विस्तृत जानकारी दी साथ ही भूमि में आच्छादन तथा वापसा प्रबन्धन की भी जानकारी किसानों को दी। महावीर प्रसाद कस्वां ने किसानों बागवानी, सब्जी उत्पादन तथा स्वच्छता के बारे में विस्तृत रुप से बताया। डाॅ. मुकेश कुमार ने डेयरी तथा पशुपालन व प्रबन्धन की जानकारी कृषकों को दी। प्रशिक्षण के दौरान कृषि विभाग से गुरलाल मान तथा जयसिंह, कृषि पर्यवेक्षक ने किसानों को विभागीय योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
दो दिवसीय कृषक महिला प्रशिक्षण का समापन
दिनांक 2024-09-13
दो दिवसीय कृषक महिला प्रशिक्षण का समापन कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया में भारत सरकार द्वारा संचालित अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्गत दो दिवसीय ‘‘कृषक महिलाओं हेतु कृषि के संशोधित यंत्र/उपकरण’’ विषय पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन केन्द्र के सभागार में दिनांक 11 व 12 सितम्बर, 2024 को किया गया। इस प्रशिक्षण में कृल 26 कृषक महिलाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान गृह वैज्ञानिक डाॅ. संतोष झाझड़िया ने कृषक महिलाओं को कृषि कार्य में उपयोग में आने वाले संशोधित उपकरणों के बारे सैद्धान्तिक एवं प्रयोगात्मक जानकारी दी साथ ही उपकरणों के उपलब्धी स्थान एवं तकनीकों के बारे में भी विस्तार पूर्वक ग्रामीण महिलाओं को बताया। केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक महावीर प्रसाद कस्वां ने सब्जी एवं बागवानी में उपयोग में आने वाले कार्य सरलीकरण उपकरणों की जानकारी दी। प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने केन्द्र की प्रसार गतिविधियों एवं संचालित योजनाओं के बारे बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
पशुपालकों को भ्रमण करवाया
दिनांक 2024-08-31
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया पर अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्गत 14 दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण ‘‘डेयरी, भेड़ व बकरी पालन’’ विषय पर आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में 42 कृषक व कृषक महिलायें हिस्सा ले रहें हैं। इस प्रशिक्षण के तहत प्रशिक्षणार्थियों को गंगमूल डेयरी, हनुमानगढ़ तथा रोड़ांवाली में बकरी पालन इकाई का शैक्षणिक भ्रमण करवाया गया। इस भ्रमण दल को डाॅ. मुकेश कुमार, पशु वैज्ञानिक के नेतृत्व में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों को गंगमूल डेयरी पर पशु आहार, दुध से बनने वाले विभिन्न उत्पादों का तरीका उनका उपयोग के बारे में बताया गया। इस भ्रमण दल ने गंगमूल डेयरी के प्रबन्ध संचालक उग्रसेन सहारण, डाॅ. आर.के. शर्मा, दलीप सिंह से मुलाकात की तथा सम्बंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त की। गांव रोड़ांवाली में चल रही रमजान गुज्जर की गुज्जर गोट फार्म बकरी पालन इकाई का भी भ्रमण करवाया गया बकरी पालन की आर्थिकी पर चर्चा की। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
गाजर घास जागरुकता सप्ताह का आयोजन किया गया
दिनांक 2024-08-31
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया द्वारा गाजर घास जागरुकता सप्ताह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने कृषकों, कृषक महिलाओं तथा युवाओं को इसके दुष्प्रभाव से अवगत करवाया तथा इसके फैलाव एवं फैलाव को रोकने के बारे में बताया। केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेश कुमार ने इसके प्रबन्धन हेतु मैक्सिकन बीटल कीड़ों को छोड़ने, शाकनाशियों का छिड़काव करना, उखाड़े गये गाजार घास से कम्पोस्ट खाद बनाना, इसके द्वारा फैलने वाली बिमारियों से अवगत करवाया। इस कार्यकम में 115 कृषकों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र व गांव हिरनावाली में आयोजित किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
आईसीएआर-सीफा के एससीएसपी कार्यक्रम के तहत “फार्म तालाबों में मछली पालन” के लिए संगरिया, हनुमानगढ़, में प्रशिक्षण सह इनपुट सहायता कार्यक्रम 12-13 अगस्त 2024
दिनांक 2024-08-14
आईसीएआर-केंद्रीय मीठाजल जलीय कृषि संस्थान के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र ने कृषि विज्ञान केंद्र, संगरिया, हनुमानगढ़ (राजस्थान) के सहयोग से 12-13 अगस्त, 2024 के दौरान एससीएसपी कार्यक्रम के अंतर्गत “फार्म तालाबों में मछली पालन” पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सह इनपुट सहायता कार्यक्रम का आयोजन किया। डॉ अनूप कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, केवीके, संगरिया, हनुमानगढ़ (राजस्थान) ने स्वागत भाषण दिया और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका विकास के लिए एससीएसपी कार्यक्रम के महत्व को समझाया। डॉ मुकेश कुमार बैरवा, एसआईसी, क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, सीफा, बठिंडा ने सभा को संबोधित किया और किसानों के लिए अतिरिक्त आय स्रोत के रूप में फार्म तालाबों में मछली पालन के बारे में बताया। तकनीकी सत्र के दौरान डॉ. मुकेश कुमार बैरवा, डॉ. अनूप कुमार और डॉ. अजीत केशव चौधरी (वर्चुअली) द्वारा फार्म तालाबों में मछली पालन पर प्रशिक्षण दिया गया । इस कार्यक्रम के दौरान तीस किसानों को आजीविका विकास के लिए मछली पालन शुरू करने के लिए इनपुट सहायता (सरसों की खली, प्लास्टिक टब और फ्राई कलेक्शन नेट) प्रदान की गई। आगामी दिनों में तीस लाभार्थियों को मछली बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा।कार्यक्रम का समापन डॉ. मुकेश कुमार बैरवा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
गुलाबी लट प्रबन्धन पर प्रशिक्षण का आयोजन
दिनांक 2024-08-14
कृष विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया व केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, क्षेत्रीय स्टेशन, सिरसा के संयुक्त तत्वाधान में गांव मिर्जावाली मेर में एक दिवसीय असंस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन गुलाबी लट प्रबन्धन विषय पर कया गया। इस प्रशिक्षण में कपास अनुसंधान केन्द्र, सिरसा के कपास प्रजनन वैज्ञानिक डाॅ. सुभाष चन्द्र ने किसानों को नरमा- कपास की इस क्षेत्र के लिय देशी कपास, अमेरिकन कपास तथा बी.टी. कपास की सिरसा अनुसंधान केन्द्र से तैयार किस्मों की जानकारी देते हुये उनकी विशेषताओं से अवगत करवाया एवं सिरसा केन्द्र पर किये जा रहे अनुसंधानों से किसानों को अवगत करवाया। कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने किसानों का गुलाबी लट के जीवन चक्र, इसके आर्थिक नुकसान स्तर तथा इसके प्रबन्धन के बारे में जानकारी व नरमा कपास के सफेद मक्खी, हरा तेला तथा थ्रिप्स कीटों की जानकारी देते हुये इसके प्रबन्धन के बारे में बताया। इसके साथ साथ नरमा के साॅट मारने के कारणों से अवगत करवाते हुये, इसके प्रबन्धन की जानकारी दी तथा गुलाबी लट के लिये फेरामोन ट्रेप, क्रमीट तकनीक तथा पीबी नोट तकनीक की जानकारी दी। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने किसानों को नरमा कपास की शस्य क्रियाओं से किसानों को अवगत करवाते हुये, उर्वरक प्रबन्धन की जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
गुलाबी लट प्रबन्धन पर प्रशिक्षण का आयोजन
दिनांक 2024-07-24
चक 1 एएमपी, दीनगढ़ में गुलाबी लट पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि डाॅ. योगेश कुमार वर्मा, संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) ने कहा कि गुलाबी लट के लिये अब आवश्यकता है कि नियमित रुप से फेरामोन ट्रेप, रोजिट फुल तथा नरमा के टिण्डों का निरीक्षण करें। आवश्यकता होने पर समय पर सही स्प्रे का चयन कर स्प्रे की उचित मात्रा का प्रयोग करें। कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने उपस्थित किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया, केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, सिरसा तथा राशि सीड्स प्रा. लि. के सहयोग से चलाये जा रहे 10 एकड़ के प्रदर्शन स्पलेट एपलिकेशन तकनीक के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये किसानों से कहा कि इस तकनीक को ठीक से समझ कर किसान अपनायें। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य के बारे में जागरुक करते हुये नरमा खरपतवार प्रबन्धन, उर्वरक प्रबन्धन तथा जल प्रबन्धन तकनीकों से अवगत करवाते हुये प्रयोग करने की सलाह प्रदान की। केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, सिरसा के वैज्ञानिक डाॅ. देवाशीष ने कपास पर देश में चल रहे अनुसंधानों की जानकारी देते हुये केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र द्वारा जारी देशी कपास, अमेरिकन कपास तथा बीटी नरमा की संकर किस्मों की जानकारी प्रदान की। कृषि विज्ञान केन्द्र के कीट वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने कृषकों को गुलाबी लट, सफेद मक्खी तथा अन्य हानिकारक कीटों के जीवन चक्र, उनकी पहचान, आर्थिक नुकसान स्तर तथा प्रबन्धन की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। परियोजना निदेशक आत्मा सुभाष डूडी ने किसानों को आत्मा योजना में संचालित योजना की जानकारी देते हुये किसानों को लाभ उठाने के लिये कहा। राशि सीड्स प्रा.लि. के डाॅ. इन्द्र सिंह कम्बोज ने किसानों की बीटी हाईब्रिड की जानकारी प्रदान की। यह कार्यक्रम केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, सिरसा, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया तथा राशि सीड्स के सहयोग से चलाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में 80 किसानों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 96 वां स्थापना दिवस मनाया
दिनांक 2024-07-16
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली का स्थापना दिवस केन्द्र सभागार में मनाया गया। इस अवसर पर कुल 42 युवाओं व कृषक महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के शुभारम्भ में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 96 वां दिवस पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर इन्होंनें परिषद द्वारा इस क्षेत्र के लिये विकसित की गई विभिन्न फसलों की बायोफोर्टीफाइड किस्मों के बारे में विस्तार से बताया तथा वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र से निरन्तर जुड़ने का आह्वान किया। डाॅ. चन्दशेखर शर्मा ने जैविक व प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी। महावीर कस्वां ने सब्जी उत्पादन व बागवानी के बारे में जानकारी दी। डाॅ. मुकेश कुमार ने लाइव स्टाॅक मिशन के अन्तर्गत बकरी पालन इकाई स्थापित करने का सुझाव दिया। डाॅ. संतोष झाझड़िया ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह गठन कर स्वरोजगार से जुड़ने की सलाह दी। डाॅ. कुलदीप सिंह ने निक्रा प्रोजैक्ट के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान सभी प्रतिभागियों ने आनन्द प्रकाश व रघुवीर सिंह के निर्देशन में केन्द्र के फार्म में पौधारोपण कर उनकी सार सम्भाल करने का निर्णय लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
भूमिगत जल के दोहन व गुणवत्ता पर चिन्ता- जे.पी. मिश्रा
दिनांक 2024-07-12
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया की 28वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन आज दिनांक 10 जुलाई, 2024 को आयोजन गा्रमोत्थान विद्यापीठ, के सचिव सुखराज सिंह सलवारा की अध्यक्षता में किया गया। बैठक के मुख्य अतिथि डाॅ. जे.पी. मिश्रा, निदेशक अटारी, जोधपुर तथा विशिष्ट अतिथि डाॅ. विजय प्रकाश आर्य, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान, क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, श्रीगंगानगर थे। बैठक प्रारम्भ होने से पहले सभी सदस्यों ने कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर में पौधारोपण किया। बैठक का आरम्भ स्वामी केशवानन्द जी को पुष्प अर्पित कर किया गया। तदुपरान्त केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने बैठक में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने बैठक का एजेण्डा प्रस्तुत किया तथा गत वर्ष किये गये कार्यो के बारे में सदन को अवगत कराया। केन्द्र की प्रगति रिपोर्ट तथा कार्ययोजना वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्ययोजना के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। इसके पश्चात सभी विषय विशेषज्ञों उमेश कुमार, महावीर प्रसाद, डाॅ. संतोष झाझड़िया, डाॅ. मुकेश कुमार, डाॅ. कुलदीप सिंह ने अपनी गत वर्ष की अनुसंधान व कार्यों की प्रगति रिपोर्ट तथा आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अध्यक्ष सुखराज सिंह सलवारा ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक क्षेत्र के किसानों के साथ सम्पर्क कर उनकी समस्याओं पर कार्य करें। ताकि किसानों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिल सके। उच्च गुणवत्ता के आदानों की भी आपूर्ती सुनिश्चित कराने का प्रयास करें। डाॅ. जे.पी. मिश्रा ने कहा कि यद्यपि कृषि विज्ञान केन्द्र अच्छा कार्य कर रहा है लेकिन कृषि में नवीनतम तकनीकी के समावेश के लिये नई तकनीकी का मूल्यांकन क्षेत्र की समस्याओं को ध्यान में रखते हुये करें ताकि कृषक समुदाय को सम्बल प्रदान हो सके। उन्होंने भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन तथा उसकी गुणवत्ता पर चिन्ता जताई। यह भी कहा कि युवाओं को उद्यमिता की ओर मोड़ने के लिये प्रेरित करें इसके लिये पूर्ण प्रशिक्षण उपलब्ध करावें। उन्होंने ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों की मांग के अनुसार तथा केन्द्र की पहचान बनाने के लिये मछली पालन के लिये हैचरी निर्माण, उच्च गुणवत्ता का बीज व पौध तैयार करने की प्रक्रिया को ओर बढ़ायें तथा अतिरिक्त निदेशक कृषि डाॅ. सतीश शर्मा ने कहा कि पोषण वाटिका की सोच बहुत अच्छी है। इसका क्षेतिज प्रसार कर वृह्त स्तर पर स्थापित करवाया जावे। बैठक में क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डाॅ. विजय प्रकाश आर्य, उपनिदेशक उद्यान डाॅ. रमेश चन्द्र बराला, लीड बैंक प्रभारी राजकुमार जैन, डीडीएम नाबार्ड दयानन्द काकोडिया, सीआईपीएमसी श्रीगंगानगर के डाॅ. आर.के. शर्मा, ग्राह्य परीक्षण केन्द्र हनुमानगढ़ से डाॅ. अनिल कुमार, कृषि विज्ञान केन्द्र नोहर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. सुरेश चन्द्र कांटवा, गंगमूल डेयरी से डाॅ. आर.के. शर्मा इफ्को से क्षेत्रीय प्रबन्धक मनीराम जाखड़, प्रगतिशील किसान पूर्णराम गोदारा, दारा सिंह, सुखपाल सिंह, महिला कृषक राममूर्ती, बिमला, सरिता, शारदा व कृषि विज्ञान केन्द्र के समस्त स्टाफ ने सक्रिय भागीदारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
गुलाबी लट प्रबन्धन पर किसान संवाद
दिनांक 2024-07-02
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया द्वारा चक 1 एएमपी, दीनगढ़ में कपास किसान संवाद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हनुमानगढ़ के संयुक्त निदेशक (कृषि विस्तार) सुभाष चन्द्र डूडी ने किसानों को गुलाबी लट प्रबन्धन पर सतर्क रहकर सामुहिक प्रयास करने की सलाह प्रदान की तथा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने किसानों के लिये केन्द्र पर चलाये जा रहे, विभिन्न प्रशिक्षणों की जानकारी देते हुये गुलाबी लट प्रबन्धन के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया, केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, क्षेत्रीय स्टेशन, सिरसा तथा राशि सीड्स प्रा. लिमि. के संयुक्त प्रयास से संचालित स्पालांट एपलीकेशन तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने नरमा कपास की कृषण क्रियाओं, खरपतवार प्रबन्धन, जल प्रबन्धन तथा पोषक तत्व प्रबन्धन की जानकारी से किसानों को अवगत करवाया। केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने किसानो को नरमा कपास में लगने वाले कीटों और रोग प्रबन्धन की जानकारी देते हुये, गुलाबी लट के जीवन चक्र, इसके प्रबन्धन के लिये फेरामोन ट्रेप, स्प्लांट एपलीकेशन तकनीक, पी बी नोट तकनीक के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि किसानों ने जहां नरमा कपास की बिजाई कर रखी है, वहां दो फेरामोन ट्रेप लगाने और स्प्लांट एपलीकेशन तकनीक अपनाने का सही समय बताया और कृषि रसायनों के प्रयोग में ली जाने वाली सावधानियों से किसानों को अवगत कराया। इस कपास संवाद कार्यक्रम में 60 किसानों ने भाग लिया तथा एजीटिसी व इण्डोफिल कम्पनी के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। यह कार्यक्रम कृषक सहदेव कड़वासरा के खेत पर आयोजित किया गया तथा पर दस एकड़ क्षेत्र में स्प्लांट एपलीकेशन तकनीक पर प्रदर्शन लगाया गया है। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कृषि आदान विक्रेता किसानों के हित को सर्वोपरी रखें
दिनांक 2024-06-26
संगरिया - कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, के तत्वाधान में डेसी (डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंषन सर्विसेज फाॅर इनपुट डीलर्स) के प्रतिभागियों को उनके पाठयक्रम पूर्ण करने के उपलक्ष मं प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। कार्यक्रम में डेसी के प्रतिभागियों ने शिरकत की। कार्य क्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुये संगरिया के विधायक अभिमन्यू पूनिया ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। अपने उद्बोद्धन में अभिमन्यू पूनिया ने कहा कि खेती में किसानों के योग दान के साथ साथ आपका भी योगदान सराहनीय है। कृषि आदान विक्रेता के रुप में आपका दायित्व बनता है। आप किसान व खेती के हित को सर्वोपरी रखते हुये किसानों को उत्तम गुणवत्ता का सही कृषि आदान उपलब्ध करावें। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किसानों के लिये प्रदान की जा रही सेवाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला। ज्ञात हो डेसी के 40 प्रतिभागियों का यह बैच 2022-23 में संचालित हुआ तदुपरान्त इनकी एक परीक्षा का आयोजन मैनेज हैदराबाद द्वारा किया गया। जिसमें सभी प्रतिभागी उतीर्ण घोषित किये गये। परीक्षा में सर्वोतम अंक पाकर स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक प्राप्त करने वाले क्रमशः धर्मेन्द्र पारीक, नितिन गर्ग व भूपेन्द्र कुमार पारीक थे। उक्त पाठयक्रम के फैसिलीटेटर डूंगरमल डाल ने सभी प्रतिभागियों को सफलता प्राप्त करने पर शुभकामनायें ज्ञापित की। कार्यक्रम में केन्द्र के समस्त स्टाॅफ की उपस्थिति रही। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, नागपुर के निदेशक डाॅ. वाई.जी. प्रसाद का राजस्थान, पंजाब व हरियाणा भ्रमण
दिनांक 2024-06-21
केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, नागपुर के निदेशक डाॅ. वाई.जी. प्रसाद का राजस्थान, पंजाब व हरियाणा भ्रमण केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, नागपुर के निदेशक डाॅ. वाई.जी. प्रसाद का राजस्थान, हरियाणा व पंजाब क्षेत्र में अपने तीन वैज्ञानिकों के साथ कपास की फसल का अवलोकन किया तथा कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया व कृषि विभाग के अधिकारियों को गुलाबी लट प्रबन्धन, टिण्डा गलन तथा नरमा कपास में आने वाली समस्याओं के प्रबन्धन के सुझाव दिये। इसके साथ इन्होंनें भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिये किये जा रहे अनुसधानों से भी अवगत कराया। उनके साथ केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, क्षेत्रीय स्टेशन, सिरसा के डाॅ. ऋषि कुमार, डाॅ. सतीश कुमार सैन व क्षेत्रीय स्टेशन, कोयम्बटूर के डाॅ. एस. मनित्रम, प्रधान वैज्ञानिक (पादप प्रजनन) ने जानकारी देते हुये बताया की एक साथ टिण्डे खिलने वाली किस्मों के बारे में तथा सघन पौधों की संख्या व कम अवधि की किस्मों पर चल रहे अनुसंधान के साथ विदेशों में नरमा में अपनाई जाने वाली तकनीकों से भी अवगत करावें। डाॅ. एम.जी.वेणुगोपाल प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों को केन्द्र द्वारा नरमा कपास में समय समय पर दी जाने वाली सलाह से जुड़कर लाभ उठाने के लिये कहा। कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, नागपुर व केन्द्र के सहयोग से गुलाबी लट प्रबन्धन के लिये 1एएमपी, दीनगढ़ में लगाये गये स्पलांट प्रबन्धन प्रदर्शन का भ्रमण करवाया। यह प्रदर्शन 10 एकड़ क्षेत्रफल में लगाया गया है। इसमें गुलाबी लट के प्रबन्धन हेतु पोधों पर एक पेस्ट मटर के दाने के आकार का लगाया जायेगा जिससे नर गुलाबी लट भ्रमित होकर संभोग नहीं करेगी तथा मादा अण्डे नहीं दे पायेगी। इस तकनीक को मैटींग डीस्टरबैंस तकनीक कहते हैं। केन्द्र के पौध संरक्षक वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने किसानों को सलाह दी की प्रति एकड़ दो फैरामोन ट्रैप लगाये जिससे किसान को गुलाबी लट के प्रकोप का पता चल सके और पहला स्प्रे समय आने पर नीम के तेल का करें। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
झींगा पालन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन
दिनांक 2024-06-12
कृषि विज्ञान केंद्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में ‘‘खारे पानी में झींगा पालन’’ विषय पर दो दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया; जिसमें क्षेत्र के 33 झींगापालको ने भाग लिया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने बताया के क्षेत्र में युवाओं के झींगा पालन के प्रति बढ़ते रुझान को ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण का आयोजन किया था। डॉ. अनूप कुमार ने अपने व्याख्यान में क्षेत्र के संसाधनों में झींगा पालन की महत्ता और झींगा पालन के भविष्य की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। कृषि विज्ञान केंद्र संगरिया द्वारा आमंत्रित डॉ. नेमी चंद उज्जैनिया, प्राध्यापक, दक्षिण गुजरात विष्वविद्यालय, सूरत (गुजरात) ने प्रशिक्षण के दौरान अपने व्याख्यान में झींगा पालन की तकनीकी जानकारी के साथ तालाब निर्माण, आहार प्रबंधन, रोग प्रबंधन इत्यादि पर विस्तृत प्रकाश डाला। मत्स्य विकास अधिकारी हनुमानगढ़; डॉ. प्रेम सिंह प्रजापत ने मत्स्य विभाग राजस्थान सरकार द्वारा मत्स्य पालकों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले आर्थिक अनुदान एंव अन्य सुविधाओं से रूबरू करवाया। प्रशिक्षण के दूसरे दिन सभी प्रशिक्षणार्थियों को 20 एनडीआर पर स्थित ‘‘संजय बेनीवाल झींगा फॉर्म’’ का भ्रमण करवाया गया तथा झींगा पालन की प्रायोगिक जानकारी प्रदान कारवायी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र पर जिला हनुमानगढ़ के संयुक्त निदेशक कृषि योगेश वर्मा भी उपस्थित रहे; जिन्होंने झींगा पालन में रुचि रखने वाले प्रशिक्षणार्थियो की सराहना करते हुये कहा कि झींगा पालन कृषि के क्षेत्र में एक नवाचार है, जिसे युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को कृषि क्षेत्र में हर संभव मदद का आष्वासन भी दिया। समापन सत्र के दौरान प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने पर प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम में गांव 20 एनडीआर के कृषक बलवीर बैनीवाल, सुभाष भाकर, रणवीर गढ़वाल, सुभाष टांडी, भरत गोदारा, अमित कस्वां, राजपाल बैनीवाल ने सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। यह भी ज्ञात हो के हनुमानगढ़ जिले में खारे पानी में झींगा पालन की लगभग 60 इकाइयां स्थापित हो चुकी है तथा झींगा पालन के प्रति किसानों का रूझान लगातार बढ़ रहा है। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
विश्व पर्यावरण दिवस मनाया
दिनांक 2024-06-06
विश्व पर्यावरण दिवस मनाया कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में आज दिनांक 05.06.2024 को विश्व पर्यावरण दिवस-2024 मनाया गया। इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने उपस्थित कृषक महिलाओं को पर्यावरण के विभिन्न घटकों की जानकारी देते हुये पर्यावरण के असन्तुलन के बारे में अवगत कराया। साथ ही कृषि में उपयोग किये जाने वाले रासायनिक पेस्टीसाईडस के कारण जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुये इसके स्थान पर प्राकृतिक खेती की जानकारी दी। केन्द्र की गृह वैज्ञानिक डॉ. संतोष झाझड़िया ने इस अवसर पर पर्यावरण के दुष्प्रभावों के कारण ओजोन परत में छेद होने के कारण पृथ्वी पर आने वाली पैराबैंगनी विकिरण का मानव जीवन पड़ने वाले दुष्प्रभाव से अवगत करवाया। केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने अपने व्याख्यान में विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रदुषण से होने वाली समस्याओं से अवगत करवाया तथा इसको कम करने के उपाय भी बताये। विश्व पर्यावरण दिवस के सुअवसर पर केन्द्र परिसर में वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम में केन्द्र के डॉ. मुकेश कुमार, आनन्द प्रकाश, रविन्द्र कुलड़िया व रघुवीर नैण भी उपस्थित थे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
गर्मी के मौसम में पशुओं व मुर्गियों के बचाव हेतु एडवायजरी
दिनांक 2024-05-29
संगरिया - कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा. वि. संगरिया द्वारा अत्यधिक गर्मी को ध्यान मे रखते हुये पशुपालकों व मुर्गी पालकों के लिये एडवायजरी जारी की गई है। पशुपालक व मुर्गी पालक किसानों को इस अपत्याशित गर्मी में अपने पशुओं व मुर्गियों क लिये विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। गर्मी के मौसम में अत्यधिक धूप आंधी व लू चलती है जिसके कारण पशुओं में पानी व लवणों की कमी हो जाती है। अतः गर्मी से बचाने के लिए फोगर, फव्वारे, कूलर चलाएं या पशुशाला की खिड़कियों पर गीली बोरी भी लटका सकते है। पशु को सुबह, शाम और रात के समय चारा व दाना खिलाये क्योंकि दोपहर के समय अत्यधिक गर्मी के कारण पशु तनाव मे रहता है । पशुओं को साफ पानी प्रत्येक 1 या 2 घंटे के अंतराल पर पिलाते रहे। यदि संभव हो तो भैंस को प्रातः व सायं नहलाएं। गर्मी के मौसम में पशुआंे के शरीर से आवश्यक लवणांे के नुकसान होता है । इससे बचने के लिए उचित मात्रा मंे प्रतिदिन 50 ग्राम खनिज मिश्रण एवं 30 ग्राम नमक अवश्य देते रहें। दुधारू पशुओं को संतुलित आहार ( हरा चारा, सूखा चारा, दाना, खनिज लवण, नमक) दें ताकि गर्मीयों में उनकी दूध उत्पादन क्षमता कम न हो । पशुओं को सुबह या शाम मंे चराने के लिए लेकर जाएं, दोपहर के समय छायादार स्थान पर आराम करावें । पशुओं को अधिक से अधिक हीट स्ट्रोक से बचाने का प्रयास करंे खासकर युवा पशुओं को सीधे धूप से बचाएंे। गर्मी अधिक होने से पशुओं मे तापघात, जल व लवणों की कमी से निर्जलीकरण व भूख कम होना आदि समस्या देखने को मिलती है। अतः पशु के बीमार होने पर तुरंत पशुचिकित्सक से इलाज करवाए। ग्रीष्म ऋतु के दौरान पशुओं व भेड़ - बकरियों को सुबह और शाम के समय ही चराने के लिए ले जाना चाहिए तथा दोपहर के समय छायादार स्थान पर आराम करने दें। भेड़ों की ऊन उतारने से उसको गर्मी से राहत मिलती है। गाय व भैंस में गलघोटू, मुहपका खुरपका, लगंड़ा बुखार व भेड़ और बकरियों को मुहपका खुरपका, एंटरोटॉक्सिमिया से बचाव का टीका मानसून से पहले लगवाएं। चिचड़, किलनी एवं पेट के कीड़ों से गाय, भैंस, भेड़ और बकरियों को बचाव हेतु कृमिनाशक दवा, बाह्य परजीवियों के उपचार के लिए नजदीकी पशुचिकित्सक से परामर्श कर पशुओं की गर्भावस्था के अनुसार ही दवाएँ दें। यदि आप पशुओं के लिए नई पशुशाला बनाने का विचार कर रहे हैं तो इसकी छत की ऊंचाई 15 फुट के आसपास होनी चाहिए, शैड हवादार होना चाहिए व शैड की लंबाई पूर्व-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। पशुशाला के आस-पास छायादार पेड़-पौधे भी लगाए जाने चाहिए। मुर्गीयों के लिए सलाह मुर्गीयां तापमान व गैसों के प्रति संवेदनशील होती है इस गर्मी के मौसम में गर्म हवाओं के चलने से हवा में नमी की मात्रा कम हो जाती है जिससे मुर्गीयों में पानी की कमी व हीट स्ट्रोक के आसार अधिक हो जाते हैं जिसके चलते मुर्गीयों में मृत्यु दर देखी जाती है। खासकर मुर्गियों के चूजों में अगर उन्हें कम स्थान पर रखते है तो उनमें मृत्यु दर अधिक देखी गई है अतः मुर्गीयों के चूजों को खुले व हवादार जगह में रखें। मुर्गीयों के लिए उचित बिछावन होना चाहिए, ताजा पानी हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। मुर्गीयों के बिछावन को समय पर बदलना चाहिए क्योंकि बिछावन में बीठ की मात्रा बढ़ने पर मुर्गी इकाई में अमोनिया जैसी हानिकारक गैसों का स्तर बढ़ जाता हैं इस कारण मुर्गीयां तनाव में आ जाती हैं जो मुर्गीयों में मृत्यु दर का कारण बनती है। अगर मुर्गीयों को घर पर पाला जा रहा है तो ऐसे में मुर्गीयों को पशुओं के चरने के बाद पशुओं में खुला छोड़ने पर मुर्गीयों बाह्य परजीवी जैसे चीचड़ इत्यादि को खा जाती है जिससे पशुओं में एनीमिया की समस्या नहीं देखी जाती है। मुर्गीयों के शेड को हवादार बनायें रखें, पर्दों को दिन-रात दोनों समय खुला रखें गर्मी से मुर्गीयों और चूजों को बचाने के लिए फार्म के चारों ओर बोरी लगा कर सुबह-शाम पानी का छिड़काव कर गीला करे। मुर्गीयों में गर्मी से तनाव को कम करने के लिए, फीड में पाचक एंजाइम , विटामिन सी जैसे आंवला पाउडर तथा पानी के साथ लिवर टॉनिक का उपयोग करे। मुर्गीयों को अजोला भी खिलाया जा सकता है जो कि प्रोटीन, फाइबर, लवणों व पानी का अच्छा स्त्रोत है। चूजों को पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध करावे व सफाई का विशेष घ्यान रखें। डॉ मुकेश कुमार पशु विज्ञान वैज्ञानिक कृषि विज्ञानं केंद्र, ग्रा. वि., संगरिया डॉ अनूप कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा. वि., संगरिया
पुराने कृषि स्नातक साथियों की एल्यूमिनी मीट होगी नवम्बर में
दिनांक 2024-04-12
संगरिया: 8 अप्रेल, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया पर ग्रामोत्थान विद्यापीठ कृषि महाविद्यालय से वर्ष 1978 से 1983 सत्र के उत्तीर्ण कृषि स्नातकों की एल्यूमिनी मीट आयोजित की जायेगी। इस सन्दर्भ में कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया पर डाॅ. अनूप कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें तत्कालीन विद्यार्थी रमेश गावड़ी (पूर्व पर्यावरण विशेषज्ञ), डाॅ. इन्द्र मोहन वर्मा (पूर्व निदेशक, कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर), डाॅ. गुरतेज सिंह (डीजीएम युनियन बैंक), डाॅ. अजायब सिंह (प्रधान मृदा वैज्ञानिक) रामकुमार तरड़ (मुख्य बैंक प्रबन्धक), डाॅ. महेन्द्र पाल सिंह (पादप रोग वैज्ञानिक), डाॅ. गुरमीत सिंह मागों (मृदा वैज्ञानिक) पुर्ण सिंह (बैंक अधिकारी) बैठक में उपस्थित थे। इस दौरान आगामी एल्यूमिनी मीट की रुप रेखा तैयार की गई जिसमें सदस्यों का पंजीकरण, उद्घाटन समारोह, गुरुजनों का सम्मान के साथ साथ सामान्य परिचय तथा अन्य सभी व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस एल्यूमिनी मीट को नवम्बर माह के प्रथम पखवाड़े में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। ज्ञात हो कृषि महाविद्यालय ग्रामोत्थान विद्यापीठ में पूर्व कृषि स्नातकों की प्रथम बार बड़े स्तर पर एल्यूमिनी मीट आयेजित की जा रही है। इस एल्यूमिनी मीट के मुख्य संयोजक डाॅ. रमेश गावड़ी हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
फर्टीलाईजर एसोसियेशन आॅफ इण्डिया का 2 दिवसीय उर्वरक जागरुकता अभियान
दिनांक 2024-04-06
फर्टीलाईजर एसोसियेशन आॅफ इण्डिया, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 04.04.24 को कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया में डीलर ट्रेनिंग प्रोग्राम एवं दिनांक 05.04.24 को स्वामी केषवानन्द ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में कृषि स्नातकों हेतु ‘‘उर्वरक आमुखीकरण कार्यक्रम’’ का आयोजन किया गया। इसमें डाॅ. डी. एस. यादव, निदेषक एफ.ए.आई.; डाॅ. अनूप कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया, एन. के. भादु सेवानिवृत महाप्रबंधक, कृभको, डाॅ. रमेष चन्द्र बराला उपनिदेशक (उद्यान), हरेन्द्र कौशिक अधिकारी एफ.ए.आई., नई दिल्ली, एस. आर. शर्मा मैनेजर एन.एफ.एल., सुधीर मान राज्य प्रबंधक इफको, आर. के. शर्मा वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक कृभको, हनुमानगढ़, अभिषेक यादव चम्बल फर्टिलाइजर्स हनुमानगढ़, राजेश गोदारा कृभको, दीनाराम एन.एफ.एल. सहित 70 कृषि आदान विक्रेताओं एवं 80 कृषि संकाय के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में डाॅ. डी. एस. यादव ने उर्वरकों के बारे में विस्तार से बताते हुए उर्वरकों के उपयोग से अनाज और फलोत्पादन में हुई वृद्धि के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आकड़ों के साथ हुई वृद्धि को दर्शाते हुये संतुलित उर्वरक उपयोग को बढ़ाने के बारे में बात कही। डाॅ. अनूप कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया. द्वारा किसानों के उत्थान हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रमों व प्रशिक्षणों के बारे में जानकारी दी। सुधीर मान ने नैनों यूरिया व डीएपी की आवश्यकता एवं कार्यप्रणाली की जानकारी दी। एन. के. भादु ने विद्यार्थियों को कृषि विज्ञान में भविष्य के बारे में विस्तार से बताया। सभी उर्वरक निर्माता कम्पनियों के अधिकारियों ने उर्वरक के उपयोग, रख रखाव व वर्तमान परिपेक्ष में विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में हरेन्द्र कौषिक ने सभी का आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ वैाानिक एवं अध्यक्ष
किसान मेले में जानी खेती की तकनीक
दिनांक 2024-03-20
संगरिया - कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया द्वारा अनुसूचित जाति उप योजनान्तर्गत कृषक महिलाओं व कृषकों का दल चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में चल रहे मेले में भेजा गया। जिसमें 26 कृषक व कृषक महिलायें भाग ले रहे हैं। मेले के दौरान वहां लगाई गई कृषि तकनीक प्रदर्शनी का अवलोकन किया मेले में कृषि आदानों, नवीनतम कृषि उपकरणों, उन्नत किस्मों के बीज की उपलब्धता तथा उपयोगिता की जानकारी ली। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र से भ्रमण दल को रवाना किया तथा इस कृषक दल का नेतृत्व केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक डाॅ. महावीर प्रसाद तथा गृह वैज्ञानिक डाॅ. संतोष झाझड़िया कर रहे हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
पल्लू क्षेत्र के किसानों ने सीखे प्राकृतिक खेती के गुर
दिनांक 2024-03-12
पल्लू दिनांक 12.03.24 को कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया द्वारा प्राकृतिक खेती पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में पल्लू क्षेत्र के 65 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने सभी किसानों का स्वागत किया। इन्होंनें कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों, प्राकृतिक खेती के महत्व की जानकारी के बारे विस्तार से बताया। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने किसानों को रासायनिक खेती के नुकसान तथा प्राकृतिक खेती के लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी किसानों को दी। इन्होंनें बीजामृत, जीवामृत, बीज शोधन बनाने की विधि व उपयोगिता के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। केन्द्र के कार्यक्रम सहायक रघुवीर सिंह ने मृदा व पानी की जांच व उसके महत्व के बारे में जानकारी दी। कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी ओम प्रकाश सुथार ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी, कृषि पर्यवेक्षक ओम प्रकाश गोदारा ने कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कृषि पर्यवेक्षक रजीराम मील, कृषि पर्यवेक्षक रुकमणी भड़िया, कृषि पर्यवेक्षक रामकुमार मील ने भी किसानों को खेतीबाड़ी के बारे में बताया। प्रशिक्षण के दौरान रामेश्वर लाल जाखड़, परमेश्वर ढ़ाका, हंसराज बीजारणिया, हरफूल पूनिया, इन्द्राज बाना, सोहन लाल, सुरेन्द्र सिंह, प्रेम कुमार मेघवाल, मनीराम कुम्हार, हनुमान सिंह सहित 65 किसानों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
महिलाओं का सशक्तिकरण समाज के लिये जरुरी - डाॅ. अनूप कुमार
दिनांक 2024-03-09
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में गांव भाकरांवाली में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 का आयोजन किया जिसमें 35 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि महिलायें समाज का अभिन्न अंग हैं। उनकी भागीदारी समाज व देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। घर को सम्भालने के साथ साथ खेतीबाड़ी व अन्य देश सेवा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। अतः उनका सशक्तिकरण समाज के लिये जरुरी है। उन्होंनें यह भी बताया कि इस वर्ष महिला दिवस की थीम ‘‘इंस्पायर इंक्लूजन’’ है। जिसके तहत महिलाओं की अहमियत को समझने के लिये लोगों को जागरुक करना है। कीट वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने बताया कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रशंसा करते हुये महिलाओं के आर्थिक राजनितिकि और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाईयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने मातृ शक्ति का सामाजिक उत्थान में योगदान को सुदृढ़ करने के लिये उनको सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में केन्द्र के प्रशिक्षण सहायक रघुवीर सिंह, उप सरपंच भूपराम भरनावा, महावीर बरोड़ व गुरुनानक किसान क्लब के सह-समन्वयक कुलदीप सिंह कलसी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
महिलाओं का सशक्तिकरण समाज के लिये जरुरी - डाॅ. अनूप कुमार
दिनांक 2024-03-09
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में गांव भाकरांवाली में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 का आयोजन किया जिसमें 35 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि महिलायें समाज का अभिन्न अंग हैं। उनकी भागीदारी समाज व देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। घर को सम्भालने के साथ साथ खेतीबाड़ी व अन्य देश सेवा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं। अतः उनका सशक्तिकरण समाज के लिये जरुरी है। उन्होंनें यह भी बताया कि इस वर्ष महिला दिवस की थीम ‘‘इंस्पायर इंक्लूजन’’ है। जिसके तहत महिलाओं की अहमियत को समझने के लिये लोगों को जागरुक करना है। कीट वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने बताया कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रशंसा करते हुये महिलाओं के आर्थिक राजनितिकि और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाईयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने मातृ शक्ति का सामाजिक उत्थान में योगदान को सुदृढ़ करने के लिये उनको सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम में केन्द्र के प्रशिक्षण सहायक रघुवीर सिंह, उप सरपंच भूपराम भरनावा, महावीर बरोड़ व गुरुनानक किसान क्लब के सह-समन्वयक कुलदीप सिंह कलसी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कृषि आदान विक्रेता किसानों के लिये मिनी डाॅक्टर्स- जिला कलक्टर
दिनांक 2024-03-06
कृषि आदान विक्रेता किसानों के लिये मिनी डाॅक्टर्स- जिला कलक्टर आज दिनांक 2 मार्च, 2024 को कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में ‘‘डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन सर्विसेज फाॅर इनपुट डीलर्स’’ के पांचवें बैच का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर जिला कलक्टर, हनुमानगढ़ कानाराम, भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु प्रीतम जाखड़ ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया के सचिव सुखराज सिंह सलवारा, सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) भागीरथ बाकोलिया उपस्थित रहे। इस अवसर पर केन्द्र द्वारा तैयार विभिन्न तकनीकी प्रसा पत्रक ‘‘बायोगैस आज की आवश्यकता’’ गुलाबी सूण्डी का प्रबन्धन तथा पोषण वाटिका का विमोचन कर जिले के किसानों के तकनीकी ज्ञान में वृद्धि करने हेतु समर्पित किया गया। जिला कलक्टर ने अपने मुख्य अथितिय उद्बोद्धन में कृषि आदान विकेताओं को खेती का मिनि डाॅक्टर कहते हुये उनसे अपील की कि वे अपने पेशे में नैतिकता रखते हुये किसानों के लिये कार्य करें। उन्होनें यह भी कहा कि क्षेत्र के नरमा कपास की फसल में गुलाबी लट के प्रबन्धन के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र व कृषि विभाग को सघन जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन करें। प्रीतम जाखड़ ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करतें हुये कहा कि कृषि में नई तकनीकी के उपयोग से पूर्व तकनीकी को बेहतर ढ़ंग से समझें ताकि उस तकनीकी का भरपूर लाभ किसानों को मिल सके। सुखराज सिंह सलवारा ने कहा कि आदान विक्रेताओं को इस डिप्लोमा के दौरान जो तकनीकी ज्ञान प्राप्त हो उसका उपयोग किसानों के हितार्थ करें। कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वामी केशवानन्द महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित करने के साथ केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार सभी का स्वागत किया तथा कार्यकम पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम के साथ साथ कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारास अनुसूचित जाति उप योजनान्तर्ग 75 कृषक व कृषक महिलाओं को श्रम बचत उपकरण व्हील हैन्ड हो तथा सूखा चारा साफ करने की मशीन माननीय मुख्य अतिथि तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान की गई। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के समस्त स्टाॅफ ने सक्रिय भागीदारी प्रदान की। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
सिलाई मशीन व अन्य सामग्री का वितरण
दिनांक 2024-02-07
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया में आयोजित तीस दिवसीय महिला प्रशिक्षण शिविर के तहत सिलाई मशीन एवं सामग्री का वितरण दिनांक 07.02.2024 को किया गया। इस प्रशिक्षण का आयोजन भारत सरकार द्वारा संचालित अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्गत किया गया था। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमति तजिन्द्र कौर सलवारा ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारी का लाभ उठाकर स्वरोजगार के रुप में अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया। श्रीमति तजिन्द्र कौर ने सभी महिलाओं को केन्द्र द्वारा संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर कार्य को आगे बढ़ाने तथा रेडीमेड परिधानों द्वारा अधिक आर्थिक लाभ कमाने के लिये जानकारी उपलब्ध कराई। प्रशिक्षण की पाठयक्रम समन्वयक डाॅ. संतोष झाझड़िया ने प्रशिक्षण की रुपरेखा तथा महिलाओं द्वारा सीखे गये कार्य का विवरण प्रस्तुत किया। इस प्रशिक्षण में कुल 25 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में महिलाओं को विभिन्न आयू वर्ग के परिधानों को काटने व सीलने की प्रयोगात्मक जानकारी दी गई।
कीटनाशक अनुप्रयोग तकनीकी प्रशिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2024-02-08
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में दिनांक 6-7 फरवरी, 2024 को दो दिवसीय कीटनाशक अनुप्रयोग प्रशिक्षण अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्गत सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि संगरिया े उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार ने अपने उद्बोद्धन में किसानों को कीटनाशकों का सही प्रयोग करने व कृषि विविधिकरण तथा देशी गाय पालन करने की सलाह दी ओर कहां की इस बैटरी चालित स्प्रेयर पम्प व सुरक्षा किट का सही उपयोग कर अपनी फसल को कीट, रोग तथा खरपतवार से बचायें। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विश्वप्रकाश चारण, तहसीलदार संगरिया ने प्रशिक्षणार्थियों को खेती के साथ साथ बकरी पालन व मूर्गी पालन करने के लिये कहा। जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने अनुसूचित जाति उपयोजना की जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को दी तथा इस प्रशिक्षण में वितरित सुरक्षा कीट व बैटरी चालित नेपसेक स्प्रेयर पम्प के बारे में बताते हुये अनुसूचित जाति उपयोजनान्तर्गत संचालित गतिविधियों जैसे मछली पालन, मूर्गीपालन, मशरुम उत्पादन, फल व सब्जी परिरक्षण व बीज भण्डारण इत्यादि की जानकारी दी। पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेश कुमार ने स्प्रे करने के तरीके तथा स्प्रे पम्प में अलग अलग जगह पर नोजल बदल कर स्प्रे पम्प के फायदे बताये। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में चावला एन्टरप्राईजेज के प्रतिनिधि करण सिंह ने पम्प की बैटरी तथा स्प्रे पम्प की लाईफ बढ़ाने के तरीके बताये। इस दौरान अनुसूचित जाति के 31 किसानों को बैटरी चालित स्प्रे पम्प व सुरक्षा किट निःशुल्क वितरित किये गये। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
हनुमानगढ़ जिले में फसल विविधीकरण पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, क्षेत्रीय केंद्र, उदयपुरके वैज्ञानिक डॉ. रोशन लाल मीणा, ने फसल विविधीकरण पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत किसान/विस्तारअधिकारी /विकास अधिकारी/इनपुट डीलर हेतु बुधवार सेतीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।यह परियोजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार से वित्त पोषित है।इस कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-I के सहयोग से किया गया।इस परियोजना के तहत पूरे भारतवर्ष में 75 जिलों का चयन किया गया है जिसमें धान की उत्पादकता कम है एवं इन जिलों का बड़ा हिस्सा धान की खेती के लिए उपयुक्त नहीं है। इस कार्यक्रम के तहत राजस्थान के हनुमानगढ़जिले का चयन किया गया है।किसानों, कृषि प्रसार अधिकारियों, विकास अधिकारियों एवं इनपुट डीलर्स को फसल विविधीकरण परियोजना के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र, संगरिया, हनुमानगढ़-I,में किया गया। पहले दिन 35विस्तार/विकास अधिकारी/इनपुट डीलर की ट्रेनिंग का कार्यक्रम रखा। दूसरे दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में 30 किसानों ने भाग लिया और फसल विविधीकरण के विभिन्न आयामों के बारे में उनको जानकारी देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को फसल विविधीकरण, फसल सघनीकरण और वैकल्पिक खेती के बारे में जानकारी मिलीजिसके माध्यम से फसल उत्पादकता और मिट्टी के स्वास्थ्य में स्थायी तरीके से सुधार किया जा सकता है।कार्यक्रम के दौरानडॉ. रोशन लाल मीणा, वैज्ञानिक (सहयोग केंद्र परियोजना अन्वेषक), डॉ.अनूप कुमार, प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-I, और कृषि विज्ञान केंद्र के विषय विशेषज्ञ ने चावल(धान)औरमोनोक्रॉपिंगप्रणाली विविधीकरणऔरसघनीकरण के संबंध के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान दिया।2 दिन के प्रशिक्षण के उपरांत इस प्रोग्राम के अंतर्गत एक दिन का किसान के खेतों का दौरा किया जाना सुनिश्चित किया गया है, जिसके अंतर्गत किसानों के खेती से संबंधित जानकारी, उनके मृदा स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी एकत्रित की जाएगी और उसके आधार पर उनको फसल विविधीकरण केलिएफसलचयनके बारे में जानकारी दी जाएगी।इस अवसर पर डॉ. रोशन लाल मीणा ने निदेशक, राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो,नागपुर,डॉ. एन.जी. पाटिल, क्षेत्रीय केंद्र, बेंगलुरु के प्रमुख, डॉ. वी. रामामूर्ति, क्षेत्रीय केंद्र, उदयपुर के प्रमुख, डॉ. बी.एल. मीना और डॉ. एन. रवि शंकर, प्रधान वैज्ञानिक,भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मेरठको हार्दिक धन्यवाद दिया।
विकसित भारत संकल्प यात्रा गांव नवां व 6 से 8 एलएलडब्ल्यू में
दिनांक 2023-12-23
विकसित भारत संकल्प यात्रा का रथ सुबह 10.00 बजे ग्राम पंचायत 6-8 एलएलडब्ल्यू में तथा बाद दोपहर 2.00 बजे गांव नवां पहंुचा। रथ पहुंचने पर ग्रामवासियों द्वारा ढ़ोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया। इसके उपरान्त माननीय प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड संदेश ग्राम वासियों को सुनाकर संकल्प सम्बंधित विकसित फिल्म का प्रसारण किया गया। कार्यकम के दौरान विभिन्न विभागों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया द्वारा योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को दी गई। इस कार्यक्रम में गांव नवां में सांसद श्री निहालचन्द द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया द्वार प्रकाशित ‘‘मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन’’ फोल्डर का विमोचन किया व किसानों के लिये जारी किया। इस अवसर पर जिले में विकसित भारत संकल्प यात्रा की जिला नोडल प्रभारी प्रीति जैन, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनिता चौधरी, उपखण्ड अधिकारी दिव्या चौधरी व भाजपा के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र पारीक तथा केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार उपस्थित रहे। इस दौरान सांसद महोदय ने युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील की तथा केन्द्र सरकार की योजनाओं के बारे में अवगत कराया तथा मृदा की जांच करवाकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का आह्वान किया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने मृदा स्वास्थ्य, प्राकृतिक खेती तथा पोषण वाटिका आदि के महत्व के बारे में किसानों को विस्तार पूर्वक बताया। कार्यक्रम में लगभग 2500 किसानों, महिलाओं तथा युवाओं ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
विकसित भारत संकल्प यात्रा गांव हिरणावाली व मानुका में
दिनांक 2023-12-23
विकसित भारत संकल्प यात्रा का रथ सुबह 10.00 बजे ग्राम पंचायत हिरणावाली में तथा बाद दोपहर 2.00 बजे गांव मानुका पहंुचा। रथ पहुंचने पर प्रशासन द्वारा स्वागत किया गया। इसके उपरान्त माननीय प्रधानमंत्री का रिकॉर्ड संदेश ग्राम वासियों को सुनाकर संकल्प सम्बंधित विकसित फिल्म का प्रसारण किया गया। मेरी कहानी मेरी जबानी योजनाओं के सफल लाभार्थियो ने अपने अनुभव साझा किये। जिसके अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि. संगरिया द्वारा संचालित निक्रा परियोजना अन्तर्गत जल बचत तकनीकी प्रदर्शनों के लाभार्थी श्री बलविन्द्र सिंह द्वारा बैड प्लान्टर द्वारा मेड़ पर नरमा की बुवाई तथा श्री बलजीत सिंह द्वारा नरमा की फसल में सॉयल टेन्शियोमीटर का प्रयोग पर अपने अनुभव साझा किये। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार मृदा स्वास्थ्य तथा प्राकृतिक खेती पर व्याख्यान दिया। विषय विशेषज्ञ (प्रसार शिक्षा) डॉ. कुलदीप सिंह ने मिलेट्स के महत्व पर चर्चा की। महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये। विद्यालयी छात्राओं द्वारा जल बचत पर अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुती दी । ऑन स्पॉट क्विज कायणर््क्रम में विभिन्न विभागों अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम स्थान पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार, द्वितीय स्थान पर सूचना तकनीकी की प्रोग्रामर उर्मिला बिस्सू तथा तृतीय स्थान पर विकास अधिकारी यशपाल असीजा रहे। कार्यक्रम के दौरान विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में गांव पंचायत की उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। बाून स्पॉट सेवाओं में स्वास्थ्य शिविर, पीएम उज्जवला योजना, पीएम किसान योजना इत्यादि आयोजित की गई। कार्यक्रम की नोडल अधिकारी श्रीमती हर्षिता मिढ़ा, तहसीलदार, हनुमानगढ़, खण्ड विकास अधिकारी यशपाल असीजा, गिरदावर संदीप कौर, पटवारी अमरसिह तथा सरपंच बेअन्त कौर सहित गांव हिरणावाली में 690 तथा गांव मानुका में 1410 ग्रामवासियों व विभिन्न विभागों के अधिकारीयों-कर्मचारियों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
जलवायु समुत्थानशील कृषि में राष्ट्रीय नवाचार तथा गुलाबी लट का प्रबन्धन पर कार्यक्रम
दिनांक 2023-08-25
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में जलवायु समुत्थानशील कृषि में राष्ट्रीय नवाचार परियोजना के अन्तर्गत केन्द्र द्वारा चयनित गांव हिरनावाली में सटीक सिंचाई विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सटीक सिंचाई के महत्व, लाभ, प्रकार इत्यादि विषय पर व्याख्यान शस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा, पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेश कुमार व प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने नरमा की फसल में जलबचत हेतु लगाये गये प्रदर्शनों मेड़ आधारित बुवाई, टेन्शीयोमीटर इत्यादि के बारे में बताया। इसके साथ साथ ही क्षेत्र में नरमा फसल में गुलाबी लट के प्रकोप को देखते हुये केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि इसके प्रबन्धन हेतु केन्द्र द्वारा विभिन्न गांवों में प्रशिक्षण आयोजित किये जा रहे हैं। अभी तक सम्पत नगर, 18 एसपीडी व कालीबंगा गांवों में प्रशिक्षण आयोजित कर नरमा की खेती करने वाले किसानों को इसके जीवन चक्र, एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन के सिद्धान्तों को अपनाते हुए इसके प्रभावी प्रबन्धन की तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाई गई। कुछ क्षेत्रों में नरमा कपास के साथ साथ अन्ण्य खरीफ फसलों पर जैसिड व सफेद मक्खी के होने वाले आक्रमण से बचाव के उपाय भरी सुझाये जा रह हैं। इस कार्यक्रमों में किसान बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं तथा अपनी कृषि सम्बंधी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर रहे हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
संगरिया में बना राज्य का प्रथम मछली पालन कृषक उत्पादक संगठन
दिनांक 2023-08-19
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा गठित तथा नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से संचालित ‘‘हनुराज फिश फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के कृषि विज्ञान केन्द्र के कमरा सं. 8 में स्थापित कार्यालय का उद्घाटन नाबार्ड हनुमानगढ़ के जिला विकास प्रबन्धक दयानन्द काकोडिया, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के अग्रणी बैंक प्रबन्धक राजकुमार, केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार एवं प्रमोटर एफपीओ श्रीमती संदीप कौर निवासी चक हीरासिंहवाला द्वारा किया गया। इस अवसर पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक ने बताया कि राजस्थान राज्य में नाबार्ड द्वारा उत्पादक संगठन विकास निधि के अन्तर्गत अनुदानित प्रथम मछली पालन कृषक उत्पादक संगठन है, इससे जिले के मछली पालक संगठित होकर लाभ कमा सकेंगें। भारतीय स्टेट बैंक, अग्रणी बैंक प्रबन्धक ने बताया कि कृषक उत्पादक संगठन के माध्यम से व्यवसाय को बढ़ाने के लिये भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ काश्तकारों को आर्थिक सम्बल प्रदान करेगा। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनूप कमार ने बताया कि मछली पालन की जिले में विपुल सम्भावनायें हैं। अब जिले के मछली पालक एफपीओ से जुड़कर अपना भविष्य सुनहरा बना सकते हैं, क्योंकि मछली पालन व्यवसाय सम्बंधी सम्पूर्ण जानकारी की उपलब्धता तथा उनके हितों का संरक्षण का होगा। मछली पालन कृषक उत्पादक संगठन के परियोजना प्रभारी व प्रसार वैज्ञानिक डा. कुलदीप सिंह ने बताया कि पांच बोर्ड ऑफ डायरेक्टर तथा पांच प्रमोटर का चयन करने के पश्चात् हनुराज फिश फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड नाम से कम्पनी एक्ट में रजिस्ट्रेशन कार्य पूर्ण हाने के बाद बैंक खाता भी खोला जा चुका है। कोई भी मछली पालक इस संगठन का सदस्य बनकर नीली क्रांति को नई दिशा देते हुये देश के विकास में भागीदार बन सकता है। उन्होंनें बताया कि मछली का बीज, तकनीकी जानकारी तथा बाजार उपलब्ध करवाना इस कृषक उत्पादन संगठन का प्राथमिक उद्देश्य है। अतः खेत में बनी डिग्गी वाले किसान भाई इस संगठन से जुड़कर इस व्यवसाय को अपनाकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते है। इस कृषक उत्पादन संगठन के अध्यक्ष सुखपाल सिंह इन्द्रगढ़, कोषाध्यक्ष हरविन्द्र सिंह एवं सचिव जगजीत सिंह तथा प्रचार प्रसार प्रभारी हनुमान राम मेघवाल, डायरेक्टर परमजीत कौर तथा प्रमोटर रणजीत चाहर, संदीप कौर इत्यादि ने कार्यालय उद्घाटन के बाद मिटिंग कर शीघ्र ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति करने करने तथा शेयरधारक बढ़ाने बढ़ाने का निर्णय लिया। इस संगठन से जुड़ने के लिये कृषि विज्ञान केन्द्र अथवा इस संगठन के डायरकक्टर्स तथा प्रमोटर्स से सम्पर्क किया जा सकता है। वरिष्ठ वैज्ञानिकएवं अध्यक्ष
एससीएसपी कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यक्रम "फार्म तालाबों में स्टंड कार्प फिंगरलिंग उत्पादन" पर इंटरफ़ेस कार्यक्रम
दिनांक 2023-08-09
केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसंधान संस्थान (भा.कृ.अनु.प-सीफा) के क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र बठिण्डा ने कृषि विज्ञान केंद्र, संगरिया, हनुमानगढ़ (राजस्थान) के सहयोग से एससीएसपी कार्यक्रम के तहत एस सी एस पी कार्यक्रम के तहत "फार्म तालाबों में स्टंड कार्प फिंगरलिंग उत्पादन" पर इंटरफ़ेस कार्यक्रम और बेसलाइन सर्वेक्षण का आयोजन 08. 08 . 2023 किया डॉ. अनूप कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, संगरिया, हनुमानगढ़ (राजस्थान) ने स्वागत भाषण दिया और ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका विकास के लिए एस सी एस पी कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया। डॉ. मुकेश कुमार बैरवा, वैज्ञानिक प्रभारी, क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, सीफा बठिंडा ने सभा को संबोधित किया और लाभदायक व्यवसाय/उद्यम विकसित करने में मछली पालन की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने फार्म तालाबों में स्टंटेड फिंगरलिंग उत्पादन के लिए लोगो को तकनिकी जानकारी दी । इस कार्यक्रम के दौरान संगरिया के 40 किसानो ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ मुकेश कुमार बैरवा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
जैविक खेती आज की आवश्यकता- सुखवीर सिंह
दिनांक 2023-08-09
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में दिनांक 17 से 22 जुलाई, 2023 तक छः दिवसीय जैविक खेती विषय पर प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में श्रीगंगानगर, बीकानेर तथा हनुमानगढ़ के 21 प्रतिभागियों जिसमें सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक व प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। ये सभी प्रतिभागी जैविक खेती में रुची रखने वाले किसानों के प्रशिक्षण हेतु मास्टर ट्रेनर के रुप में तैयार किये जा रहे है। इस प्रशिक्षण के लिये वित्तीय व्यवस्था आरडब्ल्यूएसआरडीपी के अन्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा की गई। इस प्रशिक्षण के अन्तर्गत 4 दिवसीय सैद्धांतिक कालांशों के अलावा दो दिवसीय क्षेत्रीय भ्रमण के तहत प्रशिक्षणार्थियों को गुरुकुल कुरुक्षेत्र स्थित प्राकृतिक खेती प्रक्षेत्र पर ले जाया गया। जहां जैविक खेती हेतु आदानों की बड़े स्तर पर निर्माण प्रक्रिया तथा 180 एकड़ में हो रही प्राकृतिक खेती तथा देशी गौवंश की गौशाला का भ्रमण किया। शेष चार दिन कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों व कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा जैविक खेती के विभिन्न पहलुओं की सैद्धान्तिक जानकारी से परिचय कराया गया। दिनांक 22 जुलाई को आयोजित किये गये समापन समारोह में मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया गया तथा प्रमाण पत्र वितरित किये गये। मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित नगरपालिका संगरिया के अध्यक्ष सुखवीर सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों से आग्रह किया कि जैविक खेती आज की आवश्यकता है और इसे अधिक लाभकारी बनाने के लिये इसे सामुहिक व सहकारिता के तौर पर किया जाना चाहिये। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता जल संसाधन (उतर) राकेश गुप्ता ने प्रशिक्षणार्थियों के साथ प्रशिक्षण के दौरान बताये गये विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की। योग प्रशिक्षक कैलाश वर्मा ने जैविक खेती व योग को आरोग्य रहने हेतु आवश्यक बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र सहारण ने कहा कि आप यहां मास्टर ट्रैनर के रुप में प्राप्त ज्ञान को सघन रुप से किसानों में वितरित करें। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें प्रशिक्षण की महत्ता व पाठयक्रम से रुबरु करवाया तथा अन्त में सभी का धन्यवाद किया। समारोह में व्यापार मण्डल अध्यक्ष बलकरण सिंह मान, पार्षद विजेन्द्र कस्वां, अपर लोक अभिायोजक नगरपालिका विधि सलाहकार एडवोकेट गुरलाल मान व कृषि विज्ञान केन्द्र के स्टॉफ ने भाग लिया। प्रशिक्षणोंपरान्त किये गये मूल्यांकन में सर्वोपरि रहे प्रतिभागी 6 एलएलपी रायसिंहनगर से कृषक अमित कुमार, पीलीबंगा से कृषक कालूराम, सहायक कृषि अधिकारी भीमराज जाखड़ व कृषि पर्यवेक्षक सुभाष को सम्मानित किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम
दिनांक 2023-07-17
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में केन्द्र के सभागार में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 95वें स्थापना दिवस तथा तकनीकी दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के 65 कृषकों व कृषक महिलाओं तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के समस्त स्टॉफ ने भाग लिया। ज्ञात हो यह समारोह तीन दिन (16 से 18 जुलाई, 2023) तक चलेगा। इस के दौरान डॉ. सी. सुब्रहमण्यम ऑडीटोरियम नास कम्पलैक्स, नई दिल्ली में आयेजित कार्यक्रम का ऑनलाईन प्रसारण भी किया गया। जिसका शुभारम्भ माननीय मत्स्य, पशुपालन व दुग्ध उत्पादन मंत्री पुरुषोतम रुपाला तथा माननीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री मंत्री कैलाश चौधरी के द्वारा किया गया। वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार के माननीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने सम्बोधन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किसानों के लिये किये गये अनुसंधान कार्यों की सराहना करते हुये भारत सरकार द्वारा किसानोपयोगी योजनाओं की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने कार्यक्रम के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना और उद्देश्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर पशुपालन एवं मत्स्य पालन क्षेत्र में किये गये उत्कृष्ट कार्य के लिये 17 किसानों को प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में गंगमूल डेयरी, हनुमानगढ़ से डॉ. आर.के. शर्मा ने सरस डेयरी की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हूये स्वच्छ दुग्ध उत्पादन तथा संतुलित पशु आहार के बारे में बताया। केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. मुकेश कुमार ने पशुओं की उन्नत नस्लों तथा उनके लिये आवास व्यवस्था पर व्याख्यान दिया। डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा ने पशुओं के लिये खरीफ चारे पर जानकारी दी। डॉ. उमेश कुमार ने खरीफ फसलों के हरे चारे में लगने वाले कीट व बीमारियों तथा उनके प्रबन्धन पर किसानों के साथ चर्चा की। इस दौरान एक कृषि प्रोद्यौगिकी आधारित प्रदर्शनी भी केन्द्र लगाई गई। जिससे किसान लाभान्वित हो सके। कल का तकनीकी कार्यक्रम नरमा कपास व बागवानी पर रहेगा। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन प्रशिक्षण
दिनांक 2023-07-03
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में दिनांक 26 जून से 1जुलाई, 2023 तक छः दिवसीय एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन विषय पर प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। यह प्रशिक्षण जल संसाधन विभाग के राजस्थान वाटर सेक्टर रिसटेक्चरिंग प्रोजेक्ट फॉर डेजर्ट एरिया के अन्तर्गत करवाया गया। इस प्रशिक्षण के समापन में मुख्य अभियन्ता (उत्तर) जल संसाधन विभाग अमरजीत सिंह मेहरड़ा ने बताया इस प्रोजेक्ट में मुख्य कार्य रिलाईनिंग का तथा किसानों को खेती की जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषि विभाग तथा उद्यान विभाग के माध्यम से उपलब्ध करवाना है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा बताया कि प्रशिक्षण में कृषि अधिकारी, सहायक कृषि अधिकारी, कृषि र्प्यवेक्षक तथा प्रगतिशील किसान हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर तथा बीकानेर जिले के प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया बताया कि इस प्रशिक्षण में आईपीएम तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी दी । प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. उमेश कुमार ने जानकारी दी की प्रशिक्षण के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा, डॉ. महावीर कस्वां, डॉ. कुलदीप सिंह तथा डॉ. प्रदीप भाकर ने फसलों , बागवानी तथा सब्जीयों में पोषक तत्वों की कमी, मौसम तथा खेती में लगने वाले कीटों का आईसीटी के माध्यम से हल करने की जानकारी दी, और एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन में कम से कम रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग कर पर्यावरण का ध्यान रखते हुये शस्य, यांत्रिक, भौतिक तथा जैविक विधि से कीट व रोग प्रबन्धन की जानकारी दी। प्रशिक्षणर्थियों को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना का भ्रमण करवा कर स्किल डेवलेपमैन्ट, जैविक नियंत्रण, मधुमक्खी पालन इत्यादि की जानकारी दी। इस दौरान केन्द्र पर केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबन्धन केन्द्र श्रीगंगानगर से डॉ. आर.के. शर्मा द्वारा खरपतवार प्रबन्धन तथा लोकेश मीणा ने जैविक कीट का बड़े स्तर पर पालने की जानकारी तथा केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र, सिरसा के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार ने फार्मर्स फिल्ड स्कूल तथा नरमा कपास में रोग प्रबन्धन की जानकारी दी तथा नीम्बू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र अबोहर के डॉ. जगदीश अरोड़ा ने प्रशिक्षणार्थियों को नीम्बू व सब्जी लगने वाले रोग की जानकारी तथा उनके आई.पीएम. विधि से प्रबन्धन की जानकारी दी। प्रशिक्षणोपरान्त मूल्यांकन किया गया इसमें प्रथम स्थान कुलदीप सिंह (रायसिंहनगर), प्रमोद कुमार (खाजूवाला) तथा द्वितीय स्थान विकास कुमार (मालसर), पवन कुमार (भोमपुरा) रहे। इन सभी चारों प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि अमरजीत सिंह मेहरड़ा तथा कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार द्वारा सम्मानित किये गये। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कृषि सखी प्रशिक्षण का समापनु
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कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में राजीविका योजनान्तर्गत 4 दिवसीय कृषि सखी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में कुल 23 महिला प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संगरिया के एसडीएम रवि नंदीवाल थे। मुख्य अतिथि ने महिला प्रशिक्षणार्थियों को जैविक सब्जी उत्पादन करने का आह्वान किया। इन्होंनें कहा कि हमारे महिला बहिनों में एनीमिया की समस्या देखने को मिलती है। इसलिये महिलाओं को संतुलित आहार लेना चाहिये। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रशिक्षण के समन्वयक डाॅ. अनूप कुमार ने केन्द्र की गतिविधियों एवं कृषि में महिलाओं के योगदान के बारे में बताया। कार्यक्रम प्रभारी महावीर प्रसाद कस्वां ने सब्जी व फल उत्पादन के बारे में सैद्धान्तिक एवं प्रायोगात्मक जानकारी दी। डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने मिट्टी व पानी के नमूने लेने की विधि एवं वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के बारे में बताया। कीट वैज्ञानिक उमेश कुमार ने फसलों में कीट प्रबन्धन एवं मशरुम उत्पादन के बारे में जानकारी दी। केन्द्र की गृह वैज्ञानिक डाॅ. संतोष झाझडिया ने पोषक थाली, पोषण वाटीका व विभिन्न आयु वर्ग के लिये उपयुक्त भोजन की जानकारी उपलब्ध कराई। प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों की सैद्धान्तिक मूल्यांकन परिक्षा का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर पुष्पा सुथार गांव कमाना द्वितीय स्थान पर मंजूबाला गांव साबुआना तथा जसविन्द्र कौर गांव भागसर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
मछली पालन पर कार्यशाला सम्पन्न्न
दिनांक 2022-02-02
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-सी.आई.एफ.ई. के रोहतक केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘आजीविका विकल्प के रुप में जलीय कृषि प्रौद्योगिकी’’ पर संयुक्त रुप से कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया, जिला हनुमानगढ़ में आयोजित किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत की तथा उन्होनें प्रशिक्षण के लिये आये प्रतिभागियों तथा रोहतक केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. पंकज कुमार, डाॅ. श्रीधरन एवं डाॅ. अशोक कुमार का परिचय करवाया। इसके बाद डाॅ. पंकज कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी प्रदान की तथा कार्यक्रम की रुपरेखा के बारे में बताया। इसके उपरान्त सभी वैज्ञानिकों ने अपने अपने विषय से सम्बंधित क्रमशः मछली पालन हेतु तालाब निर्माण, मछलियों के रोग व निदान तथा मछली विपणन सम्बन्धी जानकारी प्रतिभागियों को दी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में आये प्रतिभागियों को मत्स्य पालन करने के लिये प्रेरित किया। सभी मत्स्य पालकों द्वारा उचित प्रतिक्रिया दी गई। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी प्रतिभागियों को रोहतक केन्द्र से आये वैज्ञानिकों द्वारा रजिस्ट्रेशन किट, किराया, भोजन तथा 200 किलो मत्स्य आहार प्रति प्रतिभागी अनुसूचित जाति उपयोजना के अन्तर्गत आवंटित किया गया। मत्स्य फीड आवंटन के दौरान रोहतक केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. हरिकृष्णा, श्री सत्येन्द्र सिंह, डाॅ. अनूप कुमार सहित कुल 30 मत्स्य पालक उपस्थित थे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
सरसों किस्म आर एच- 725 का तिलहन क्रान्ति में महत्वपुर्ण योगदान्न
दिनांक 2020-02-01
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा. वि., संगरिया के तत्वाधान में 5 एन.के.आर. जण्डवाला सिखान में जसप्रीत सिंह के खेत पर सरसों की उन्नत किस्म आर.एच.-725 पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एंव विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा कृषक हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इन्होने प्रक्षेत्र दिवस की महत्ता के बारे में किसानों को अवगत कराया। इन्होने बताया कि सरसों की आर.एच.-725 किस्म उत्पादकता की दृष्टि से काफी अच्छी है। साथ ही क्षेत्र में झींगा उत्पादन व मछली पालन की सम्मभावनाओं से किसानों को परिचित कराया। नार्बाड, हनुमानगढ के जिला विकास प्रबन्धक श्रीमान, दयानन्द काकोडिया ने किसानो के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं में अनुदान व प्रक्रिया की जानकारी दी। डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा ने सरसों की उन्नत किस्म आर.एच.-725 की विशेषताओं व शस्य तकनीकी के बारे में बताया। डॉ. उमेश कुमार ने रबी फसलों तथा आगामी खरीफ फसलो में कीट व रोग प्रबन्धन पर विशेष चर्चा की। डॉ. कुलदीप सिंह नें बताया की क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन व तिलहन क्रान्ति में यह किस्म अपनी महत्वपुर्ण भूमिका अदा कर रही है। डॉ. नरेश यादव ने मिट्टी परीक्षण हेतु नमूना तकनीकी से किसानों को रुबरु करवाया। किसानों द्वारा इस किस्म व उन्नत तकनीकी के बारे में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया गया कि इस किस्म का फैलाव अधिक है तथा सफेद रोली व तना गलन का प्रकोप भी अन्य किस्मों की तुलना में बहुत कम है। इस प्रक्षेत्र दिवस में बाबा वेद प्रकाश किसान क्लब के समन्वयक अमनदीप सिंह तथा सदस्य जितेन्दर सिंह, जगजीत सिंह, बरजिन्दर सिंह, सुखदीप सिंह, गुरप्यार सिंह इत्यादि सहित कुल 36 प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एंव विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
जैव अवयव उत्पादन प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र में सम्पन्न
दिनांक 2022-01-01
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में जैव उत्पादन विषय पर चार दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण दिनांक 8 से 11, फरवरी 2022 सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने बताया किसानों को जैविक खेती अपनाकर कृषि लागत में कमी करें और जैविक खेती करने की सलाह दी। केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को जैविक नियंत्रण के सिद्धान्त और अवधारणाओं से अवगत करवाते हुये प्रक्षेत्र पर माईकोराईजा उत्पादन, मेटाराईजियम उत्पादन की प्रायोगिक व सैद्धान्तिक जानकारी देते हुये कृषि परिस्थितिकी विश्लेषन के बारे में बताते हुये दुश्मन कीटों को किसान के मित्र कीट किस प्रकार परजीवी व परभक्षी कीट का काम करते हैं। केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबन्ध केन्द्र, श्रीगंगानगर के सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी (पौध व्याधि) डाॅ. योन्द्र कुमार ने कृषकों को खेत पर ट्राईकोडर्मा का उत्पादन करने व इससे खेत में होने वाले लाभ के बारे में अवगत कराया। इसी प्रकार श्रीगंगानगर केन्द्र से डाॅ. लोकेश कुमार मीणा, सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी (कीट विज्ञान) ने किसानों को मित्र कीट ट्राईकोग्रामा, ब्रेकोन तथा मकड़ी को खेत पर उत्पादित कर दुश्मन कीटों को नियंत्रण करने की प्रक्रिया से अवगत करवाया। राजस्थान राज्य बीज व प्रमाणीकरण संस्थान, श्रीगंगानगर के बीज प्रमाणीकरण अधिकारी डाॅ. जयसिंह ने किसानों को अपने जैविक उत्पाद को संस्थान में राज किसान पोर्टल पर पंजीकृत करने की प्रक्रिया से अवगत करवाया। कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के वरिष्ठ अनुसंधान सहायक डाॅ. नरेश कुमार यादव ने किसानों को केचुआ खाद तैया करने व इसके प्रयोग के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी तथा केन्द्र पर स्थापित केंचुआ इकाई का भ्रमण करवा कर इसके लगाने के बारे में सलाह दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
राष्ट्रीय किसान दिवस पर किसान संगोष्ठी का आयोजन
दिनांक 2021-12-01
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में गांव ढ़ाबां के ग्राम पंचायत भवन में आज राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर किसान संगोष्ठी ‘‘उत्तम खेती-उन्नत किसान’’ थीम पर आयोजित की गई। आयोजन की अध्यक्षता गांव के पूर्व सरपंच गुरपास सिंह ने की। इस कार्यक्रम में केन्द्र के प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रंखला में इस तरह के कार्यक्रम किसान दिवस के अवसर पूरे भारत वर्ष में आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंनें किसान दिवस के महत्व पर जानकारी देते हुये बताया कि किसानों के सम्मान में भारत सरकार ने वर्ष 2001 में किसानों के लिये पूरी तरह समर्पित पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह के जन्म दिवस को किसान दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की थी। प्रत्येक वर्ष किसानों को समर्पित इस दिवस के मौके पर किसान गोष्ठियों, प्रशिक्षणों, प्रदर्शनियों इत्यादि के माध्यम से नवीनतम तकनीकी का प्रसार किया जाता है। नवीनतम तकनीक की किसानों तक पहुंचने से खेती - किसानी खुशहाल होगी। डाॅ. सिंह द्वारा वेस्ट कम्पोजर तकनीकी तथा बाजार आधारित कृषि प्रसार को बढ़ावा देने के लिये किसान उत्पादक संगठनों की भूमिका पर प्रकाश डाला। पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ. मुकेश कुमार द्वारा पशुओं में थनैला रोग के कारण व निवारण के उपायों की तकनीकी जानकारी प्रदान करते हुये स्वच्छ दुग्ध उत्पादन का महत्व बताया। मौसम वैज्ञानिक प्रदीप कुमार द्वारा मौसम के फसलों पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी देते हुये केन्द्र द्वारा संचालित व्हाट्स एप्प समूह से जुड़ कर लाभान्वित होने की अपील की। उन्होंनें मेघदूत व दामिनि जैसे कृषकोपयोगी एप्प की जानकारी दी। शहीद भगतसिंह किसान क्लब के संयोजक श्री नत्थूराम सिंवर ने कहा कि किसान दिवस के मौके पर इस तरह के आयोजनों का होना जहां तकनीकी के प्रसार में मददगार साबित होते हैं वहीं किसानों में जागरुकता भी आती है। उन्होंनें बताया कि क्लब पिछले 20 वर्षों से प्रत्येक वर्ष किसान दिवस के अवसर पर इस तरह के आयोजनों में भागीदार रहता है। उनका उद्देश्य है कि गांव का किसान सशक्त हो तथा जैविक खेती से जुड़ें। पूर्व सरपंच गुरपास सिंह ने सभी का धन्यवाद करते हुये केन्द्र से जुड़कर ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की । शहीद भगत सिंह किसान क्लब के प्रगतिशील सदस्यों जगसीर सिंह सपोला, अजीत कुमार बेनीवाल, गौशाला अध्यक्ष ढ़ाबां इत्यादि सहित 59 युवाओं तथा किसानों ने भाग लिया।
सतर्कता जागरुकता सप्ताह का आयोजन
दिनांक 0000-00-00
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में सतर्कता जागरुकता सप्ताह (26 अक्टूबर से 1 नवम्बर, 2021) का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि कार्यक्रम ‘‘स्वतंत्र भारत @ 75 सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भर’’ विषय पर पर आयोजित किया गया। इसमें किसानों को भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने व इसको रोकने के लिये शपथ दिलाई गई। इस दौरान केन्द्र के समस्त स्टाॅफ व 32 कृषकों ने शपथ ली। केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेश कुमार ने किसानों को उनके अधिकारों से अवगत करवाया तथा डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने सतर्कता जागरुकता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
महिला किसान दिवस का आयोजन
दिनांक 2021-11-01
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत महिला किसान दिवस का आयोजन हरिजन धर्मशाला स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र, चक हीरासिंहवाला में किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि भारत देश आजादी की 75वीं वर्षगंाठ को अमृत महोत्सव के रुप में मना रहा है। इसी श्रंख्ला में आज नारी शक्ति को समर्पित महिला किसान दिवस का आयोजन पुरे भारतवर्ष में हो रहा है। उन्होंनें केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी देते हुये अनुसूचित जाति उप योजना के बारे में बताया। डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा द्वारा बायोफोर्टीफाईड फसलों की उपयोगिता के बारे में बताते हुये कहा कि कुपोषण की कमी को हल करने में मील का पत्थर सिद्ध होगी। उद्यान वैज्ञानिक महावीर प्रसाद कस्वां द्वारा महलाओं को परिवार की धुरी बताते हुये पोषण गृह वाटिका की तकनीकी जानकारी दी। प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने बताया कि कृषि के साथ साथ सहायक धन्धों को अपनाकर महिलायें आत्मनिर्भर बनकर स्वावलम्बी जीवनयापन कर सकती हैं।महिलाओं के लिये चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में कुल 51 महिला कृषकों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में स्थापित स्वचालित मौसम केन्द्र अधिकारिक रुप से शुरु हो गया है
दिनांक 2021-10-16
जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में स्थापित स्वचालित मौसम केन्द्र अधिकारिक रुप से शुरु हो गया है। अब जिले में अधिकतम व न्यूनतम तापमान, 3 मीटर से 10 मीटर ऊंचाई पर हवा की गति व दिशा, हवा में नमी की मात्रा, मृदा में 10 सेमी., 30 सेमी., 70 सेमी. और 100 सेमी गहराई तक नमी व तापमान का पता चलेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से 15 लाख लागत से स्टेशन की स्थापना की गई है। आज दिनांक 16.10.21 को ग्रामोत्थान विद्यापीठ के सचिव सुखराज सिंह सलवारा ने उद्घाटन कर स्वचालित मौसम केन्द्र को जिले के किसानों के लिये सेवार्थ समर्पित किया। उन्होंनें कहा कि कृषि को और आसान व लाभदायक बनाने का जरिया बताया किसान मौसम के अनुसार कृषि कार्य कर मौसम से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही आकाशीय बिजली के अलर्ट मिलने से जनहानि का बचाव किया जा सकेगा।केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि किसान अपने खेत में कृषि कार्य पूर्वानुमान के अनुसार कर लाभान्वित होंगे। यह वेधशाला किसानों के लियेे फसल, सब्जी, बाग़वानी एवं पशुपालन आदि कार्याे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मददगार साबित होगी। मौसम वैज्ञानिक प्रदीप भाकर के अनुसार बताया गया कि इस अत्याधुनिक मौसम केन्द्र से प्रत्येक 15 मिनट में हो रहे मौसम परिवर्तन की जानकारी मिलेगी। इस परियोजना के अन्तर्गत जिले के किसानों को केन्द्र द्वारा प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आगामी पांच दिनों के लिए जारी होने वाले मौसम पूर्वानुमान पर आधारित कृषि सलाह मोबाईल पर संदेष तथा सोषल मिडिया के माध्यम से प्रदान की जा रही है। केन्द्र तथा मौसम सेवाओं से जुड़ने व साप्ताहिक मौसम की जानकारी प्राप्त करने के लिये किसान अपना नाम, गांव का नाम व ब्लाॅक का नाम कार्यालय में दर्ज करवायें। उद्घाटन सत्र के दौरान गृह विज्ञान महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुरेन्द्र कुमार, दर्षन सिंह, आदित्य पाल सिंह, एस.के. मुरारी, स्नेहलता गाबा, विनोद राव, क्षेत्र के कृषक, डेसी इनपुट डीलर, केन्द्र के वैज्ञानिक व कर्मचारी उपस्थित थे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
अपशिष्ट से खुशहाली कार्यक्रम का आयोजन
दिनांक 2021-10-10
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में आज गांव हरिपुरा में विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत अपशिष्ट से खुशहाली विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने केन्द्र द्वारा संचालित गतिविधियों तथा स्वच्छता के महत्व एवं कचरे के निष्पादन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी महावीर कस्वां ने रसोई घर के कचरे के निष्पादन हेतु स्लाईड शो द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया। घर में बचे हुये कचरे एवं कृषकों के खेतों में फसल से प्राप्त अवशेष की कम्पोस्ट खाद बनाकर इसके सदुपयोग की जानकारी दी। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने रबी फसलों की बिजाई में कार्बनिक खादों के प्रयोग की आवश्यकता जताई जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में सुधार हो सके। इस कार्यक्रम में कृषि पर्यवेक्षक पंकज गोस्वामी व विनोद माहर ने सक्रिय सहयोग दिया। कार्यक्रम के दौरान कृषकों को अपनी फसल के अवशेषों को न जलाकर उनसे कम्पोस्ट बनाकर अपने खेत में प्रयोग करने की सलाह दी। जिससे धुंए से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। इस कार्यक्रम में गांव के 66 प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
मशरुम की खेती स्वरोजगार का अच्छा साधनचा
दिनांक 2021-09-30
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया में दिनांक 27-30 सितम्बर, 2021 को चार दिवसीय मशरुम उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी देते हुये मशरुम की पोष्टिक महत्ता पर प्रकाश डाला तथा बताया कि मशरुम विटामिन डी, जिंक, काॅपर, आयरन का प्रमुख स्रोत है। इन पोषक तत्वों की कमी से हम बहुत सी बिमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। अतः कुपोषण से बचने के लिये मशरुम एक उत्तम विकल्प है। केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने मशरुम की विभिन्न प्रजातियों जैसे ढ़िंगरी, दुधिया, बटन, धान पुआल तथा सिटाके मशरुम की उत्पादन तकनीकों तथा इनकी अजैविक अनियमितताओं, कीट, रोग प्रबन्धन, बाजार वर्गीकरण, मूल्य संवर्द्धन तथा मशरुम प्रोजेक्ट निर्माण के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुये मशरुम उत्पादन की खेती को आय का उत्तम जरिया बताया और इस पर सरकार की अनुदानित योजनाओं की जानकारी दी। प्र्रशिक्षण के दौरान बाजवा मशरुम, करुक्षेत्र के श्री अमृतपाल ने अपने व्याख्यान में मशरुम की स्पानिंग तथा इसकी उपलब्धता की जानकारी देते हुये मशरुम उत्पादन की प्रायोगिक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान हनुमानगढ़ जिले के मशरुम उत्पादक किसान भरत चावला, चावला मशरुम फार्म, हनुमानगढ़, रामप्रताप भाटीवाल, भाटीवाल मशरुम फार्म, कुलचन्द्र, श्याम सुन्दर, कुलचन्द्र, रोहित कुमार, रावतसर ने अपने अनुभव बांटते हुये इसके बाजार के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण में कुल 38 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
जिले में जयन्ति रोहू व झींगापालन के नवाचार पर वैज्ञानिक सलाहकार समिति में चर्चा
दिनांक 2021-07-06
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया द्वारा 25 वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति का आयोजन केन्द्र के सभागार गा्रमोत्थान विद्यापीठ के सचिव सुखराज सिंह सलवारा की अध्यक्षता में आॅनलाईन तथा आॅफलाईन मोड पर किया गया। बैठक के मुख्य अतिथि डाॅ. एस.के. सिंह, निदेशक, अटारी जोधपुर तथा डाॅ. राजेश वर्मा, उपनिदेशक प्रसार शिक्षा, स्वमी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय थे। बैठक के विशिष्ट अतिथि डाॅ. रंगपाल सिंह डांगी, उपनिदेशक, शस्य, एटीसी, हनुमानगढ़ टाउन तथा जयनारायण बेनीवाल, निदेशक, मृदा जैविक कार्बन प्रबन्ध सोसाईटी हनुमानगढ़ थे। बैठक के शुरु होने से पूर्व परम श्रद्धेय शिक्षा सन्त स्वामी केशवानन्द जी के चरणों में पुष्पांजली अर्पित की गई। बैठक की शुरुआत भाकृअनुप के गीत के साथ हुई। बैठक में केन्द्र के गतवर्ष के कार्यों की समीक्षा की गई तथा आगामी वर्ष के लिये कार्ययोजना पर चर्चा की गई। इस बैठक कृषि व कृषि से सम्बंधित विभिन्न विभागों के जिला स्तर के अधिकारियों तथा प्रगतिशील कृषक व कृषक महिलाओं ने भाग लिया। सर्वप्रथम वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने बैठक में पधारे अतिथियों तथा आॅनलाईन जुड़े हुये अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंनें कृषि विज्ञान केन्द्र का प्रगति प्रतिवेदन के साथ साथ मछली पालन पर किये गये किसानोपयोगी कार्यक्रमों की प्रगति प्रस्तुत की। उन्होंनें इस वर्ष झींेगापालन के नवाचार तथा उन्नत जयन्ति रोहू में नवाचार पर प्रक्षेत्र परीक्षण को भी प्रस्तुत किया। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा द्वारा कार्यक्रम का एजेण्डा तथा गतवर्ष की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की कार्ययोजना से बैठक में अवगत कराया। सभी विषय विशेषज्ञों द्वारा अपने अपने विषय का प्रगति प्रतिवेदन तथा आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। इस कार्यक्रम में डाॅ. नरेन्द्र चाहर, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग, हनुमानगढ़, डाॅ. सुरेन्द्र कुमार, प्राचार्य, शिक्षा महाविद्यालय, आदित्यपाल सिंह, प्राचार्य, एस.के. काॅलेज, साहबराम गोदारा, कृषि अधिकारी, हनुमानगढ़, मदन चन्द स्वामी, प्रभारी अधिकारी, राजस्थान खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, दयानन्द काकोडिया, डी.डी.एम. नाबार्ड, राजकुमार एलडीएम, एसबीआई, हनुमानगढ़, अक्षय घिंटाला कृषि विज्ञान केन्द्र, नोहर, प्रेम कुमार, बीज अधिकारी, राजसथान राज्य बीज निगम, हनुमानगढ़, डाॅ. आर.के. शर्मा, सहायक निदेशक, सीआईपीएमसी श्रीगंगानगर, क्षेत्रीय प्रबन्धक भगवान दत्त, एनएफएल श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ से नीरज बेदी तथा प्रगतिशील कृषक जसवन्त भादू, गांव पंडितावाली, सरपंच संतपुरा सुखजीत सिंह, पूर्व सरपंच संतपुरा बलवीर सिंह, जीवन गौशाला, पक्का सारणा से जितेन्द्र गोदारा व मनिन्दर सिंह, एम.आर. जाखड़ इफ्को, हनुमानगढ़, राजेन्द्र शर्मा, क्रय विक्रय सहकारी समिति, संगरिया, प्रगतिशील महिला कृषक शकुन्तला, कृषि सखी सन्तोष खिलेरी सहित 28 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रस्तुती के दौरान कुछ मुख्य सुझाव माननीय सदस्यों द्वारा दिये गये जिसमें धान की श्री तकनीकी की आवश्यकता महसूस की गई। इस विधि को जल व पोषक तत्व बचाव के लिये महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सफलतम किसानों की कहानी विभिन्न माध्यमों से प्रसारित की जावे। जिससे अन्य किसान इसका लाभ ले सके। इन दिनों क्षेत्र की प्रमुख फसलों में सफेद लट का प्रकोप देखा जा रहा है। इसके नियंत्रण की प्रभावी रणनीती तैयार की जावे। दीमक के नियंत्रण के लिये मैटाराईजियम एनासोपली एक प्रभावी जैव अवयव है। इस पर अनुसंधान और प्रचार प्रसार की आवश्यकता है। मल्ठी लेयर बागवानी से किसानों को अधिक लाभ हो सकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र क्षमतानुसार अधिक से अधिक फल सब्जी की पौध व फसलों के बीज उत्पादित किये जाने चाहिये। उपरोक्त सुझाव श्रीमान निदेशक, अटारी, जोधपुर उपनिदेशक कृषि प्रसार, बीकानेर तथा सदन में उपस्थित सभी सम्मानित अधिकारियों द्वारा दिये गये। ग्रामोत्थान विद्यापीठ के सचिव सुखराज सिंह सलवारा ने केन्द्र के विषय विशेषज्ञों को उपरोक्त सुझाव अम्ल में लाने का निर्देश दिया। अन्त में केन्द्र वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने सभी सम्मानित सदस्यों को बैठक में भाग लेने तथा अपने अमूल्य सुझाव देने के लिये धन्यवाद दिया।
पोषण वाटिका एवं वृक्षारोपण महाअभियान का आयोजन
दिनांक 2021-06-06
कृषि विज्ञान केन्द, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया तथा इफ्को, हनुमानगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में अन्तर्राराष्ट्रीय पोषण अनाज वर्ष 2023 के परिप्रक्ष्य में पोषण वाटिका महाअभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम को आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कविता मेघवाल, जिला प्रमुख, हनुमानगढ़ एवं विशिष्ट अतिथि कृष्ण कुमार जैन इफ्को प्रतिनिधि, लीलावाली तथा अति विशिष्ट अतिथि शिवरतन वर्मा, महिला एवं बाल विकास अधिकारीे संगरिया थे। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने पधारे हुये अतिथियों तथा किसान भाईयो-बहनों, कन्याओं तथा रेड्डी के विद्यार्थियों का स्वागत करते हुये बताया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के उपलक्ष आज कृषि विज्ञान केन्द्र तथा इफ्को हनुमानगढ़ द्वारा संयुक्त रुप से अन्तर्राष्ट्रीय पोषण अनाज वर्ष 2023 के तहत पोषण अभियान तथा वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। पूरे भारत वर्ष में महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली तिलोचन महापात्रा, कृषि मंत्री भारत सरकार नरेन्द्र तोमर, राज्यमंत्री कृषि कैलाश चैधरी के द्वारा इस कार्यक्रम का लाईव टेलिकास्ट बड़े पर्दे पर दिखाने की व्यवस्था, 71 कन्याओं तथा अन्य प्रतिभागियों के लिये पोषक खीचड़ी-कढ़ी, पोषण गृह वाटिका हेतु सब्जी तथा पौधे वितरण कार्य आज के कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण थे। डाॅ. कुमार ने पोषण की महत्ता बताते हुये कहा सभी को पोषण गृह वाटिका तथा मोटे अनाओं को भोजन में शामिल करने पर कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सकता है। इफ्को के उप क्षेत्रीय प्रबन्धक एमआर जाखड़ द्वारा चावल तथा रागी में पोषक तत्वों को तुलनात्मक रुप से बताया गया तथा कहा कि हमें छोटे तथा मोटे धान्य पोषण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। जिला प्रमुख कविता मेधवाल ने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि पोषण वाटिका को अपने गृह पर अवश्य लगावें तथा मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करें। इफ्को प्रतिनिधि कृष्ण कुमार जैन ने कहा कि भारतवर्ष में उर्वरक आपूर्ति करने वाली संस्था इफ्को तथा केवीके के संयुक्त प्रयासों से पोषण के इस महाअभियान को गति मिलेगी। इस अवसर पर केन्द्र पर अतिथियों द्वारा पौधारोपण किया गया। प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने बताया कि इस महाअभियान में इफ्को से प्राप्त 100 सब्जी बीज किट तथा कृषि विज्ञान केन्द्र की तरफ से 5 पौधे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा किसानों एवं किसान महिलाओं को वितरित किये गये। इस कार्यक्रम में लक्ष्मी काजला, इन्चार्ज एसपीयू, हनुमानगढ़, विद्यादेवी, पार्षद राजेश डोडा, सुभाष मूण्ड, लालाचन्द मूण्ड, इफ्को स्टाॅफ, भूपसिंह व्याख्याता कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक गण उमेश कुमार, महावीर कस्वां, डाॅ. श्रीमति संतोष झाझड़िया, डाॅ. मुकेश कुमार, प्रदीप कुमार, रविन्द्र कुलड़िया, आनन्द प्रकाश, नीरज आदि सहित कुल 243 की उपस्थिति रही। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
मछली पालन पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित
दिनांक 2021-06-06
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल मछली पालन पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य कृषि फार्म सुरतगढ़ के निदेशक डाॅ. आर.के. दाधिच थे। इन्होंनें अपने उद्बोद्धन में मछली पालन के महत्व के बारे में बताया तथा कहा कि स्वरोजगार हेतु यह एक बहुत अच्छा साधन हो सकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने पालने योग्य मछली की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई। इन्होंनें मछली पालन हेतु तालाब निर्माण, मछली बीजों की उपलब्धता, मछली की बीमारियां व उनकी रोकथाम, पूरक आहार व्यवस्था तथा विपणन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मत्स्य विभाग, सुरतगढ़ से मत्स्य विकास अधिकारी इरशाद खान ने विभाग द्वारा देय विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई तथा झींगा पालन पर भी संक्षिप्त जानकारी किसानों को दी। प्रगतिशील मत्स्य पालक प्रदीप कुमार तथा सुखपाल सिंह ने अपने अनुभव किसानों के साथ सांझा किये। इस वर्चुअल कार्यक्रम में सीकर, चितौड़गढ़, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ के किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में 36 कृषक व कृषक महिलाओं ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2021 का आयोजन
दिनांक 2021-06-06
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा. वि. संगरिया मत्स्य विभाग राजस्थान सरकार के तत्वाधान में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस 2021 का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया। जिसमें हनुमानगढ़, चूरु, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, सीकर, चितौड़गढ़ क्षेत्रों से 49 मछली पालक कृषक व कृषक महिला, मत्स्य अधिकारी व कृषि वैज्ञानिकों नें भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने सभी अतिथि व प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस के आयोजन पर प्रकाश डाला। उन्होंनें कहा कि किसान भाई अपनी जल संग्रहण के लिये बनी डिग्गियों में मछली पालन कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चन्द्र प्रकाश जुयल, सहायक निदेशक मत्स्य, जयपुर ने मत्स्य विभाग द्वारा प्रदेश भर में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। मत्स्य विकास अधिकारी, झालावाड़ मनोज मीणा ने क्षेत्र में झींगा पालन की सम्भावनाओं व उत्पादन तकनीकी पर विचार रखे। मत्स्य विकास अधिकारी मदन धायल ने हनुमानगढ़ में मछली पालन की सम्भावना व उत्पादन तकनीकी की जानकारी किसानों को दी। मत्स्य विकास अधिकारी, सूरतगढ़ इरशाद मोहम्मद ने मछली के आहार व्यवहार पर किसानों को जानकारी उपलब्ध कराई। कृषि विज्ञान केन्द्र से डाॅ. महावीर कस्वां, डाॅ. मुकेश कुमार, रविन्द्र कुलड़िया तथा नीरज कुमार ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोग के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कृषि सखी व ए आर पी को पोषण थाली के गुर सिखाये
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कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा आयोजित व राजीविका, हनुमानगढ़ द्वारा प्रायोजित कृषि सखी एवं एआरपी (कृषि सन्दर्भ व्यक्ति) महिला प्रशिक्षण दिनांक 26 से 29 जुलाई तक आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ से 7 - 7 कृषि सखी व 1 -1 एआरपी महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया। कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने सभी प्रतिभागियो का स्वागत किया व केन्द्र की गतिििवधियों की विस्तार से जानकारी दी। इन्होंनें पोषण थाली की महत्ता के बारे में विस्तार से जानकारी दी केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक महावीर प्रसाद कस्वां ने किचन गार्डनिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। शस्य विज्ञानी डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने खेती बाड़ी से सम्बंधित जानकारी दी। पादप रोग वैज्ञानिक उमेश कुमार ने सब्जी व पौधों में लगने वाले कीट व बीमारियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। गृह वैज्ञानिक डाॅ. सन्तोष झाझड़िया ने फल सब्जियों से व्यंजन तथा परिरक्षण के बारे में बताया। पशु पालन वैज्ञानिक डाॅ. मुकेश कुमार पशुओं के स्वास्थ्य व दुग्ध उत्पादन के बारे में बताया। राजीविका हनुमानगढ़ से जिला प्रबन्धक गौरव, सन्जू पुनिया तथा श्री गंगानगर से जिला प्रबन्धक चन्द्रशेखर तथा क्षेत्र सहायक निरन्जना देवी ने भाग लिया। इसके साथ साथ आरडब्ल्यूएसएलआईपी दीपक दड़ीया, कोमल, यशवन्ति देवी तकनीकी सहायक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर जयपुर से जायका के पदाधिकारी जायका प्रभारी निसार अहमद, डाॅ. पी.के. सिंह, उप निदेशक (उद्यान) तथा आर.एन. सिंह उपस्थित हुये।
नरमा कपास में कीट व रोग नियंत्रण पर प्रशिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2023-05-05
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया के तत्वाधान में दिनांक 30.7.21 को गांव चक हीरासिंहवाला में एक दिवसीय असंस्थागत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण नरमा व कपास में समन्वित कीट रोग प्रबन्धन तथा उसके प्राकृतिक शत्रुओं की जानकारी विषय पर आयोजित किया गया। इस दौरान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र की कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुये रासायनिक दवाओं के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला तथा मछली पालन की योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। केन्द्र के पादप संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ. उमेश कुमार ने कृषकों को नरमा कपास में प्रमुख कीट व रोगों की पहचान, उसके जीवन चक्र तथा उसके प्रबन्धन के बारे किसानों को अवगत कराया और समन्वित कीट प्रबन्धन में किसान के मित्र कीटों की पहचान करवाई। इसी प्रकार स्प्रे यंत्रों की दक्षता बढ़ाने के उपाय बताये। गृह वैज्ञानिक डाॅ. श्रीमति संतोष झाझड़िया ने कृषकों को पोषण वाटिका तथा कृषि में महिलाओं की भागीदारी से अवगत कराया। पशु पालन वैज्ञानिक डाॅ. मुकेश कुमार ने कृषि आय बढ़ाने में पशुपालन की महत्ता पर प्रकाश डाला तथा स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के गुर बताये। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री तरसेम सिंह, सरपंच, चक हीरासिंहवाला ने की तथा अपने उद्बोधन में कहा कि गांव के किसान ज्यादा से ज्यादा कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के सम्पर्क में रह कर कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन तथा मशरुम उत्पादन इत्यादि नवीनतम खेती से अधिक आय प्राप्त करने के प्रयास किये जाने का सुझाव दिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष
मानसुन का आधा सफर तय करने के बाद जिला हनुमानगढ में सामान्य से 31 प्रतिशत ज्यादा बारिश
दिनांक 2021-03-27
जिला मौसम ईकाई, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के अनुसार इस साल जहां पष्चिमी राजस्थान में सामान्य से 6 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई वहीं हनुमानगढ जिले में सामान्य से 31 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है। यह बारिश के आंकडे मानसुन के शुरुआती दो महिनो जुन व जुलाई के अनुसार है। मौसम वैज्ञानिक श्री प्रदीप भाकर के अनुसार जिले में मानसुन का आगमन 5 जुलाई के आस पास माना जाता है। जबकी इस साल 13 जुलाई को पहली बारिश भादरा क्षेत्र में दर्ज की गई। 13 जुलाई से पहले प्री मानसून की बारिश भी दर्ज की गई। हनुमानगढ़ जिले में 1 जून से 31 जुलाई तक कुल औसत वर्षा 190.3 एमएम दर्ज की गई तथा वहीं तहसील अनुसार सबसे अधिक वर्षा भादरा 332 एमएम तथा सबसे कम वर्षा रावतसर 104 एमएम दर्ज की गई। पूर्वानुमान के अनुसार आगामी दिनों में जिला हनुमानगढ़ में आंशिक रुप से बादल छाये रहेंगें तथा दोपहर बाद कहीं कहीं खण्ड बारिश की गतिविधि हो सकती है। अधिकतम तापमाप 35 से 36 तथा न्यूनतम तापमान 28 से 29 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिये जागरुकता कार्यक्रम
दिनांक 2021-04-08
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में कृषक दोगुनी आमदनी में चयनित गांव जण्डवाला सिक्खान के अनुसूचित जाति की 27 महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिये एक दिवसीय जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने केन्द्र की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंनें केन्द्र द्वारा उपलब्ध तकनीकी को कृषि के क्षेत्र में उपयोग कर विभिन्न इकाईयों जैसे मुर्गीपाल, अजोला, मछली पालन, मधुमक्खी पालन इत्यादि अपनाकर आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी। गांव नोडल प्रभारी तथा प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने की जानकारी दी तथा केन्द्र पर स्थापित विभिन्न प्रदर्शन इकाईयों का भ्रमण करवाया ताकि कृषक महिलायें देखकर सीख सकें तथा विश्वास कर सके। महिलाओं द्वारा कृषि सूचना तकनीक इकाई, क्राॅप कैफेटेरिया, बकरी पालन, मुर्गीपालन तथा नर्सरी इत्यादि इकाईयों की अत्यधिक सराहना की गई तथा अपने गांव के अन्य लोगों को भी अधिक से अधिकतकनीकी को अपनाने के लिये जागरुक करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा तथा डाॅ. मुकेश कुमार भी उपस्थित थे।
कृषि सेवा प्रसार प्रदाता प्रशिक्षणार्थियों का केन्द्रीय पशु प्रजनन व केन्द्रीय राज्य फार्म सुरतगढ का भ्रमण
दिनांक 2021-04-03
कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के तत्वाधान में चल रहे 200 घन्टे के भारतीय कृषि कौशल परिषद नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कृषि सेवा प्रसार प्रदाता के 25 प्रशिक्षाणर्थियों ने केन्द्रीय राज्य फार्म सुरतगढ का एक दिवसीय भ्रमण कर तकनीकी जानकारी ‘‘ देखकर सीखो ‘‘ के सिद्वान्त को केन्द्रित रखते हुए प्राप्त की। वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष डाॅ. अनुप कुमार ने बताया कि यह भ्रमण प्रशिक्षाणर्थियों के लिए बहुत अधिक लाभप्रद साबित होगा। प्रशिक्षण प्रभारी डाॅ. कुलदीप सिंह कृषि प्रसार वैज्ञानिक ने कहा कि भ्रमण प्रसार शिक्षण विधि का महत्वपुर्ण विधि है जिसमें प्रशिक्षाणर्थी भ्रमण के दौरान सवाल-जवाब करते हुए तकनीकी सिखते है जो कि कृषि प्रसार के लिए महत्वपुर्ण है। केन्द्रीय राज्य फार्म सुरतगढ के निदेशक डाॅ. आर के दाधिच ने सभी प्रशिक्षाणर्थियों का स्वागत करते हुए अपने उद्भोद्यन मे कहा कि यह फार्म सोवियत संघ रुस के सहयोग से भारत सरकार द्वारा स्थापित प्रथम यन्त्रिकी फार्म है जो सन् 1956 के समय भी उन्नत मशिनरी से प्ररिपुर्ण था। फार्म प्रभारी रंगमहल सुखदीप सिंह ने फार्म का भ्रमण करवाते हुए बीज उत्पादन से सम्बन्धित तकनीकी जानकारी प्रदान की। वर्कशाप प्रभारी बनवारी लाल ओझा द्वारा वर्कशाप में बने मयूजियम का भ्रमण करवाते हुए बताया कि 1956 में सोवियत सघं रुस द्वारा उन्नत मशीनरी उपलब्ध करवायी गई थी जिस कारण यह भारत का पहला यान्त्रिकी फार्म बना। सहायक प्रबंधक उत्पादन वीर सिंह ने नर्सरी का भ्रमण करवाते हुए बताया कि केन्द्र पर सब्जी के उन्नत बीज के साथ फलवृक्षों की पौध भी उपलब्ध करवायी जाती है। केन्द्रीय पशु प्रजनन केन्द्र सुरतगढ के निदेषक डाॅ. एम वी पाटिल ने बताया कि थारपारकर नस्ल का भारत का एक मात्र केन्द्र है। यह नस्ल सर्दी व गर्मी दोनो प्रभावों में अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है। पशु प्रजनन केन्द्र के डाॅ. सन्तोष द्वारा भ्रमण करवाते हुये थारपारकर नस्ल के प्रजनन की शुद्वता बनाये रखने की तकनीकी जानकारी प्रदान की। उन्होने बताया कि नर बछडे केन्द्र द्वारा नस्ल सुधार के लिए उपलब्ध करवाये जाते है। भ्रमण में सभी प्रशिक्षाणर्थियों नें विभिन्न प्रकार तकनीकी जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाया। भ्रमण के अन्त में डाॅ. अनुप कुमार ने केन्द्रीय राज्य फार्म के निदेशक डाॅ. आर के दाधिच तथा थारपारकर गाय प्रजनन केन्द्र के निदेशक एम वी पाटिल को कृषि विज्ञान केन्द्र की तरफ से धन्यवाद दिया। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
मधुमक्खी पालन पर जिला स्तरीय प्र-िरु39याक्षण सम्पन्न
दिनांक 2021-03-27
कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि. संगरिया पर दिनांक 25 से 27 मार्च, 2021 तक आत्मा योजनान्तर्गत तीन दिवसीय मधुमक्खी पालन प्र-िरु39याक्षण सम्पन्न हुआ। जिसमें कुल 26 प्र-िरु39याक्षणार्थियों ने भाग लिया। प्र-िरु39याक्षण में पौध संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ. उमे-रु39या कुमार ने मधुमक्खी पालन की विभिन्न प्रजातियों, मधुमक्खी पालन के लिये आव-रु39ययक सामान, मधुमक्खी पालन की उपयोगिता, मधुमक्खियों के रोग व प्रबन्धन इत्यादि के बारे में जानकारी दी। केन्द्र के -रु39यास्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्र-रु39योखर -रु39यार्मा ने मधुमक्खियों के -रु39यात्रुओं की जानकारी देते हुये उनके रोकथाम के बारे में बताया। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ महावीर कस्वां ने किसानों को मधुमक्खी पालने हेतु उपयुक्त पु-ुनवजयप क्षेत्र के बारे में बताया। केन्द्र के वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र पर संचालित गतिविधियों की जानकारी देते हुये मधुमक्खी पालने के -सजय़ंग तथा एपीरी प्रबन्धन की जानकारी दी। प्र-िरु39याक्षण के दौरान एक प्र-रु39यनोतरी कार्यक्रम हुआ। जिसमें कंवल जीत सिंह, हनुमानग-सजय़ प्रथम स्थान तथा सोहन लाल खाराखेड़ा व कपिल देव, भाकरावाली ने क्रम-रु39याः द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। इनको केन्द्र द्वारा सम्मानित किया गया।
उन्नत तकनीकी से ही दलहन में आत्मनिर्भरता
दिनांक 2021-03-24
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया के तत्वाधान में गांव जण्डवाला सिक्खान के चक 12 एएमपी में साधूसिंह के खेत पर कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन दलहन के अन्तर्गत चना फसल की जीएनजी-2144 किस्म पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। प्रक्षेत्र दिवस में गांव जण्डवाला सिक्खान के 79 किसानों ने व कृषि सेवा प्रसार प्रदाता के प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। प्रक्षेत्र दिवस पर किसानों को सम्बोधित कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने कहा कि देश को दलहन उत्पादन तकनीकी के प्रयोग पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा बताई गई उत्पादन तकनीकी तथा किसानी की तकनीकी में अन्तर बताते हुये उन्होंनें कहा कि किसान के खेत पर दोनों तकनीकी है किसान स्वयं देखकर निर्णय करें। शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने चना की उत्पादन तकनीकी तथा जीएनजी-2144 के गुणों से किसानों को परिचित करवाया। प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने प्रक्षेत्र दिवस की महत्ता तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन की जानकारी किसानों को दी। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
मौसमी सूचनाओं का लाभ उठायें।
दिनांक 2021-03-23
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा. वि., संगरिया के तत्वाधान में केन्द्र परिसर पर विश्व मौसम विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया जिसमें 40 किसानो व युवाओं ने भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनुप कुमार ने मौसम विज्ञान दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये प्रतिभागियों से आग्रह किया कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को जारी मौसम आधारित कृषि सलाह से जुडकर मौसमी सूचनाओं का लाभ उठावें। उन्होने मौसम को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारको की विस्तृत जानकारी दी। शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने किसानो के लिये जारी की जाने वाली मौसम आधारित कृषि सलाह की विस्तृत जानकारी किसानो को दी। प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुुलदीप सिंह ने भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी किये गये दामिनी व मेघदूत एप्स की उपयोगिता पर किसानो को जानकारी दी। उन्होने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 47 व्हाटस एप गुप्स के द्वारा 6568 किसानो को यह जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा एस.एम.एस. सेवा के माध्यम से भी पूरे जिले में उक्त मौसम सम्बन्धी अलर्ट जारी किये जाते है। प्रतिभागी संदीप ने बताया कि 19 मार्च को जारी एडवाइजरी में 20-23 मार्च 2021 की मौसम सम्बन्धी जो जानकारी दी गई थी वह शत प्रतिशत सटीक निकली। इस एडवाइजरी से मुझे बहुत अधिक लाभ हुआ है। मैं अपने बाग में कल स्प्रे करने जा रहा था लेकिन मौसम की जानकारी के मद्दे नजर मैने स्प्रे स्थगित कर दिया और रात को ही बारिश हो गई। अगर मैं स्प्रे करता तो दवा निर्थक ही जाती। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
जल बचत आज की आवश्यकता
दिनांक 2021-03-22
ग्रामोत्थान विद्यापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के तत्वाधान में विश्व जल दिवस कार्यक्रम के तहत गांव साबुआना में जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये एक संगोश्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने कहा कि जल बचत आज के समय की आवयश्कता है। उन्होनें कहा कि वर्तमान समय में जिस प्रकार जल का दोहन हो रहा है वह समय दूर नहीं है जब पृथ्वी पर जल का संकट पैदा हो जायेगा। इसलिये हमें अभी से ही जल बचत के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। वर्षा जल को व्यर्थ बहने से बचाने के लिये इसका भण्डारण करना चाहिये। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा ने कहा जल बचत के लिये कम पानी चाहने वाली फसलों तथा किस्मों का चयन करना चाहिये तथा उद्यानिकी फसलों में बूंद बूंद सिंचाई पद्धति तथा फसलों में फव्वारा सिंचाई, मल्चिंग इत्यादि तकनीकी का प्रयोग कर जल बचत की जा सकती है। केन्द्र के प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने विश्व जल दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये सचेत किया कि जल की बर्बादी रोकना सभी का दायित्व है नही ंतो आने वाले समय में गम्भीर परिणाम भुगतने होंगें। किसान भाई जल बचत की तकनीकी को अपनाकर जल बचत के साथ साथ अच्छा उत्पादन भी ले सकते हैं। इस संगोष्ठी में कृषि प्रसार सेवा प्रदाता के प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लेकर संगोष्ठी करने का प्रायोगिक अभ्यास भी किया। कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक सुखचरण सिंह, दारा सिंह, हरचरण सिंह, दौलतराम इत्यादि कुल 46 कृषकों, कृषक महिलाओं ने भाग लिया। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कौशल दक्षता से आत्मनिर्भरता
दिनांक 2021-03-18
ग्रामोत्थान विद्यापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के तत्वाधान में किसानों की आमदनी दोगुनी के अन्तर्गत चयनित गांव जण्डवाला सिक्खान में कौशल दक्षता आधारित 30 दिवसीय अनुसूचित जाति महिला सिलाई प्रशिक्षण स्थानीय हरिजन धर्मशाला जण्डवाला सिक्खान में डाॅ. अनूप कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक की अध्यक्षता में शुरु हुआ। मुख्य अतिथि सरपंच जगसीर सिंह सलवारा तथा विशिष्ट अतिथि गुरुद्वारा कोषाध्यक्ष हरचरण सिंह सलवारा तथा पूर्व सरपंच बलजीत कौर थे। इस अवसर पर डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण ‘‘अनुसूचित जाति उपयोजना’’ के तहत अनुसूचित जाति की महिलाओं तथा युवतियों के लिये स्वरोजगार की ओर पहला कदम है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर वे आत्मनिर्भर बनकर आर्थिक रुप से सम्बल बन सकती है। गांव के सरपंच सरदार जगसीर सिंह सलवारा ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण सम्भावलम्बी बनने के लिये मील का पत्थर साबित होते हैं। उन्होंनें महिलाओं से आह्वान किया कि इस प्रशिक्षण में सभी नियमित रुप से उपस्थित रहें ताकि अच्छी तरह से ज्ञान अर्जित कर सकें। केन्द्र के प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने बताया कि ‘‘कृषक आय दुगूनी’’ में चयनित इस गांव में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा पोषण गृह वाटिका, फसलों, पशुपालन, बागवानी, एवं मछली पालन की उन्न्त तकनीकी के प्रसार के लिये प्रथम पंक्ति प्रदर्शन, प्रशिक्षणों की कड़ी को आगे बढ़ाते हुये लम्बी अवधि का यह प्रशिक्षण ‘करके सीखो’ के सिद्धान्त पर आधारित है। इस प्रकार के कार्यक्रम से परिवार की आमदनी बढ़ाने में मददगार साबित होंगें। कार्यक्रम में बाबा वेदप्रकाश किसान क्लब जन्डवाला सिक्खान के सदस्य जगजीत सिंह, वार्ड पंच मेजर सिंह, जसपाल सिंह तथा सोमासिंह इत्यादि अन्य गणमान्य उपस्थित थे। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
संगरिया
दिनांक 2021-03-18
आज ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया स्थित सर छोटूराम स्मारक संग्रहालय और स्वामी केषवानंद स्मृति मंदिर का भ्रमण करने लिये तेरापंथी, आचार्य तुलती के षि-ुनवजयय जैन मुनि भूपेन्द्र कुमार अपने षि-ुनवजयय के साथ आये। उनके साथ सुरेन्द्र बांठिया एवं अन्य भी थे। उन्हें संग्रहालय का अवलोन संस्था के संगठन सचिव गोविंद -रु39यार्मा ने करवाया। स्वामी केषवानंद स्मृति मंदिर में स्थापित स्वामी जी प्रतिमा, चैधरी बहादुर सिंह जी की प्रतिमा ने उन्हें विषे-ुनवजया रूप से प्रभावित किया। स्मृति मंदिर के चित्रों का अवलोकन करने के बाद मुनि भूपेन्द्र कुमार जी ने एक वीडियों भी बनवाया, जिसमें उन्होंने स्वामी केषवानंद जी के पूरे जीवन की ओर उनके विभिन्न योगदानों की पूरी कहानी अपनी -रु39याुद्ध और प्रभावषाली वाणी में हूबहू सुनाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘ संसार में कुछ व्यक्तित्व इस रूप में उभर कर सामने आते हैं जो अपने पुरु-ुनवजयाार्थ के आधार पर पूरे संसार के मानचित्र को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं स्वयं भले ही अभाव की अंदर जीते हैं पर अपने स्वभाव को परिवर्तित करके एक नए इतिहास का सृजन कर देती है -िरु39याक्षा के क्षेत्र में अभिनव क्रांति लाने वाले संत पुरु-ुनवजया के रूप में उभर कर सामने आए थे स्वामी के-रु39यावानंद जी’’ (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
संगरिया
दिनांक 2020-02-27
राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के न्यायाधीष मनोज गर्ग एवं उनकी पत्नी श्रीमती संगीता गर्ग ने यहां की प्रमुख षिक्षण संस्था ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया का भ्रमण किया। संस्था के स्वामी केषवानंद मेमोरियल पब्लिक स्कूल के मुख्य द्वार पर उनका भावभीना स्वागत किया गया। इस अवसर एसकेएम प्राचार्य एस.के. मुरारी , षिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्य सुरेन्द्र कुमार सहारण, बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती स्नेहलता गाबा, संगठन सचिव गोविंद शर्मा, कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य आदित्य तूर, नरेन्द्र थापन, स्वामी केषवानंद ट्रस्ट की ओर से बलराम स्वामी एवं अन्य कई संस्था के कार्यकर्ता उपस्थित थे। गर्ग दंपत्ति ने संस्था के संस्थापक बहादुर सिंह भोभिया और पोषक स्वामी केषवानंद जी के स्मृति स्थलों का अवलोकन किया और पुष्पांजलि अर्पित की। माननीय न्यायाधीष श्री मनोज गर्ग को संस्था की ओर संस्था और स्वामी जी से संबन्धित साहित्य भी भेंट किया गया। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
जल कृषि की जानकारी दी
दिनांक 2020-06-20
संगरिया - कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा जल कृषि पर संस्थागत प्रषिक्षण षिविर सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस संस्थागत प्रषिक्षण में कुल 15 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रषिक्षण के दौरान कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुये सभी प्रषिक्षणार्थियों की पहले थर्मल स्केनिंग की गई, मास्क लगाकर प्रषिक्षण कक्ष में बैठाया गया तथा आपसी 2 गज दूरी का ध्यान रखते हुये सम्पन्न कराया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि प्रषिक्षण का मुख्य उद्देष्य खेतों में बनी पक्की डिग्गियों में सिंचाई हेतु जल संरक्षण के साथ साथ मछली पालन कर अतिरिक्त आय अर्जित करना है। इस दौरान इन्होनें मछली पालन, मछली बीज उपलब्धता, मछलियों में रोग व उनका निदान, पुरक आहार व्यवस्था इत्यादि पर विस्तार से चर्चा की। प्रषिक्षणार्थियों को मछली तालाब का भ्रमण कराया गया तथा जाल चलाने की तकनीकी बताई गई। प्रषिक्षण के दौरान मछली उत्पादन पर बनी फिल्म भी दिखाई गई। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
पर्यावरण सरक्षण हेतु पौधा रोपण
दिनांक 2020-06-05
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि. संगरिया पर आज दिनांक 5.6.2020 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर केन्द्र के सभी कर्मचारी, कृषक व कृषक महिलाओं ने भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने विश्व पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुये बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु अधिक से अधिक पौधारोपण कर उनकी देखभाल करें। पर्यावरण संरक्षण में मनुष्यों के साथ साथ पशु पक्षियों के महत्व के बारे में प्रकाश डाला। इसके साथ साथ इन्होंनें पक्षियों के लिये परिण्डे बांधने का भी सुझाव दिया ताकि पक्षियों को गर्मी में पीने के पानी व्यवस्था हो सके। इस मौके पर केन्द्र पर पौधरोपण के साथ साथ परिण्डे भी बांधे गये। कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रशेखर शर्मा, उमेश कुमार, महावीर कस्वां, डाॅ. मुकेश कुमार, प्रदीप भाकर, रविन्द्र कुलड़िया, आनन्द प्रकाश ने विचार रखे। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के कृषक तथा कृषक महिलाओं ने भी भाग लिया। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
पशुपालकों की आॅनलाईन बैठक का आयोजन
दिनांक 2020-02-20
संÛरिया - कृषि विज्ञान केन्द्र, Û्रा-वि-, संÛरिया में कोविड-19 के दौरान पशुपालकों के साथ आॅनलाईन बैठक का आयोजन किया Ûया। जिसमें इस संकट की ?ाड़ी में पशुपालकों को कोरोना वायरस के साथ डेयरी का व्यवसाय करने के Ûुर दिये। इस बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार, पशु पालन वि’ोषज्ञ डाॅ- मुके’ा कुमार, कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ- कुलदीप सिंह ने भाÛ लिया। इस बैठक में अम्बाला कृषि विज्ञान केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ-नवीन सैनी तथा अम्बाला के ही 3 किसानों ने भी ’िारकत की। बैठक के दौरान डाॅ अनूप कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र की Ûतिविधियों, कोविड-19 से बचने के उपाय, खेती बाड़ी से जुड़े किसानों के सवालों का जवाब दिया। डाॅ- मुके’ा कुमार ने मौसमी बीमारियों से पशुओं के बचाव के उपाय बताये तथा लाॅकडाउन के दौरान रखने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार पूर्वक किसानों को अवÛत कराया। डाॅ- कुलदीप सिंह ने भी अपने विचार किसानों से साझा किये। इस बैठक में आॅनलाईन कुल 22 किसानों ने सहभाÛिता की। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
जैविक खेती को जीवन का आधार बनायें - छीम्पा
दिनांक 2020-02-20
संÛरिया 20-2-2020 - स्थानीय कृ”िा विज्ञान केन्द्र, Û्रामोत्थान विद्यापीठ, संÛरिया की 23 वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन केन्द्र के सभाÛार में हुआ। बैठक की अध्य{ाता आनन्द स्वरुप छिम्पा, , संयुक्त निदे’ाक कृ”िा, श्रीÛंÛानÛर ने की। बैठक के मुख्य अतिथि डाॅ- जे-पी- लखेरा, उपनिदे’ाक प्रसार ’िा{ाा, स्वामी के’ावानन्द कृ”िा वि’वविद्यालय, बीकानेर तथा अति वि’िा”ट अतिथि डाॅ- उम्मेद सिंह ‘ोखावत, {ो=ीय निदे’ाक, अनुसंधान, श्रीÛंÛानÛर ने भाÛ लिया। केन्द्र के वरि”ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने बैठक के सभी सम्मानित सदस्यों का स्वाÛत किया तथा कृ”िा विज्ञान केन्द्र का प्रÛति प्रतिवेदन व आÛामी वार्”िाक कार्य योजना प्रस्तुत की। बैठक में केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ- चन्द्र’ोखर ‘ार्मा, उमे’ा कुमार, महावीर प्रसाद कस्वां, डाॅ- मुके’ा कुमार, डाॅ- कुलदीप सिंह व प्रदीप कुमार ने क्रम’ाः फसलोत्पादन, पादप संर{ा.ा, उद्यान विज्ञान, पशु पालन, कृ”िा प्रसार व कृ”िा मौसम सेवा से सम्बंधित वर्”ा 2019 में किये Ûये अनुसंधान व प्रसार कार्यक्रमों का ब्यौरा रखा तथा आÛामी वर्”ा 2020 की कार्य योजना प्रस्तुत की। डाॅ- जे-पी- लखेरा ने बताया कि किसानों की आय को दोÛुना करने में किसान उत्पादक संÛठन (थ्च्व्) का भी महत्वर्पू.ा योÛदान है अतः किसानों को इस ओर प्रेरित करें। डाॅ- यू-,स- ‘ोखावत ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने में कृ”िा विविधीकर.ा (बकरी पालन, मुर्Ûीपालन, मधुमक्खी पालन, म’ारुम उत्पादन, मधुमक्खी पालन) भी अहम भूमिका निभा सकता है। अतः किसानों को इस ओर प्रेरित करें। आनन्द स्वरुप छिम्पा ने कहा कि कृ”िा उत्पादों से अच्छा लाभ लेने के लिये ,Û्रो प्रोसेसिंÛ की तरफ कदम रखना होÛा। इसके अलावा पर्यावर.ा संर{ा.ा व अच्छे स्वास्थ्य के लिये जैविक खेती को आधार बनायें। इसके लिये पशुपालन व नस्ल सुधार को प्रोत्साहित करें। दयानन्द काकोडिया, जिला विकास अधिकारी नाबार्ड ने फसल विविधीकर.ा पर जोर देते हुये कहा कि इससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार के साथ साथ कृ”िा लाÛत में भी कमी आयेÛी। बैठक में अमित बीका प्रबन्धक, पंजाब नै’ानल बैंक, साहबराम Ûोदारा, उप परियोजना निदे’ाक (आत्मा), डाॅ- रंÛपाल सिंह डांÛी उप निदे’ाक कृ”िा (’ास्य), मनीराम जाखड़, उप {ो= प्रबन्धक इफ्को, जोÛिन्द्र, सहायक {ो=ीय प्रबन्धक, ,न,फ,ल, डाॅ- हनुमाना राम, प्रोफेसर ने भाÛ लिया तथा कृ”िा विज्ञान केन्द्र के कृ”ाक सेवा कार्यक्रम में सुधार के लिये अपने अमूल्य सुझाव दिये तथा डाॅ- अनूप कुमार ने उन सभी सुझावों को अमल में लाने का आ’वासन दिया और सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। वरिश्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष
जैविक खेती को बढ़ावा दें
दिनांक 2020-02-20
कृ”िा विज्ञान केन्द्र, Û्रा-वि- संÛरिया के तत्वाधान में Ûांव मालारामपुरा में असंस्थाÛत प्र’िा{ा.ा ‘‘Ûेहूँ की जैविक खेती’’ वि”ाय पर आयोजित किया Ûया। जिसमें 94 किसानों ने भाÛ लिया। प्र’िा{ा.ा कार्यक्रम में केन्द्र के वरि”ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने कृ”िा विज्ञान केन्द्र की Ûतिविधियों की जानकारी दी व जल बचत व जैविक खेती पर प्रका’ा डाला। इन्होंनें बताया कि ?ार पर खाने के लिये जैविक सब्जी, जैविक खाद्यान, पशुओं का चारा जैविक रखें जिससे हमें स्वस्थ खाना मिले। ‘ास्य वैज्ञानिक डाॅ- चन्द्र’ोखर ‘ार्मा ने रबी फसलों के सामयिक कार्य व पादप संर{ा.ा पर किसानों से चर्चा की। उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वां ने बाÛ लÛाने से पूर्व सावधानी व बाÛ लÛाने के बाद उसकी देखभाल पर विस्तृत जानकारी दी। मौसम विज्ञानी प्रदीप कुमार ने फसलों पर बदलते मौसम के प्रभाव व उनसे फसलों की सुर{ाा की जानकारी दी। केन्द्र के प्र’िा{ा.ा सहायक आनन्द प्रका’ा ने किसानों को मृदा व जल के नमूने लेने की तकनीकी जानकारी किसानों को दी। वरिश्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष
केन्द्र पर
दिनांक 2020-02-14
कृशि विज्ञान केन्र्र, ग्रा.वि., संगरिया के तत्वाधान में भारतीय कृशि कौषल परिशद द्वारा प्रायोजित 200 घण्टे का प्रषिक्षण विशय ‘‘डेयरी फार्मर- उद्यमी आयोजित किया जा रहा है। प्रषिक्षण के दौरान संगरिया के थानाधिकारी इन्द्र कुमार वर्मा ने प्रषिक्षणार्थियों से रुबरु होकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि प्रषिक्षण पष्चात् डेयरी फार्मिंग को एक स्वरोजगार के रुप अपनाकर प्रषिक्षणार्थी अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने सभी प्रषिक्षणार्थियों का स्वागत करते हुये केन्द्र की गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी दी। प्रषिक्षण प्रभारी डाॅ. मुकेष कुमार ने सभी प्रषिक्षणर्थियों से परिचय करवाया तथा प्रषिक्षण के महत्व पर पूर्ण प्रकाष डाला। वरिश्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष
कृ”िा सम्बंधी नवीनतम जानकारी के लिये कृ”िा विज्ञान केन्द्र से जुड़ें-Ûुरदीप सिंह ‘ााहपीनी
दिनांक 2020-02-20
कृ”िा विज्ञान केन्र्र, Û्रा-वि-, संÛरिया }ारा Ûांव ‘ााहपीनी में किसान Ûो”ठी का आयोजन किया Ûया। यह कार्यक्रम Û्राम पंचायत भवन में सम्पन्न हुआ। जिसमें Ûांव ‘ााहपीनी के 90 कृ”ाक व कृ”ाक महिलाओं ने भाÛ लिया। कार्यक्रम में वरि”ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने कृ”िा विज्ञान केन्द्र की Ûतिविधियों की जानकारी के पानी संÛ्रह.ा के लिये बनाई Ûई डिग्Ûियों में तथा Û्रामी.ा जला’ायों में मछली पालन पर विस्तृत व्याख्यान दिया। ‘ास्य वैज्ञानिक डाॅ- चन्द्र’ोखर ‘ार्मा ने रबी फसलों Ûेहूं, सरसों व चना की ‘ास्य क्रियाओं के साथ मृदा परी{ा.ा हेतु नमूना लेने की विधि बताई। पादप रोÛ विज्ञानी उमे’ा कुमार ने रबी फसलों में लÛने वाले कीट व रोÛों के प्रबन्धन की जानकारी दी। सरसों में आ रहे सफेद रोली रोÛ के प्रबन्धन हेतु रिडोमिल के छिड़काव की सलाह दी उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वां ने नीम्बूवर्Ûीय फलवृ{ाों में सामयिक व सब्जी उत्पादन के महत्वर्पू.ा कुर बताये। कृ”िा मौसम वैज्ञानिक प्रदीप कुमार ने केन्द्र }ारा ‘ाुरु होने वाली Û्रामी.ा मौसम सेवा की जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई। मौसम में आ रहे बदलाव के समय फसलों में किन वि’ो”ाताओं का ध्यान रखा जाये किसानो के साथ साझा की। कार्यक्रम में संÛरिया के माननीय विधायक Ûुरदीप सिंह ‘ााहपीनी भी किसान Ûो”ठी में पधारे। केन्द्र प्रभारी डाॅ- अनूप कुमार }ारा माननीय विधायक का स्वाÛत किया Ûया तथा केन्द्र की Ûतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। Ûुरदीप सिंह ‘ााहपीनी ने किसानों को सम्बोधित करते हुये कहा कि कृ”िा {ो= में हो रही नवीनतम तकनीकी जानकारी प्राप्त करने के लिये कृ”िा विज्ञान केन्द्र से जुड़ें। उन्होंनें किसानों से आÛ्रह किया कि वे जल बचत व जल के उचित प्रबन्धन हेतु सरकार की डिग्Ûी निर्मा.ा योजना में ‘ाामिल हों व अपने फार्म पर जल संÛ्रह.ा के लिये डिग्Ûी बनायें। भारत सरकार }ारा चलाये जा रहे किसानों की आय को दोÛुना करने के अभियान को सफल बनाने के लिये किसानों को खेती के साथ साथ अन्य सहायक धन्धे जैसे पशुपालन, बकरी पालन, मुर्Ûी पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, म’ारुम उत्पादन, सब्जी उत्पादन व बाÛवानी आदि को भी अपनायें और Û्रामी.ा युवाओं को इन धन्धों से जोड़ें। केन्द्र के प्र’िा{ा.ा सहायक आनन्द प्रका’ा ने किसानों को अजोला उपयोÛ व उत्पादन की जानकारी दी।
स्वस्थ धरा - खेत हरा भरा
दिनांक 0000-00-00
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के तत्वाधान में विष्व मृदा दिवस 2019 के उपलक्ष्य में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर कृषक प्रषिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में उद्दगार व्यक्त करते हुये संगरिया विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी ने कहा कि यदि मृदा स्वस्थ होगी तभी खेत हरे भरे रहेंगें। उन्होंनें किसानों से अपील करते हुये कहा कि वे समन्वित कृषि पद्धति को अपनाकर ही खेती को लाभदायक बना सकते हैं तथा खुषहाल हो सकते है। उन्होंनें कहा कि प्रत्येक किसान को मृदा स्वास्थ्य कार्ड अवष्य बनाना चाहिये। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि ग्रामोत्थान विद्यापीठ के निदेषक सोहन लाल मरेजा ने किसानों को वैज्ञानिकों के मार्गदर्षन मंें कृषि में नवीनतम तकनीक अपनाकर लाभ दायक बनाना चाहिये। केन्द्र वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने सभी अतिथियों को स्वागत करते हुये विष्व मृदा दिवस के महत्व पर प्रकाष डाला तथा मृदा को स्वस्थ रखने के उद्देष्य की पूर्ति के लिये मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही उर्वरक प्रयोग करने का सुझाव दिया। शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रषेखर द्वारा सिंचाई जल तथा मृदा जांच के महत्व व नमूना लेने की विधि के बारे में बताया। पशु पालन वैज्ञानिक डाॅ. मुकेष कुमार कुमार द्वारा खेती के साथ साथ पशु पालन को अपनाने की आवष्यकता पर बल दिया। पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार द्वारा फसल अवषेष को जलाने से होने वाले नुकसान से बचने के लिये मषरुम की खेती को इसका विकल्प बताया। प्रक्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम में सूचना तकनीक इकाई के बारे प्रसा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह द्वारा जानकारी दी तथा केन्द्र पर स्थापित तकनीकी प्रदर्षन इकाईयों का भ्रमण करवाया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के 102 प्रतिभागी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान 35 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये। जैविक खेती आज की आवष्यकता, जल कृषि, चना की खेती तथा ट्राईकोडर्मा बनाने की विधि तथा महत्व इत्यादि चार तकनीकी प्रसार पत्रकों का विमोचन विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी, ग्रामोत्थान विद्यापीठ के निदेषक श्रीमति संतोष अग्रवाल व सोहनलाल मरेजा, ग्रामोत्थान विद्यापीठ सीनियर सैकण्डरी स्कूल के प्राचार्य इन्द्रजीत बेनीवाल, एसकेएम, पब्लिक स्कूल के प्राचार्य एसके मुरारी तथा केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनुप कुमार ने किया। कार्यक्रम के अन्त में ग्रामोत्थान विद्यापीठ की निदेषक श्रीमति संतोष अग्रवाल विधायक को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
50 युवा स्वयंसेवकों का प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2019-10-26
संगरिया .. नेहरू युवा केंद्र युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक योजना के अंतर्गत 50 युवा स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण नेहरू युवा केंद्र हनुमानगढ़ द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ मुखराम कड़वासरा ए कार्यक्रम की अध्यक्षता नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक जे एल पवार ने की विशिष्ट अतिथि पंचायत समिति सादुलशहर के उपप्रधान सुरेंद्र जालंधराए नेहरू युवा केंद्र श्रीगंगानगर के जिला युवा समन्वयक भूपेंद्र सिंह शेखावत रहे 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान यूथ वॉलिंटियर्स शैक्षणिक गतिविधियां तथा क्षेत्रीय भ्रमण क के द्वारा युवा सहभागिता एवं युवा मंडलों के द्वारा विभिन्न राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में युवाओं की भूमिका को जानने और सीखने का प्रयास किया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ मुखराम कड़वासरा ने प्लास्टिक से होने वाली गायों की मौत को भी पशु क्रूरता का हिस्सा बताया कड़वासरा ने युवाओं से आह्वान किया की वो भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान जैसे स्वच्छ भारतए प्लास्टिक मुक्त भारत एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ में अपना सक्रिय सक्रियता दिखाएं उन्होंने कहा कि युवा समाज में नए बदलाव को लेकर चेतना जगाने का प्रयास करें कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक जे एल पवार ने कहा कि आज युवा नशाखोरीए अलगाववादए नक्सलवाद जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का डटकर सामना करें और एक जिम्मेदार नागरिक का दायित्व अपने कंधों पर ले कृषि विज्ञान केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ अनूप कुमार ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में तकनीकी स्थानांतरण तथा किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए युवाओं को एकजुट होना पड़ेगा तथा कृषि के क्षेत्रों में नवाचारों को ग्रामीण इलाकों तक ले कर जाना होगा उन्होंने कहा कि इसमें सुधार लाने के लिए नेहरू युवा केंद्र एवं कृषि विज्ञान केंद्र दोनों विभागों को मिलकर सहकारिता के साथ करने की आवश्यकता है प्रशिक्षण शिविर के प्रभारी डॉ मंगलराम जाखड़ ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को समाज के प्रति संवेदनशील तथा सकारात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाते हैं आज बेरोजगारी ए उदासीनता से जूझ रहे ग्रामीण युवाओं को ऐसे प्रशिक्षण के माध्यम से कौशल विकास ए व्यक्तित्व विकास जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी संपन्न किए जा सकते हैं जो युवाओं को स्वरोजगार तथा ग्राम विकास के लिए प्रेरित करेंगे कार्यक्रम का मंच संचालन आयोजन समिति के सदस्य एवं जिला युवा कार्यक्रम सलाहकार समिति के सदस्य दलीप वर्मा ने किया उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान युवाओं ने स्वामी केशवानंद संग्रहालयए पीलीबंगा संग्रहालय जैसे ऐतिहासिक जगहों पर भ्रमण कर प्राचीन सभ्यता तथा शिक्षा जगत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रयत्नों को जाना इस दौरान आजाद युवा मंडल भाखरावालीए नेहरू युवा मंडल सिलवाला खुर्द नेहरू युवा मंडल पीलीबंगा गांवए जगदंबा शक्ति युवा मंडल लालगढ़ जाटानए नेताजी सुभाष युवा मंडल ख्यालीवाला का भ्रमण कर युवा मंडलों द्वारा ग्रामीण युवाओं के सहयोग से किए जा रहे कार्य जैसे खेलकूद को प्रोत्साहन ए पुस्तकालय सार्वजनिक स्थानों का रखरखाव जल संरक्षण आदि कार्यों को जाना शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान युवाओं को व्यक्तित्व विकास ए राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका एजीवन कौशलए वित्तीय वित्तीय साक्षरता जैसे अहम विषयों पर चर्चा की मानसिक तनाव तथा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बढ़ोतरी को देखते हुए युवाओं को एक दूसरे को समझने तथा विचार सांझा करने की जरूरत बताई कार्यक्रम में जिले के विभिन्न युवा मंडलों के सदस्य उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम में प्रशंसनीय सहयोग जिला युवा कार्यक्रम सलाहकार समिति के सदस्य दलीप वर्माए हरमीत सिंह बलजोत एविक्रम सिंह कैलेरीए मिट्ठू सिंहए हरविंदर सिंह एसुरेश लोहारए ओमप्रकाश महारए संदीप चाहर का विशेष सहयोग रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ साहित्यकार विरेंद्र छापोलाए राम कुमार स्वामी का सहयोग रहा समापन समारोह में नेहरू युवा केंद्र हनुमानगढ़ कि जिला युवा समन्वयक मधु यादव ने आए हुए संभागी एवं मेहमानों का धन्यवाद ज्ञापित किया (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
सन्तुलित उर्वरक प्रबन्धन समय की आवष्यकता
दिनांक 2019-10-26
ग्रामोत्थान विद्यापीठ,कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया में एक दिवसीय उर्वरक जागरुकता कार्यषाला का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के 127 किसान, किसान महिलाओं व ग्रामीण युवक-युवतियों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के परिचयात्मक सम्बोधन में केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक व विभागध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में सन्तुलित उर्वरक प्रबन्धन आवष्यक है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही उर्वरक प्रयोग से मृदा का स्वास्थ्य खराब होने से बचाया जा सकता है। उन्होंनं बताया कि देष भर के सभी कृशि विज्ञान केन्द्रों पर आज कृशि व किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार के सहयोग से उर्वरक प्रबन्धन में जागरुकता लाने के उद्देष्य से इस कार्यषाला का आयोजन किया गया। उपनिदेषक कृशि एवं परियोजना निदेषक आत्मा, हनुमानगढ़ डाॅ. जयनारायण बेनीवाल ने जैविक, कम्पोस्ट तथा हरी खाद को बनाने की विधि तथा इनके महत्व पर जानकारी उपलब्ध करवाई। केन्द्र के षस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रषेखर षर्मा ने सन्तुलित उवरक प्रबन्धन तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व की जानकारी विस्तार से दी। नाबार्ड, हनुमानगढ़ के जिला विकास प्रबन्धक, दयानन्द काकोड़िया ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। एलडीएम, बाबूलाल मीणा ने बैंकिंग प्रणाली सम्बंधी जानकारी के बारे बताया। केन्द्र के पशु वैज्ञानिक डाॅ. मुकेष कुमार के दिषा निर्देष में उर्वरक जागरुकता कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किसानों को दिखाया गया। कार्यक्रम के अन्त में केन्द्र कृशि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने फार्म प्रदर्षन इकाईयों तथा तथा फार्म का भ्रमण किसानों को करवाया तथा तकनीकी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में बाबा वेदप्रकाष किसान क्लब, जण्डवाला सिक्खान, इन्द्रगढ़ प्रगतिषील किसान क्लब, इन्द्रगढ़ तथा गुरुनानक किसान क्लब भाकरावाली के सदस्यों तथा पदाधिकारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के संचालन में उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वां, कार्यक्रम सहायक आनन्द प्रकाष, रविन्द्र कुलड़िया तथा रघुवीर नैण, नीरज कुमार का विषेश योगदान रहा। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
आय बढ़ाने में सहायक मछली पालन
दिनांक 2019-10-16
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया द्वारा कृशक आय बढ़ानेे में सहायक मछली पालन के अन्तर्गत गांव लीलावाली, जण्डवाला सिक्खान तथा मालारामपुरा में आत्मा योजनान्तर्गत मछली पालन के 10 प्रदर्षन डाॅ. अनूप कुमार, वरिश्ठ वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष के निर्देषन में प्रगतिषील कृशकों के लगाये गये। उन्होंनें बताया कि मछली पालन किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है। कृशक के पास सिंचाई जल भण्डारण हेतु बने हुये 10000 वर्गफुट आकार के पक्के अथवा कच्चे तालाब (डिग्गी) में रोहू, कतला, मृगल एवं ग्रास कार्प मछलियों के 1000 अंगुलिका आकार के मछली बच्चे छोड़ने का उपयुक्त समय है क्योंकि अब मछलियों का प्रजनन काल समाप्त हो चुका है। 10-12 बार मछलियों नेटिंग करने तथा पुरक आहार इत्यादि वैज्ञानिक विधि से मछली पालन करने पर वर्श भर में लगभग 1 किलोग्राम वजन की मछली बन जाती है, जिसका बाजार मुल्य लगभग 80-100 रुपये प्रति किलोग्राम है। इस प्रकार एक डिग्गी से लगभग 50-60 हजार रुपये की अतिरिक्त आय किसान को प्राप्त हो जाती है। प्रसार षिक्षा वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने बताया कि इस प्रकार के प्रदर्षन ‘करके -सीखो’ व ‘देखकर-विष्वास करो’ के सिद्धान्त पर आधारित होने के कारण कृशक समुदाय में नवीनतम तकनीक के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंनें बताया कि कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया तथा आत्मा हनुमानगढ़ के समन्वयन में लगाये गये मछली पालन प्रदर्षन कृशकों की आय बढ़ाने तथा तकनीकी के प्रसार में सहायक सिद्ध होंगें। प्रक्षेत्र प्रबन्धक रघुवीर नैण तथा नीरज कुमार, आॅब्जर्वर ने इन प्रदर्षनों को आयोजित करने में सफल योगदान दिया। बाबा वेद प्रकाष किसान क्लब, जण्डवाला सिंक्खान के सदस्यों जगजीत सिंह, बरजिन्दर सिंह इत्यादि का भी विषेश योगदान रहा। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
Ûां/ाजी की ज;न्ती पर किसान Ûो”ठी का आ;ोजन
दिनांक 2019-10-10
संÛरि;ा - Û्रामोत्थान विद्यापीठ) कृ”ा विान केन्द्र केन्द्र) संÛरि;ा तथा आत्मा) हनुमानÛढ$ के तत्वा/ान में ‘‘जीरो बजट नैचुरल फार्मिंÛ ,वं स्वच्छता ही सेवा’’ वि”ा; पर ,क किसान Ûो”ठी का आ;ोजन कृ”ा विज्ञान केन्द्र के प्रि’ा{ा.ा हाल में आ;ोजित कि;ा Û;ा।;ह किसान Ûो”ठी रा”ट्रपिता महात्मा Ûां/ा की 150 वीं ज;न्ती के पावन अवसर पर आ;ोजित की Ûई। इस Ûो”ठी में 119 किसानों व प्रसार का;र्कर्ताओं ने भाÛ लि;ा। Ûो”ठी में जीरो बजट प्राकृतिक (ोती पर विस्तृत चर्चा की Ûई। इसके साथ ही पारम्परिक रासा;निक (ोती के दु”परि.ामों व उनसे बचाव के उपा;ों पर भी जानकारी किसानों के साथ ‘ो;र की Ûई। 11 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चल रहे ‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ प(ावाड$ा में स्वच्छता पर भी किसानों को जाÛüक कि;ा Û;ा तथा कृ”ा विज्ञान केन्द्र परिसर में श्रमदान कि;ा Û;ा। इसके अलावा ‘‘सिंÛल ;ूज प्लास्टिक मुक्त भारत’’ के बारे में भी किसानों को जानकारी दी Ûई। का;र्क्रम में केन्द्र के वरि”ठ वैज्ञानिक ,वं विभाÛा/;{ा डॉ- अनूप कुमार ने सभी का स्वाÛत कि;ा। का;र्क्रम में परि;ोजना निदे’ाक (आत्मा)) हनुमानÛढ$ डॉ- ज;नारा;.ा बेनीवाल) सहा;क निदे’ाक कृ”ा र.ाजीत सिंह सर्वा) सहा;क निदे’ाक (उद्यान) डॉ- प्रमोद कुमार) उप परि;ोजना निदे’ाक ओम प्रका’ा सै) कृ”ा अि/ाकारी सुभा”ा चन्द्र व अन्; सहा;क कृ”ा अि/ाकारी व कृ”ा प;र्वे{ाक सम्मिलित हु;े। कृ”ा विज्ञान केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वां ने स्वच्छता ही सेवा का;र्क्रम के उद्दे’;ों तथा बाÛवानी फसलों की महत्ता के बारे में बता;ा। का;र्क्रम में ‘ास्; वैज्ञानिक डॉ- चन्द्र’ो(ार ‘ार्मा) प्’ा/ान वैज्ञानिक डॉ- मुके’ा कुमार) मौसम वैज्ञानिक प्रदीप कुमार) आनन्द प्रका’ा नीरज आकद उपस्थित थे। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
मधुमक्खी पालन से षहद के अतिरिक्त लाभ
दिनांक 2019-09-27
कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया में दिनांक 24-27.09.19 तक चार दिवसीय मधमक्खी पालन प्रषिक्षण सम्पन्न हुआ। इस प्रषिक्षण में केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक एवं विभागध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने भावी मधुमक्खी पालकों का स्वागत किया तथा मधुमक्खी पालन से षहद के अतिरिक्त मोम, प्रोपलिस, पराग, रॉयल जैली व परागण के बारे में जानकारी दी। केन्द्र के कीट वैज्ञानिक उमेष कुमार ने मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी के इतिहास, इसके जीवन चक्र, प्रजातियों, कार्य विभाजन, माईग्रेषन तथा समझ के साथ इसके प्रबन्धन, रोविंग इत्यादि क्रियाओं की जानकारी देते हुये इनके समाधान के बारे में बताया। इस दौरान मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी की सैद्धान्तिक व प्रायोगि जानकारी से अवगत करवाया। केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने प्रषिक्षणार्थियों का प्रषिक्षण पूर्व व पश्चात् मूल्यांकन कार्य किया। प्रषिक्षण के दौरान प्रदीप कुमार, मौसम वैज्ञानिक ने मधुमक्खी पालकों को मौसम पूर्व अनुमान की जानकारी देकर इससे मधुमक्खी पालन में होने वाले लाभ से अवगत करवाया। प्रषिक्षण में कुल 43 प्रषिक्षणार्थियों ने भाग लिया। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
मूंग की नवीनतम किस्म एमएच-421 पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन
दिनांक 2019-09-20
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में आज दिनांक 25.9.19 को चक 12 एएमपी, जण्डवाला सिक्खान में श्रीमति सुखजीत कौर पत्नी श्री साधु सिंह के खेत पर मूंग की उन्नत किस्म एमएच-421 के लिये प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन बाबा वेदप्रकाष किसान क्लब, जण्डवाला सिक्खान के सहयोग से किया गया। प्रक्षेत्र दिवस में गांव के 30 किसानों ने भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि कलस्टर प्रथम पंक्ति प्रदर्षन के अन्तर्गत हनुमानगढ़ जिले में मूंग की नवीनतम किस्म के 50 प्रदर्षन लगाये गये हैं। जो कि जिले में दलहन की उत्पादकता बढ़ाने में मिल का पत्थर साबित होंगें। उन्होंनें किसानों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ जुड़ें व नवीनतम कृषि तकनीकी जानकारी प्राप्त करें। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर शर्मा ने मूंग की उन्नत उत्पादन तकनीकी के साथ साथ मूंग की उन्नत किस्म एचएच-421 की विषेषताओं से किसानों को अवगत करवाया। प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने कार्यक्रम में किसानों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिषन तथा प्रक्षेत्र दिवस के महत्व पर जानकारी दी। उन्होंनें यह भी कहा कि दलहनी फसलों में प्रति इकाई खर्च कम व शुद्ध लाभ अधिक होता है। अतः दलहनी फसलों की तरफ विषेष ध्यान दिया जाना चाहिये। कार्यक्रम के दौरान प्रगतिषील कृषक साधुसिंह ने अपनाई गई तकनीकी के बारे में बताया। कार्यक्रम में गांव के प्रगतिषील कृषकों हरचरण सिंह, सुखदीप सिंह, बरजिन्द्र सिंह तथा किसान क्लब के समन्वयक अमनदीप िंसंह व सह समन्वयक जसकरण सिंह द्वारा इस किस्म को काफी सराहा गया। कार्यक्रम सहायक आनन्द प्रकाष ने कार्यक्रम में भाग लिया। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
मुर्Ûी पालन प्र’िा{ा.ा सम्पन्न
दिनांक 2019-09-20
Û्रामोत्थान विद्यापीठ संÛरिया कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वाधान में चल रहे चार दिवसीय मुर्Ûी पालन प्र’िा{ा.ा के समापन समारोह में केन्द्र के वैज्ञानिक प्र’िा{ा.ा प्रभारी डाॅ- मुके’ा कुमार ने मुर्Ûी पालन से सम्बंधित पालन पोष.ा, आवास तथा बीमारियों सम्बंधी जानकारी दी तथा कहा कि किसान खेती के साथ साथ मुर्Ûी पालन जैसे सहायक धन्धों को अपनाकर आय बढ़ा सकता है। केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डाॅ- कुलदीप सिंह ने युवाओं को आह्वान किया कि केन्द्र से प्र’िा{ा.ा प्राप्त कर स्वरोजÛार को बढ़ावा दें। मौसम विज्ञान वैज्ञानिक प्रदीप कुमार ने मौसम सम्बंधी जानकारी का मुर्Ûी पालन में महत्व के बारे में बताया। इस प्र’िा{ा.ा में कुल 38 प्र’िा{ा.ाार्थियों ने भाÛ लिया। प्र’िा{ा.ा के दौरान प्रतियोÛिता का आयोजन किया Ûया। जिसमें विकास Ûौड़ Ûांव पीलीबंÛा ने प्रथम, विनोद पुरी Ûांव रतनपुरा ने }ितीय तथा सुभाषचन्द्र Ûंाव पिलानिया वाली ढ़ा.ाी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नीरज कुमार ने प्र’िा{ा.ाार्थियों को फार्म का विजिट तथा मुर्Ûी पालन इकाई का भ्रम.ा करवाया। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
वृहद वृक्षारोपण अभियान एवं कृषक गोष्ठी का आयोजन
दिनांक 2019-09-15
ग्रामोत्थान विद्यापीठ के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली एवं इफको के सहयोग से वृहद वृक्षारोपण अभियान एवं कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि उपखण्ड अधिकारी उम्मेद सिंह रतनू एवं विषिष्ट अतिथि कृष्ण जैन क्षेत्रिय प्रतिनिधि इफको थे। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने कृषकों को वृक्षारोपण के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में बताया तथा दैनिक जीवन में प्रयोग किये जाने वाले खाद्य पदार्थों में रसायनिक तत्वों की अधिकता पर चिंता व्यक्त की। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनुप कुमार ने केन्द्र द्वारा संचालित गतिविधियों एवं आज के कार्यक्रम की महत्ता के बारे में जानकारी दी। विषिष्ठ अतिथि कृष्ण जैन ने इफको द्वारा क्षेत्र के कृषकों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। इफको के क्षेत्रीय प्रबंधक एम. आर. जाखड़ ने पौधों में पोषक तत्व प्रबंधन के बारे में बताया। केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वाँ ने वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत पौधे लगाने की वैज्ञानिक तकनीक एवं उनके पालन पोषण में बरती जाने वाली सावधानियों की विस्तृत जानकारी दी। केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने पौध संरक्षण तकनीक की जानकारी दी। कार्यक्रम में 182 कृषकों एवं कृषक महिलाओं एवं जनप्रतिनिधी प्रकाष सिंह भाखरांवाली, कुलदीप सहारण तथा क्रय विक्रय सहकारी समिति की प्रबन्धक सुश्री संदीप कौर ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्येक कृषक को जामुन, अनार, अमरुद, नीम, शहतूत एवं कचनार के 5-5 पौधे निःषुल्क उपलब्ध करवाये। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि विषिष्ठ अतिथि तथा कार्यक्रम अध्यक्ष तथा सभी कृषकों ने केन्द्र पर पौधारोपण किया। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
खुदरा उर्वरक विक्रेताओं का द्वितीय प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2019-09-16
भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के आदेषानुसार कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा आयोजित ‘‘समन्वित पोषक तत्व प्रबन्धन’’ विषय पर 15 दिवसीय प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम दिनांक 16.09.19 को सम्पन्न हुआ। यह पाठयक्रम दिनांक 02.09.19 को प्रारम्भ हुआ था। जिसमें हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर के 32 प्रषिक्षणार्थियों ने भाग लिया। इस 15 दिवसीय पाठ्यक्रम में खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के रुप में प्राधिकार पत्र प्राप्त करने के इच्छुक प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। पाठ्यक्रम के समापन कार्यक्रम में उपनिदेषक कृषि एवं परियोजना निदेषक आत्मा, हनुमानगढ़ जयनारायण बेनीवाल मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुये और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर बोलते हुये जयनारायण बेनीवाल ने कहा कि उर्वरक कृषि के मुख्य व महंगें आदान हैं। इनका न्याय संगत उपयोग अति आवष्यक है और खुदरा विक्रेताओं को उर्वरकों के उपयोग की जानकारी अति आवष्यक है। यह प्रषिक्षण इनके इस ज्ञान को बढ़ाने के लिये अति आवष्यक है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने सभी का स्वागत करते हुये पाठ्यक्रम की जानकारी दी उन्होंनें बताया कि इस पाठ्यक्रम में मृदा व उर्वरकों के उपयोग से सम्बंधित समस्त पहलुओं पर बारीकी से अध्ययन किया गया है। यह केन्द्र का इस तरह का दूसरा प्रषिक्षण कार्यक्रम है। प्रषिक्षण के पूर्ण होने पर प्रषिक्षणार्थियों की एक परीक्षा भी आयोजित की गई। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. चन्द्रषेखर शर्मा थे। प्रषिक्षण के दौरान उमेष कुमार, महावीर कस्वां, डॉ. मुकेष कुमार, डॉ. कुलदीप सिंह, उप निदेषक कृषि जयनारायण बेनीवाल, सहायक निदेषक कृषि रणजीत सिंह सर्वा, कृषि अधिकारी सुभाष चन्द्र इत्यादि नें व्याख्यान दिये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. चन्द्रषेखर शर्मा ने किया। इसके अलावा केन्द्र के प्रषिक्षण सहायक आनन्द प्रकाष भी उपस्थित रहे। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
राश्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम का आगाज
दिनांक 2019-09-01
संगरिया - स्थानीय कृशि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि. तथा पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में केन्द्र के प्रषिक्षण हॉल में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पशु आरोग्य मेला के षुभारम्भ का सीधा प्रसारण किया गया। जिसमें 89 कृशक व कृशक महिलाओं, कृशि वैज्ञानिकों तथा पशु चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। ज्ञात हो यह मेला ‘पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विष्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान मथुरा में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री ने 1056 करोड़ की योजनाओं का आगाज किया। जिसमें राश्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम, देषव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम एवं स्वचछता ही सेवा प्रमुख योजनायें हैं। जिससे देष के पषुपालकों को काफी राहत मिलेगी। केन्द्र पर आयोजित कार्यक्रम में संगरिया की पंचायत समिति प्रधान श्रीमति रजनी बाला मुख्य अतिथि के रुप में षामिल हुई। विषिश्ठ अतिथि डॉ. मुखराम कड़वासरा, संयुक्त निदेषक पशु पालन विभाग, हनुमानगढ़ थे। डॉ. कड़वासरा ने किसानों को खुरपका मुंहपका तथा ब्रुसेलोसिस बीमारी से होने वाले तथा उसके बचाव हेतु टीकाकरण की महत्ता पर प्रकाष डाला। केन्द्र वरिश्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने सभी का स्वागत करते हुये कृशि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंनें किसानों से आग्रह किया कि वे भारत सरकार द्वारा षुरु की जा रही योजनायें जैसे राश्ट्रीय पषु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, देष व्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, स्वच्छता ही सेवा आदि से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ कमायें। केन्द्र पर पशुपालन विभाग के साथ मिलकर पषुओं में टीकाकरण का कार्यक्रम भी रखा गया जिसमें केन्द्र पर आये पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग तथा ब्रुसेलोसिस के बचाव हेतु टीके लगाये गये। इस दौरान स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम का षुभारम्भ किया गया तथा किसानों व युवाओं को स्वच्छता व प्लास्टिक उन्मूलन के बारे में प्रेरित किया। वरिश्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
तकनीकी सप्ताह का समापन
दिनांक 2019-08-08
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया द्वारा कपास तकनीकी सप्ताह दिनांक 5.8.19 से 9.8.19 तक सरकारी निजी सहभागिता आधार पर मनाया गया। जिसमें क्षेत्र के 284 प्रगतिषील किसानों, कम्पनी प्रतिनिधियों तथा वैज्ञानिकों ने भाग लिया। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक व विभागध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले में कपास खरीफ मौसम की महत्वपूर्ण नकदी फसल है। कपास सफेद सोने के नाम से भी जानी जाती है। उन्होंनें कहा कि अगस्त माह कपास में फसल प्रबन्धन के उद्देष्य से काफी महत्वपूर्ण है। इसी कारण किसानों को तकनीकी रुप से सुदृढ़ करने के उद्देष्य से कपास तकनीकी सप्ताह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के सफल संचालन एवं जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देष्य से स्वामी केषवानन्द कृशि विष्वविद्यालय के पूर्व निदेषक (प्रसार) डॉ. पी.एल. नेहरा, कृशि अनुसंधान केन्द्र, श्रीगंगानगर के पूर्व विभागाध्यक्ष व प्रोफेसर डॉ. आर.बी. गौड़ सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. सी.जे. कपूर, पादप कार्यकी के सह आचार्य डॉ. सुबोध बिष्नोई, केन्द्रीय कपास अनुसंधान केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक सतीष सैन एवं षस्य वैज्ञानिक डॉ. अमरप्रीत सिंह, केन्द्र के षस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर षर्मा तथा पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार द्वारा कपास पादप कार्यिकी, षस्य क्रियायें, खरपतवार, कीट व रोग प्रबन्धन की तकनीकी जानकारी दृष्य-श्रव्य सामग्री के द्वारा दी गई। तकनीकी सत्र में बताया गया कि किसान भाई सुबह व षाम के समय खेतों में फसल का निरीक्षण कर कीटों के आर्थिक क्षति स्तर पर छिड़काव करें। जैविक कीटनाषकों को प्राथमिकता देते हुये छिड़काव सुबह या षाम में ही करें। जिला विकास प्रबन्धक, नाबार्ड, हनुमानगढ. दयानन्द काकोडिया, लीड बैंक सलाहकार ओ.पी. वधवा ने बैंकिंग प्रणाली सें सम्बंधी जानकारी दी। किसान उत्पादक संगठन स्वीडीष के पूनम विष्नोई द्वारा किसानों को समूह में कार्य करने की सलाह दी। इस कार्यक्रम को सरकारी निजी सहभागिता के आधार पर करवाया गया। जिसमें सिन्जेन्टा इण्डिया लिमिटेड, युनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड, एफएमसी इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड, तथा पेन्षीबायो वैंग प्राईवेट लिमिटेड कम्पनियों के प्रतिनिधियों द्वारा उत्पादों की प्रयोग विधि, मात्रा व छिड़काव करने सम्बंधी तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाई गई। कृशि विज्ञान केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह बताया कि कपास तकनीकी को पूरे क्षेत्र के किसानों तक पहुचाने के लिये फार्मर टू फार्मर एक्सटेंषन पर बल दिया गया। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न गांवों के प्रगतिषील किसानों द्वारा जानकारी प्राप्त की गई तथा प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान क्रॉप कैफेटेरिया में लगाई गई कपास की 40 किस्मों का अवलोकन भी किया गया। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
अगस्त माह कपास तकनीकी के लिये महत्वपूर्ण
दिनांक 2019-08-07
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के द्वारा कपास तकनीकी सप्ताह का आयोजन निजी साझेदारी के अन्तर्गत किया जा रहा है। दिनांक 7.8.19 को युनाइटेड फॉस्फोरस लिमिटेड के साथ साझेदारी करते हुये इसका षुभारम्भ किया गया। जिसमें गांव नाथवाना, मोरजण्ड सिक्खान, चक प्रतापनगर, षाहपीनी, अमरपुरा जालू, सिंहपुरा व इन्द्रपुरा के कपास उत्पादकों ने भाग लिया। कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के वरिश्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने सभी किसानों का स्वागत करते हुये कपास कृशि तकनीकी सप्ताह के आयोजन की महत्ता पर प्रकाष डाला। प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि कपास की फसल के लिये अगस्त माह बहुत ही महत्वपूर्ण है इसी कारण से किसानों को कपास से सम्बंधित तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देष्य से तकनीकी सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके फलस्वरुप किसानों द्वारा तकनीकी अपनाने पर कपास की प्रति हैक्टर उत्पादकता में वृद्धि होगी। केन्द्र के षस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर षर्मा द्वारा कपास की षस्य तकनीकी पर डालते हुये तकनीकी को अपनाने पर जोर दिया। केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने कपास में रोग व व्याधियों की पहचान तथा उनसे निवारण की तकनीकी किसानों के साथ साझा की। किसानों के द्वारा लाये गये पादप नमूनों की पहचान कर उनके समाधान सुझाये गये। यूपीएल के विपणन प्रबन्धक रमाकान्त ने कम्पनी के उत्पादों की तकनीकी से किसानों को अवगत कराया। कपास तकनीकी सप्ताह के दिनांक 8.8.19 को गांव रतनपुरा, नगराना, मल्लड़ खेड़ा, सालीवाला, कुलचन्द्र, षेरगढ़, बसीर तथा साबुआना के किसानों को आम्न्त्रित किया गया है। कल के तकनीकी सत्र में डॉ. सी.जे. कपूर तथा आर.पी. गौड़ द्वारा किसानों जानकारी दी जायेगी । वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
कपास तकनीकी सप्ताह का आगाज
दिनांक 2019-08-06
गा्रमोत्थान विद्यापीठ, कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के द्वारा कपास तकनीकी सप्ताह का आयोजन निजी साझेदारी के अन्तर्गत किया जा रहा है। दिनांक 6.8.19 को एफएमसी इंडिया प्रा. लिमिटेड के साथ साढेदारी करते हुये इसका षुभारम्भ किया गया। जिसमें गांव बोलावाली, लम्बी ढ़ाब, चक हीरासिंहवाला, नूकेरा, जण्डवाला सिक्खान, रासूवाला तथा इन्द्रगढ़ के कपास उत्पादकों ने भाग लिया। कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के वरिश्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने सभी किसानों का स्वागत करते हुये कपास कृशि तकनीकी सप्ताह के आयोजन की महत्ता पर प्रकाष डाला। केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान केन्द्र, सिरसा के वैज्ञानिक डॉ. अमरप्रीत िंसह ने कपास की षस्य तकनीकी पर डालते हुये तकनीकी को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंनें कहा कि कृशि व्यवसाय का रुप लेती जा रही है। अतः कृशि लागत के साथ गुणवत्ता युक्त उत्पादन बहुत जरुरी है। केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान केन्द्र, सिरसा के वरिश्ठ वैज्ञानिक डॉ. सतीष सैन ने कपास में रोग व व्याधियों की पहचान तथा उनसे निवारण की तकनीकी किसानों के साथ साझा की। किसानों के द्वारा लाये गये पादप नमूनों की पहचान कर उनके समाधान सुझाये गये। एफएमसी इंडिया प्रा. लिमिटेड के विपणन प्रबन्धक सुधीर कुमार ने कमपनी के उत्पादों की तकनीकी से किसानों को अवगत कराया। कपास तकनीकी सप्ताह के दिनांक 7.8.19 को गांव नाथवाना, मोरजण्ड सिक्खान, चक प्रतापनगर, षाहपीनी, अमरपुरा जालू, सिंहपुरा व इन्द्रपुरा के किसानों को आम्न्त्रित किया गया है। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
बागवानी फसलों पर कृशक प्रषिक्षण का आयोजन
दिनांक 2019-08-08
संगरिया - ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में बागवानी फसलों पर एक दिवसीय असंस्थागत कृशक प्रषिक्षण षिविर का आयोजन गांव मालारामपुरा में किया गया। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने केन्द्र द्वारा युवाओं के लिये स्वरोजगार के लिये संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। बागवानी विषेशज्ञ महावीर कस्वां ने फल, फूल एवं सब्जी उत्पादन की आधुनिक तकनीक बताई तथा नये बाग लगाने एवं पुराने बागों के रखरखाव हेतु बरती जाने वाली सावधानियों तथा बाग लगाने से पूर्व मृदा जांच की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। पादप संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने बागों में लगने वाले कीट एवं बीमारियों से सम्बंधित किसानों की समस्याओं का समाधान किया। प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने फलों एवं सब्जियों के तुड़ाई उपरान्त सार-सम्भाल व विपणन में आने वाली बाधाओं का निराकरण किया। इस दौरान कार्यक्रम सहायक आनन्द प्रकाष, नीरज कुमार, कृशि पर्यवेक्षक वीरपाल कौर एव गांव के प्रगतिषील काष्तकार तथा युवा उपस्थित रहे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
बाजार आधारित प्रसार आज की आवष्यकता
दिनांक 2019-08-02
गा्रमोत्थान विद्यापीठ, कृशि विज्ञान केन्द्र, संगरिया में ग्रामीण उद्यमिता के लिये ‘‘बाजार आधारित प्रसार षिक्षा’’ विशय पर चार दिवसीय प्रषिक्षण षिविर के समापन समारोह में कृशि विज्ञान केन्द्र के विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने कहा कि आज के समय की आवष्यकता बाजार आधारित प्रसार है क्योंकि इसी से ग्रामीण क्षेत्र में उद्यमिता के अवसर उपलब्ध होते हैं। प्रषिक्षण प्रभारी डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि सफल उद्यमी बनने के लिये ग्रामीण क्षेत्र में बहुत अवसर हैं। वर्तमान में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये अधिक उत्पादन की बजाय बाजार आधारित प्रसार महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी से उपभोक्ता तथा उत्पादक के बीच के अन्तर को कम किया जा सकता है। प्रषिक्षण में बैंक ऑफ बड़ौदा, संगरिया के षाखा प्रबन्धक राजेष कुमार द्वारा बैंकिंग सम्बंधी जानकारी उपलब्ध कराई। डॉ. चन्द्रषेखर षर्मा द्वारा फसलोपरान्त तकनीकी जानकारी दी। उमेष कुमार द्वारा मषरुम उत्पादन, मधुमक्खी पालन तथा डॉ. मुकेष कुमार ने बकरी, मूर्गी एवं डेयरी उद्योग के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। नीरज सिंगला ने ऑनलाईन विपणन में सोषल मीडिया सम्बंधी जानकारी दी। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
समन्वित कृ“ा प)ति आमदनी बढ$ाने में स{ाम
दिनांक 2019-07-24
Û्रामोत्थान विद्यापीठ कृ“ा विज्ञान केन्द्र संÛरि;ा }ारा प्रा;ोजित तथा नाबार्ड) हनुमानÛढ$ }ारा वित पो“ात ‘‘Ûुü अर्जुन देव सिंह जी किसान क्लब’’ अमरसिंहवाला का जाÛüकता का;र्क्रम स्थानी; Ûुü}ारा साहिब में सम्पन्न हुआ। डीडी,म नाबार्ड) हनुमानÛढ$ द;ानन्द काकोडि$;ा ने नाबार्ड }ारा चल रही विभिन्न ;ोजनाओं की जानकारी दी तथा किसान उत्पादक संÛठन को किसानों के लि;े लाभकारी बता;ा। इस अवसर पर डॉ- अनूप कुमार) वरि“ठ वैज्ञानिक ने मछली पालन के महत्व की जानकारी देते हु;े पक्की डिगि्Û;ों में मछली पालन कर अतिरिक्त आ; अर्जित करने को कहा। उन्होंनें मृदा स्वास्थ्; कार्ड के अनुसार उर्वरक प्रबन्/ान की सलाह दी तथा किसानों को अपनी आमदनी बढ$ाने के लि;े मुÛीर्पालन) बकरीपालन इत्;ादि अपनाने की सलाह दी। सब्जि;ों की (ोती के बारे में तकनीकी जानकारी दी। का;र्क्रम के नोडल अि/ाकारी व प्रसार वैज्ञानिक डॉ- कुलदीप सिंह ने समन्वित कृ“ा प)ति के बारे में जानकारी देते हु;े कहा कि किसानों की आमदनी बढ$ाने में उप;ोÛी है तथा (ारीफ फसलों में पौ/ा संर{ा.ा का;ोर्ं तथा जैविक (ोती के बारे में जानकारी दी। किसान क्लब के समन्व;क चड$ सिंह ने सभी सदस्;ों व प्रÛति’ाल किसान भाई;ों को वैज्ञानिक तकनीकी से (ोती करने का आह्वान कि;ा। कृ“ा विज्ञान केन्द्र }ारा कचरा अप?ाटक ?ाल तै;ार करने का वि/ा प्रद’ार्न भी कि;ा Û;ा। जैविक (ोती करने हेतु वेस्ट डीकम्पोजर किसानों को वितरित कि;े Û;े तथा प्रÛति’ाल किसान जÛमीत सिंह के वि/ा प्रद’ार्न भी लÛा;ा Û;ा। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
इन्द्रÛढ$ प्रÛति’ाल किसान क्लब का जाÛüकता का;र्क्रम सम्पन्न
दिनांक 2019-07-23
Û्रामोत्थान विद्यापीठ) कृ“ा विज्ञान केन्द्र) संÛरि;ा }ारा आ;ोजित तथा नाबार्ड हनुमानÛढ$ }ारा वित पो“ात इन्द्रÛढ$ प्रÛति’ाल किसान क्लब इन्द्रÛढ$ का जाÛüकता का;र्क्रम स्थानी; अटल सेवा केन्द्र में सम्पन्न हुआ। वरि“ठ वैज्ञानिक डॉ- अनूप कुमार ने क्लब की महता पर प्रका’ा डालते हु;े कृ“ा विज्ञान केन्द्र की विभिन्न तकनीकी इकाई;ों की जानकारी देते हु;े मछली पालन तथा किसानों की आ; बढ$ाने के सू= बता;े। का;र्क्रम के नोडल अि/ाकारी डॉ- कुलदीप सिंह ने कृ“ाक क्लब के उद्दे’;) फार्मर टू फार्मर ,क्टे’ान तथा (ारीफ फसलों के बारे में जानकारी दी। उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वां ने सब्जी तथा फल वृ{ां की {ो= में आव’;कता बताते हु;े न्;ूट्री’ानल Ûार्डन की जानकारी दी। क्लब के समन्व;क जसवीर सिंह तथा सदस्; उपस्थित थे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
कृषि में लाभकारी किसान क्लब
दिनांक 2019-07-18
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया द्वारा संचालित तथा नाबार्ड, हनुमानगढ़ द्वारा वित्तपोषित संत बाबा कृपाल सिंह जी किसान क्लब सन्तपुरा का जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान षस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर षर्मा द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में जानकारी देते हुये कृशि को लाभकारी बनाने के लिये वैज्ञानिक खेती अपनाने की आवष्यकता बताई। उन्होंनें खरीफ फसलों की षस्य क्रियाओं तथा संतुलित उर्वरक प्रबन्धन के बारे में किसानों को जानकारी दी। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह द्वारा किसान उत्पादक संगठन बनाने के बारे में किसान क्लब की भूमिका के बारे में जानकारी दी। मौसम वैज्ञानिक प्रदीप कुमार ने ग्रामीण कृशि मौसम सेवा के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी। किसान क्लब के समन्वयक हरिनारायण द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 91वां स्थापना दिवस मनाया
दिनांक 2019-07-16
ग्रामोत्थान विद्यापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के तत्वावधान में गुरुनानक किसान क्लब के सहयोग से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 91 वां स्थापना दिवस अटल सेवा केन्द्र भाकरावाली में मनाया गया। इस अवसर पर पंचायत घर, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, भू-अभिलेख केन्द्र में पौधारोपण भी किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने कहा कि पूसा, नई दिल्ली में स्थापित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि के क्षेत्र में लगातार षिक्षण, अनुसंधान तथा प्रसार कार्य कर रहा है। उन्होंनें बताया कि भाकृअनुप ने देष भर में 706 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित कर किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने के लिये कृषि के साथ साथ अन्य सहायक धन्धों जैसे मछली पालन, बकरी पालन, मषरुम उत्पादन इत्यादी नवीनतम कृषि तकनीकी का प्रसार कर रहा है। शस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा ने नरमा-कपास में संतुलित उर्वरक प्रबन्धन पर जानकारी दी। श्री उमेश कुमार विषय विषेषज्ञ (पौध संरक्षण) द्वारा नरमा की फसल में आर्थिक हानि स्तर के आधार पर ही कीटनाषकों का स्प्रे करने की सिफारिष की। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह द्वारा जैविक खेती को आज के समय की आवष्यकता बताते हुये वर्मी कम्पोस्ट, वेस्ट डीकम्पोजर इत्यादि की जानकारी दी। इस अवसर पर ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष भूप सिंह महला, सरपंच पति प्रकाष सिंह प्रगतिषील कृषक रामलाल डारा, विक्रम कलहरी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये समन्वयक सुखदेव सिंह तथा सह समन्वयक कुलदीप सिंह ने सभी का धन्यवाद किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 91वां स्थापना दिवस मनाया
दिनांक 2019-07-16
ग्रामोत्थान विद्यापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र संगरिया के तत्वावधान में गुरुनानक किसान क्लब के सहयोग से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 91 वां स्थापना दिवस अटल सेवा केन्द्र भाकरावाली में मनाया गया। इस अवसर पर पंचायत घर, राजकीय माध्यमिक विद्यालय, भू-अभिलेख केन्द्र में पौधारोपण भी किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने कहा कि पूसा, नई दिल्ली में स्थापित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि के क्षेत्र में लगातार षिक्षण, अनुसंधान तथा प्रसार कार्य कर रहा है। उन्होंनें बताया कि भाकृअनुप ने देष भर में 706 कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित कर किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने के लिये कृषि के साथ साथ अन्य सहायक धन्धों जैसे मछली पालन, बकरी पालन, मषरुम उत्पादन इत्यादी नवीनतम कृषि तकनीकी का प्रसार कर रहा है। शस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा ने नरमा-कपास में संतुलित उर्वरक प्रबन्धन पर जानकारी दी। श्री उमेश कुमार विषय विषेषज्ञ (पौध संरक्षण) द्वारा नरमा की फसल में आर्थिक हानि स्तर के आधार पर ही कीटनाषकों का स्प्रे करने की सिफारिष की। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह द्वारा जैविक खेती को आज के समय की आवष्यकता बताते हुये वर्मी कम्पोस्ट, वेस्ट डीकम्पोजर इत्यादि की जानकारी दी। इस अवसर पर ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष भूप सिंह महला, सरपंच पति प्रकाष सिंह प्रगतिषील कृषक रामलाल डारा, विक्रम कलहरी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये समन्वयक सुखदेव सिंह तथा सह समन्वयक कुलदीप सिंह ने सभी का धन्यवाद किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
कृषि को लाभकारी बनाने में किसान क्लबों का योगदान
दिनांक 2019-07-11
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया द्वारा संचालित तथा नाबार्ड, हनुमानगढ़ द्वारा वित्तपोषित गुरु गोविन्द सिंह जी किसान क्लब सिंहपुरा का जागरुकता कार्यक्रम अटल सेवा केन्द्र, सिंहपुरा डॉ. अनूप कुमार वरिष्ठ वैज्ञानिक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ. अनूप कुमार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में जानकारी देते हुये किसानों को आमदनी दुगुनी करने के लक्ष्यों को हासिल करने के उद्देष्य पुर्ति के लिये कृषि के साथ अन्य सहायक धन्धों जैसे मछली पालन, मधुमक्खी पालन इत्यादि को अपनायें। लीड बैंक मैनेजर ओ.पी. वधवा ने बैंक सम्बंधी जानकारी उपलब्ध कराई। एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रषिक्षण संस्थान की मनप्रीत कौर ने स्वरोजगार अपनाने पर जानकारी दी। उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वां ने पोषक गृह वाटिका के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह द्वारा खरीफ फसलों के बारे में जानकारी देते हुये जैविक खेती को अपनाने की सलाह दी। कृषि पर्यवेक्षक बलराम ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। पूर्व सरपंच जवन्द सिंह, समन्वयक राजेन्द्र सिंह द्वारा सभी प्रगतिषील किसान भाईयों को वैज्ञानिक खेती अपनाकर अधिकाधिक लाभ उठाने का आहवान किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
स्वच्छता जागरुकता पर किसान गोष्ठी
दिनांक 2019-07-04
कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया आज दिनांक 4.7.19 को स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत गोद लिये गांव लम्बी ढ़ाब में वर्मी कम्पोसट पर कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिये गांव में गीले कचरे के निस्तारण के लिये वर्मी कम्पोस्ट की इकाईयां स्थापित करने की सलाह दी। केन्द्र के षस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर षर्मा ने कैंचुआ खाद तैयार करने के लिये आधुनिक तकनीक के बारे में बताया जिससे उच्च गुणवत्ता की खाद तैयार की जा सके। केन्द्र के उद्यान वैज्ञानिक महावीर कस्वां ने गांव में स्वच्छता व सुन्दरता बढ़ाने के लिये फलदार व छायादार वृक्ष लगाने की वैज्ञानिक तकनीक के बारे में बताया जिससे गांव में हरियाली को बढ़ावा मिल सके। केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह ने केन्द्र द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों के बारे विस्तार पूर्वक बताया। कार्यक्रम के दौरान वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिये वर्मी बैग के उपयोग एवं महत्व के बारे में बताया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया
बकरी पालन प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2019-07-01
ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वाधान में चल रहे चार दिवसीय बकरी पालन प्रषिक्षण के समापन समारोह में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी दी तथा कहा कि किसानों की आय को खेती के साथ साथ सहायक धन्धों को अपनाकर बढ़ाया जा सकता है। इन्होंनें जिले के युवाओं से आह्वान किया कि केन्द्र से प्रषिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार को बढ़ावा दें। डॉ चन्द्रषेखर ने पशु पालकों को हरे चारे के प्रबन्धन के बारे में जानकारी दी। प्रषिक्षण प्रभारी डॉ. मुकेष कुमार ने बताया की बकरी पालन करके किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकता है। इन्होंनें बकरी पालन में पालन पोषण तथा चिकित्सा सम्बंधित प्रायोगिक जानकारी दी। डॉ. कुलदीप सिंह ने पशु पालन में सोषल मिडिया के महत्व के बारे में बताया। इस प्रषिक्षण में कुल 54 प्रषिक्षणार्थियों ने भाग लिया। प्रषिक्षण के दौरान एक प्रष्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सुरेष कुमार टाक गांव थालड़का ने प्रथम, गुरमेल सिंह गांव चक प्रतापनगर, राजेष कुमार गांव हनुमानगढ़ एवं अमनदीप सिंह ने द्वितीय तथा धर्मसिंह गांव संगरिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रषिक्षणार्थियों को फार्म का विजिट तथा बकरी पालन इकाई का भ्रमण भी करवाया गया। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवंम विभागाध्यक्ष
म-रु39यारुम प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2019-06-22
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र, संगरिया पर चार दिवसीय मषरुम उत्पादन प्रषिक्षण दिनांक 19 से 22 जून, 2019 सम्पन्न हुआ। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने मषरुम की महत्ता, उसके औशधीय गुण , इसके बाजार के बारे में जानकारी देते हुये पोस्ट हार्वेस्ट टैक्नोलाॅजी से प्रषिक्षणार्थियों को अवगत करवाया। पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने मषरुम प्रषिक्षणार्थियों को -िसजयं़गरी मषरुम, दुधिया मषरुम व मटन मषरुम की खेती तथा इसमें लगने वाले कीट, रोग व अजैविक अनियमितताओं से अवगत करवाया तथा इसके समाधान की जानकारी दी गई। प्रषिक्षण के दौरान प्रषिक्षणार्थियों को -िसजय़ंगरी मषरुम की प्रायोगिक जानकारी दी गई। इस प्रषिक्षण के दौरान अनुभवी मषरुम उत्पादक सीताराम सोनी, गांव गांधीब ड़ी ने भी अपने मषरुम के अनुभवों से अवगत करवाया। इस प्रषिक्षण में कुल प्रषिक्षणार्थियों ने भाग लिया। प्रषिक्षण में प्रष्नोतरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
(ादरा उर्वरक विक्रेताओं का प्रि’ा{ा.ा सम्पन्न
दिनांक 2019-06-07
भारत सरकार के कृ“ा ,वं कृ“ाक कल्;ा.ा मं=ाल; के आदे’ानुसार कृ“ा विज्ञान केन्द्र) Û्रा-वि-) संÛरि;ा }ारा आ;ोजित ‘‘समन्वित पो“ाक तत्व प्रबन्/ान’’ वि“ा; पर 15 दिवसी; प्रमा.ा प= पाठ्;क्रम दिनांक 6-6-19को सम्पन्न हुआ। ;ह पाठ;क्रम दिनांक 23-5-9 को प्रारम्भ हुआ था। जिसमें हनुमानÛढ$) श्रीÛंÛानÛर) चुü) सिरसा के 34 प्रि’ा{ा.ार्थि;ों ने भाÛ लि;ा। इस 15 दिवसी; पाठ्;क्रम में (ादरा उर्वरक विक्रेताओं के üप में प्रा/ाकार प= प्राप्त करने के इच्छुक प्रतिभाÛ;ों को पाठ्;क्रम सफलतापूर्वक पू.ार् होने पर प्रमा.ा प= प्रदान कि;े Û;े। पाठ्;क्रम के समापन का;र्क्रम में उपनिदे’ाक कृ“ा ,वं परि;ोजना निदे’ाक आत्मा) हनुमानÛढ$ ज;नारा;.ा बेनीवाल मु(; अतिथि के üप में उपस्थित हु;े और प्रतिभाÛ;ों को प्रमा.ा प= प्रदान कि;े। इस अवसर पर बालते हु;े ज;नारा;.ा बेनीवाल ने कहा कि उर्वरक कृ“ा के मु(; व महंÛें आदान हैं। इनका न्;ा; संÛत उप;ोÛ अति आव’;क है और (ादरा विक्रेताओं को उर्वरकों के उप;ोÛ की जानकारी अति आव’;क है। ;ह प्रि’ा{ा.ा इनके इस ज्ञान को बढ$ाने के लि;े अति आव’;क है। केन्द्र के वरि“ठ वैज्ञानिक डॉ- अनूप कुमार ने सभी का स्वाÛत करते हु;े पाठ्;क्रम की जानकारी दी उन्होंनें बता;ा कि इस पाठ्;क्रम में मृदा व उर्वरकों के उप;ोÛ से सम्बिं/ात समस्त पहलुओं पर बारीकी से अ/;;न कि;ा Û;ा है। ;ह केन्द्र का इस तरह का पहला प्रि’ा{ा.ा का;र्क्रम है। प्रि’ा{ा.ा के पू.ार् होने पर प्रि’ा{ा.ार्थि;ों की ,क परी{ा भी आ;ोजित की Ûई। परी{ा में प्रथम स्थान दीपक चलाना (श्रीÛंÛानÛर) ि}ती; स्थान विपुल ÛÛर् (श्रीÛंÛानÛर) तथा तृती; स्थान पी;ू“ा दुआ (श्रीÛंÛानÛर) ने प्राप्त कि;ा। इनको विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान कि;े Û;े। इस प्रि’ा{ा.ा का;र्क्रम के प्रभारी डॉ- चन्द्र’ो(ार ’ार्मा थे। प्रि’ा{ा.ा के दौरान उमे’ा कुमार) महावीर कस्वां) डॉ- मुके’ा कुमार) डॉ- कुलदीप सिंह) सहा;क निदे’ाक कृ“ा र.ाजीत सिंह सर्वा इत्;ादि नें व्;ा(;ान दि;े। का;र्क्रम का संचालन डॉ- चन्द्र’ो(ार ’ार्मा ने कि;ा। इसके अलावा केन्द्र के प्रि’ा{ा.ा सहा;क आनन्द प्रका’ा व र?ावीर नै.ा भी उपस्थित रहे। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
विष्व दुग्ध दिवस का आयोजन
दिनांक 2019-06-01
गामोत्थान विद्यापीठ के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया द्वारा आज विष्व दुग्ध दिवस का आयोजन गांव चक 2 एमजेडी व कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में किया गया जिसमें 52 कृषकों व कृषक महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एंव विभागाध्यक्ष डा. अनुप कुमार ने दुध की महत्ता को बताते हुये कहा कि दुध को एक सम्पूर्ण आहार के रुप में एफएओ ने 2001 में मानते हुये 1 जून को विष्व दुग्ध दिवस के रुप में मनाने का फैसला लिया और उन्होंनें बताया कि दुध से हमें कार्बोहाइड्रेट्, वसा, प्रोटीन, मिनरलस्, विटामिन मिलते हैं। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर शर्मा ने दुग्ध उत्पादन के लिये साइलेज बनाने के बारे विस्तृत जानकारी दी। केन्द्र के वैज्ञानिक उमेष कुमार ने कहा कि फसलों में कम से कम रासायनिक खाद व कीटनाषकों का उपयोग करें। क्योंकि ये सभी रसायन दुध के माध्यम से हमारे खाद्य पदार्थों को विषैला कर रहे हैं। केन्द्र के पशु पालन वैज्ञानिक डॉ. मुकेष कुमार ने बताया कि डेयरी व्यवसाय को अधिक सफल बनाने के लिये दुध के उत्पाद तैयार करके यदि किसान बेचता है तो अधिक मुनाफा मिलता है। केन्द्र के वैज्ञानिक डा. कुलदीप सिंह ने जैविक खेती के साथ साथ देषी गौवंष संरक्षण व जैविक दुग्ध उत्पादन किसानों ध्यान केन्द्रीत करने की आवष्यकता है। प्रषिक्षण के दौरान कार्यक्रम सहायक आनन्द प्रकाष ने भी किसानोंं को अपने विचारों से अवगत करवाया। (डा.अनूप कुमार) व्रिष्ठ वैज्ञानिक एंव अध्यक्ष
चार दिवसीय डेयरी प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2019-05-24
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में संस्थागत डेयरी प्रषिक्षण आयोजित किया गया। जिसमें 24 पशु पालकों ने भाग लिया। प्रषिक्षण के प्रारम्भ में केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने प्रषिक्षकों को केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी दी तथा डेयरी को किसानों के लिये लाभदायक धन्धा बताया। प्रषिक्षण में डाॅ. चन्द्रषेखर षर्मा ने पशुओं के चारे के प्रबन्धन के बारे में विस्तार पूर्वक बताया । प्रषिक्षण प्रभारी डाॅ. मुकेष कुमार ने पशु पालकों को दुधारु पषुओं की नस्लों, उनके आवास, पोशक आहार, हरे चारे का अचार, प्रजनन तथा बीमारियों से बचने के उपाय के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण के समापन पर प्रषिक्षणार्थियों का प्रषिक्षण पष्चात् मूल्यांकन भी किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर सुचित निवासी संगरिया द्वितीय स्थान पर अमित कुमार निवासी चैटाला तथा तृतीय स्थान पर जग्गा सिंह निवासी रासूवाला, विनोद कुमार निवासी 3 एसएचपीडी रहे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
सत दिवसीय उन्नत (अÛ्रिम) मधुमक्खी पालन प्र’िा{ा.ा प्रारम्भ
दिनांक 2019-05-15
कृषि विज्ञान केन्द्र, संÛरिया पर दिनांक 13-05-2019 से 19-05-2019 को बाधुनिक मधुमक्खी पालन प्र’िा{ा.ा का आयोजन किया जा रहा है। केन्द्र के वरि”ठ वैज्ञानिक ,वं विभाÛाध्य{ा डाॅ- अनूप कुमार ने बताया कि यह प्र’िा{ा.ा अखिल भारतीय विकास संस्थान, ‘ाामली (उत्तर प्रदे’ा) के सहयोÛ से आयोजित किया जा रहा है। इस प्र’िा{ा.ा में 25 मधुमक्खी पालक भाÛ ले रहे हैं। जो पहले से मधुमक्खी पालन का कार्य करके केवल ‘ाहद उत्पादन तक सीमित हैं। उनको पराÛ संÛह.ा, जहर (डंक) इक्कट्ठा करना, राॅल जेली उत्पादन, प्रोपलिस इत्यादि उत्पादन के बारे में जानकारी दी जा रही है। प्र’िा{ा.ा में केन्द्र के पादप संर{ा.ा वैज्ञानिक उमे’ा कुमार ने कृ”ाकों का पराÛ संÛ्रह.ा की विधि से अवÛत करवाया तथा इसकी प्रायोÛिक जानकारी देकर उसके विप.ान व उपभोÛ के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार अखिल भारतीय विकास संस्थान, ‘ाामली के अमित कुमार ने मधुमक्खी पालकों को प्रोप्लिस तैयार करने की जानकारी देते हुये इसके उपयोÛ व बाजार के बारे में बताया। ‘ाामली से आये संस्थान प्रतिनिधि मयंक कुमार ने डंक का संÛ्रह.ा करना और इसके उपयोÛ के बारे में जानकारी दी और अन्तर्रा”ट्रीय बाजार बाजार में इसकी कीमत से अवÛत कराया। इसी प्रकार सचिन ‘ार्मा ने राॅयल जेली तैयार करने की प्रायोÛिक जानकारी दी तथा इसके उपयोÛ के बारे में बताया यह प्र’िा{ा.ा 19-05-19 तक जारी रहेÛा। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कृषि में सुर{िात व कम रसायनों का उपयोÛ लाभदायक: डाॅ0 ,स-के- शर्मा
दिनांक 2019-03-29
Û्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संÛरिया के तत्वाधान में Ûांव हरीपुरा के चक 2 ,सटीपी में चना की उन्नत किस्म जी,नजी 1958 (मरुधर) पर किसान कि’ाोरचन्द के खेत पर प्र{ो= दिवस का आयोजन किया Ûया। इसमें Ûांव के 40 किसानों ने भाÛ लिया। कार्यक्रम में पधारे डाॅ- ,स-के- शर्मा निदे’ाक प्रसार ’िा{ाा, स्वामी के’ावानन्द कृषि वि’वविद्यालय, बीकानेर ने बताया कि ये प्र{ो= दिवस कृषि के {ो= में विकसित हो रही नवीनतम कृषि तकनीकी व उन्नत किस्मों को किसानों तक पहुंचाने का स’ाक्त माध्यम है। उन्होंनें बताया कि कृषि में कम व सुर{िात रसायनों के उपयोÛ से हम पर्यावर.ा मृदा व जीवों के स्वास्थ्य का संर{ा.ा कर सकेंÛे व खेती से अधिक शु) लाभ प्राप्त कर सकेंÛे। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र की Ûतिविधियों के साथ साथ जैविक खेती के महत्व पर प्रका’ा डाला। डाॅ- चन्द्र’ोखर शर्मा ने जी,नजी-1958 के वि’ोषताओं के साथ साथ चना फसल की शस्य क्रियाओं की जानकारी किसानों को दी। पादप संर{ा.ा वैज्ञानिक डाॅ- उमे’ा कुमार ने चना व अन्य रबी फसलों में कीट प्रबन्धन व मि= कीटों की पहचान तथा उनके संर{ा.ा की तकनीक किसानों को बताई। पशुधन वैज्ञानिक डाॅ- मुके’ा कुमार ने पशुओं की मौसमी बीमारियों व उनके बचाव के तरीके किसानों को बताये। इसके साथ ही Ûांव भाकरावाली के चक 1 के,सडी में हरदीप सिंह के खेत पर चना की किस्म जी,नजी 2144 (तीज) पर भी प्र{ो= दिवस का आयोजन किया Ûया। इस कार्यक्रम में 23 कृषकों व कृषक महिलाओं ने भाÛ लिया। ज्ञात हो जी,नजी-2144 चने की नई किस्म है जो वर्ष 2017 में चने की पछेती बुवाई के लिये अधिसूचित की Ûई है। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
बकरी पालन प्र’िा{ा.ा सम्पन्न
दिनांक 0000-00-00
Û्रामोत्थान विद्यापीठ संÛरिया कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वाधान में चल रहे चार दिवसीय बकरी पालन प्र’िा{ा.ा के समापन समारोह में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्य{ा डाॅ- अनूप कुमार ने केन्द्र की Ûतिविधियों की जानकारी दी तथा कहा कि किसानों की आय को खेती के साथ साथ सहायक धन्धों को अपनाकर बढ़ाया जा सकता है। इन्होंनें जिले के युवाओं को आह्वान किया कि केन्द्र से प्र’िा{ा.ा प्राप्त कर स्वरोजÛार को बढ़ावा दें। प्र’िा{ा.ा प्रभारी डाॅ- मुके’ा कुमार ने बताया की बकरी पालन करके किसान अपनी आय में वृ)ि कर सकता है। इन्होंनें बकरी पालन से सम्बंधित पालन पोष.ा तथा चिकित्सा सम्बंधी जानकारी दी। इस प्र’िा{ा.ा में कुल 47 प्र’िा{ा.ाार्थियों ने भाÛ लिया। प्र’िा{ा.ा के दौरान प्रतियोÛिता का आयोजन किया Ûया। जिसमें संदीप कुमार Ûांव रोड़ावाली ने प्रथम, रामस्वरुप Ûांव मोहन मÛरिया ने }ितीय तथा अमरसिंह मान Ûांव नाई वाला ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रमोद सहार.ा Ûांव टिब्बी ने किसानों को पर्यावर.ा को बचाने हेतु फसलों के अप’िाष्टों को न जलाने के लिये आहवान किया। प्र’िा{ा.ाार्थियों को फार्म का विजिट तथा बकरी पालन इकाई का भ्रम.ा भी करवाया Ûया। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
सरसों की उत्पादकता बढ़ाने में सक्षम किस्म आरएच-0749
दिनांक 0000-00-00
ग्रामोत्थान विधापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में प्रगतिषील किसान जगतार सिंह निवासी चक प्रतापनगर के खेत चक 5 डीएलपी में सरसों की नवीनतम किस्म आरएच-0749 पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिषन (तिलहन) के अन्तर्गत जिले में सरसों की उत्पादकता बढ़ाने के लिये कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्षन के तहत कुल 125 प्रदर्षन जिले के अलग अलग कलस्टरों में लगाये गये है तथा उन्होंनें किसान भाईयों को सरसों की किस्म का बीज अन्य किसानों को भी उपलब्ध करवाने को कहा ताकि हनुमानगढ़ जिले में तिलहन की पैदावार को बढ़ाया जा सके। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह द्वारा प्रक्षेत्र दिवस के महत्व तथा सरसों की इस किस्म की विषेषताओं के बारे में जानकारी देते हुये कतार से कतार की दूरी 2 फीट रखने की सलाह दी। पादप संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने सरसों के साथ साथ अन्य रबी फसलों जैसे चना, गेहूं में आगामी दिनों में फसलों में लगने वाले कीट व रोगों की जानकारी देते हुये जैविक पद्धति से नियन्त्रण करने की सलाह दी। प्रगतिषील किसान जगतार सिंह द्वारा बताया गया कि पछेती बुवाई में ये किस्म अन्य किस्मों की तुलना में लाभकारी है। गुरपाल सिंह, सुखमन्दर सिंह, सोहन सिंह इत्यादि प्रगतिषील काष्तकारों सहित 42 कृषकों तथा कृषि स्नातकों ने भाग लेकर जानकारी प्राप्त की। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
राष्ट्रीय खाद्य सुर{ाा मि’ान के अन्तर्Ûत प्र{ो= दिवस मनाये
दिनांक 0000-00-00
Û्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संÛरिया के तत्वाधान में सरसों की उन्नत किस्म आर,च-749 पर लÛाये कलस्टर अÛ्रिम पंक्ति प्रदर्’ानों के अन्तर्Ûत चक 8 पीटीपी में किसान हरपाल सिंह , चक 6 ,नकेआर में जÛदेव सिंह तथा चक 4 ,नटीडब्ल्यू में रविन्द्र कुमार के खेत पर प्र{ो= दिवस का आयोजन किया Ûया। जिसमें क्रम’ाः 39, 61 तथा 42 कृषकों, कृषक महिलाओं व कृषि स्नातकों ने भाÛ लिया। केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डाॅ- कुलदीप सिंह ने भारत सरकार }ारा चलाये जा रहे राष्ट्रीय खाद्य सुर{ाा मि’ान (तिलहन) के महत्व व उद्दे’यों की जानकारी किसानों को देते हुये अÛ्रिम पंक्ति प्रदर्’ान के तहत प्र{ो= दिवस के महत्व पर प्रका’ा डाला। उन्होंनें बताया कि केन्द्र }ारा इस वर्ष 125 प्रथम पंक्ति प्रदर्’ान राष्ट्रीय खाद्य सुर{ाा मि’ान (तिलहन) के अन्तर्Ûत लÛाये Ûये हैं। केन्द्र के शस्य वैज्ञानिक डाॅ- चन्द्र’ोखर शर्मा ने सरसों की उन्नत व नवीन किस्म आर,च-749 के Ûु.ाों व उनकी शस्य क्रियाओं की जानकारी दी तथा बताया कि लÛभÛ 15 वर्षों के अन्तराल से आर,च-8812 के बाद ,क अच्छी किस्म आर,च-749 {ो= के किसानों को मिली है। उन्होंनें यह भी बताया कि यह ,क फैलने वाली किस्म है अतः इसके लिये पंक्ति से पंक्ति की दूरी सामान्य किस्मों से अधिक रखी जावे। इससे यह किस्म अधिक पैदावार देती है। पादप संर{ा.ा वैज्ञानिक उमे’ा कुमार ने सरसों के साथ साथ अन्य रबी फसलों जैसे चना, Ûेहूं में लÛने वाले कीट व रोÛों की जानकारी किसानों को दी। डाॅ- मुके’ा कुमार वैज्ञानिक पशुपालन ने प’ाुओं में चारा प्रबन्धन की जानकारी दी। कार्यक्रम में चक 8 पीटीपी में इन्द्रÛढ़ प्रÛति’ाील किसान क्लब इन्द्रÛढ़ के सदस्य हरपाल सिंह दर्’ान सिंह, जÛसीर सिंह इत्यादि तथा चक 6 ,नकेआर में बाबा फरीद किसान क्लब चक हीरासिंहवाला के प्रÛति’ाील समन्वयक ’िावराज सिंह तथा सह-समन्वयक इकबाल सिंह ,वं अन्य प्रÛति’ाील किसान Ûुरदीप सिंह, जितेन्द्र सिंह, हरजीत ंिसह, अजयदीप सिंह इत्यादि ने भाÛ लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
विष्व महिला दिवस मनाया
दिनांक 2019-03-08
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया पर दिनांक 8 मार्च, 2019 को ‘‘विष्व महिला दिवस’’ मनाया गया। इस आयोजन में कुल 25 महिलाओं ने भाग लिया। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने सभी का स्वागत किया तथा महिलाओं व पुरुशों के फर्क को मिटाने का आह्वान किया तथा महिलाओं को भी पुरुशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को कहा। उमेष कुमार ने बताया कि हर क्षेत्र में महिला अग्रणी भूमिका निभा रहीं हैं तथा विष्व महिला दिवस पर भी प्रकाष डाला गया। आयोजन के प्रभारी डाॅ. कुलदीप सिंह ने महिलाओं से खेती मे हिस्सा लेने ंके लिये कहा। डाॅ. मुकेष कुमार ने महिलाओं द्वारा पशुपालन में भागीदारी पर प्रकाष डाला। इस आयोजन में रविन्द्र कुलड़िया तथा आनन्द प्रकाष ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को अधिक से अधिक कृशि से जुड़ने व स्वरोजगार अपनाने के लिये भी कहा गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
आर.एच. 749 पर प्रक्षेत्र दिवस
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ग्रामोत्थान विद्यापीठ, कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में सरसों की उन्नत किस्म आरएच-ंउचय749 पर लगाये कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्षनों के अन्तर्गत गांव जण्डवाला सिक्खान के चक 5 एनकेआर में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें गांव के 95 किसानों व कृ-िुनवजया स्नातकों ने भाग लिया। केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे रा-ुनवजयट्रीय खाद्य सुरक्षा मिषन (तिलहन) के महत्व व उद्देष्यों की जानकारी किसानों को देते हुये अग्रिम पंक्ति प्रदर्षन के तहत प्रक्षेत्र दिवस के महत्व पर प्रकाष डाला। केन्द्र के -रु39यास्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रषेखर -रु39यार्मा ने सरसों की उन्नत व नवीन किस्म आरएच-ंउचय749 के गुणों व उनकी -रु39यास्य क्रियाओं की जानकारी दी तथा बताया कि लगभग 15 व-ुनवजर्याों के अन्तराल से आरएच-ंउचय8812 के बाद एक अच्छी किस्म आरएच-ंउचय749 क्षेत्र के किसानों को मिली है। । उन्होंनें यह भी बताया कि यह एक फैलने वाली किस्म है अतः इसके लिये पंक्ति से पंक्ति की दूरी सामान्य किस्मों से अधिक रखी जावे। पादप संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने सरसों के साथ साथ अन्य रबी फसलों जैसे चना, गेहूं में लगने वाले कीट व रोगों की जानकारी किसानों को दी। कार्यक्रम में बाबा वेद प्रकाष जी किसान क्लब के सदस्य, बरजिन्द्र सिंह, जगजीत सिंह, बलराज सिंह तथा जितेन्द्र सिंह इत्यादि प्रगतिषील किसानों ने भी भाग लिया। वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
सेवाकालीन प्रषिक्षण सम्पन्न
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कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र, संगरिया पर दिनांक 5 व 6 मार्च, 2019 को ‘‘कृशि विकास के लिये सूचना संचार तकनीक का प्रयोग’’ विशय पर सेवाकालीन प्रषिक्षण सम्पन्न हुआ। इस प्रषिक्षण में कुल 22 कृशि पर्यवेक्षकों ने भाग लिया। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार ने स्वागत उद्बोद्धन के साथ प्रषिक्षण की महत्ता पर प्रकाष डालते हुये कृशि विज्ञान केन्द्र के क्रियाकलापों की जानकारी दी। षस्य वैज्ञानकि डाॅ. चन्द्रषेखर षर्मा ने कृशि विकास के लिये सूचना संचार तकनीक को आज की आवष्यकता बताया। प्र-िरु39याक्षण प्रभारी डाॅ. कुलदीप सिंह ने कृशि प्रसार कार्यकर्ताओं को कृशि तकनीकी के प्रसार का वर्तमान परिदृष्य, सूचना संचार तकनीकी का कृशि में प्रयोग, कृशि के लिये मोबाईल एपलीकेषन का प्रयोग जैसे किसान सुविधा एप्प, एग्री मिडिया एप्प इत्यादि की सैद्धान्तिक व प्रायोगिक जानकारी उपलब्ध कराई। डाॅ. मुकेष कुमार ने फेसबूक व यूट्यूब की प्रायोगिक जानकारी देते हुये कृशि तकनीकी प्रसार में इनके योगदान का महत्व की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। रविन्द्र कुलडिया ने वेब पोर्टल, वेबसाईट तथा किसानों के लिये एसएमएस सुविधा के बारे में कृशि प्रसार कार्यकर्ताओं को बताया। प्रषिक्षणार्थियों का प्रषिक्षण पूर्व तथा पष्चात मूल्यांकन किया गया। जिसमें जय सिंह गोदारा, सुरेन्द्र छिम्पा तथा नरसिंह ने प्रथम स्थान, भुपेन्द्र सिंह द्धितीय स्थान तथा सुखमहेन्द्र सिंह व गुरलाल सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। आनन्द्र प्रकाष द्वारा पंजीकरण किया गया तथा उमेष कुमार, विशय विषेशज्ञ द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
मूर्Ûी पालकों का भ्रम.ा दल रवाना
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Û्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र संÛरिया में ‘‘प्रधानमं=ी कौ’ाल विकास योजना’’ के तहत चल रहे 30 दिवसीय प्र’िा{ा.ा ‘ल?ाु मूर्Ûी पालक’ के 20 प्र’िा{ा.ाार्थियों का भ्रम.ा दल बीकानेर के लिये रवाना हुआ। इस दल को केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने हरी झ.डी दिखाकर रवाना किया। प्र’िा{ा.ा प्रभारी डाॅ- मुके’ा कुमार ने बताया कि इन प्र’िा{ा.ाार्थियों को स्वामी के’ावानन्द राजस्थान कृषि वि’वविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान पशु चिकित्सा ,वं पशु विज्ञान वि’वविद्यालय, बीकानेर तथा केन्द्रीय शुष्क बाÛवानी अनुसंधान संस्थान, बीकानेर पर चल रही विभिन्न इकाईयों का भ्रम.ा करवाया जायेÛा। वरिष्ठ वैज्ञानिक ,वं विभाÛाध्य{ा
प्रधानमं=ी किसान सम्मान निधि योजना का आÛाज
दिनांक 2019-02-24
कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र संÛरिया के तत्वाधान में ‘‘प्रधानमं=ी किसान सम्मान निधि योजना’’ को {ो= के किसानों हेतु सीधा प्रसार.ा किया Ûया। इस कार्यक्रम में {ो= के 243 किसानों ने भाÛ लिया। जैसा कि सभी को विदित है कि इस योजना का आÛाज प्रधानमं=ी नरेन्द्र मोदी जी }ारा उत्तर प्रदे’ा के Ûोरखपुर से आज दिनांक 24-02-19 को किया Ûया। इस योजना में ल?ाु व सीमान्त कृ-ुनवजयाकों को प्रति व-ुनवजर्या 6 हजार रुपयेे की सम्मान रा’िा का भुÛतान किया जावेÛा। कार्यक्रम में माननीय सांसद श्रीÛंÛानÛर निहालचन्द मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुये। इनके अलावा संÛरिया पंचायत समिति प्रधान रजनी बाला, अध्य{ा नÛरपालिका संÛरिया नत्थूराम सोनी, पूर्व पालिकाध्य{ा प्रदीप बेनीवाल संÛरिया, संÛरिया के उपख.ड अधिकारी कपिल यादव, तहसीलदार सत्यनाराय.ा सुथार वि’िा-ुनवजयट अतिथि के रुप में पधारे। केन्द्र के वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने सभी सममानित अतिथियों तथा सभी किसानों का स्वाÛत किया तथा बताया कि प्रधानमं=ी किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्Ûत लाभान्वित किसानों हरीराम चक हीरासिंहवाला, बलकौर सिंह व महेन्द्र कुमार हरीपुरा, रामप्रताप कि’ानपुरा उत्तरा)ा तथा कुलदीप सिंह रासूवाला का माल्यार्प.ा }ारा सांसद निहालचन्द ने माल्यार्प.ा कर सम्मान किया। मुख्य अतिथि सांसद निहालचन्द ने अपने उद्बो)न में कहा कि यह योजना दे’ा के हर छोर पर बैठे ल?ाु व सीमान्त किसानों को लाभान्वित व उन्हें सम्मानित करने के उद्दे’य से भारत के माननीय प्रधानमं=ी नरेन्द्र मोदी ने -रु39याुरु की है।
भण्डारण कार्यक्रम (विकास एवं विनिमय) जागरूकता प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2019-01-29
ग्रामोत्थान विद्यापीठ के कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया में एक दिवसीय भण्डारण कार्यक्रम (विकास एवं विनिमय) जागरूकता प्रषिक्षण चैधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर के सहयोग से सम्पन्न हुआ। इस प्रषिक्षण में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष डा.ॅ अनुप कुमार ने कृषकों को अनाज में सुरक्षित भण्डारण की जानकारी देते हुए उसके मूल्य संवर्धन के बारे में बताया। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक संजय मानदाता ने किसानों को कृषि हित में चलायी जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में बताया। कृषि विपणन संस्थान, जयपुर केे रामस्वरूप सैनी ने कृषकों को भण्डारित अनाज की विनिमय व्यवस्था के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही नियाम की अधिकारी षिक्षा वर्मा ने कृषकों को भण्डारण के बीमा तथा ऋण सुविधा के बारे में जानकारी दी। कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने भण्डारण में लगने वाले कीट और उसके नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। कृषकों को राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के वेयर हाऊस का भ्रमण करवाया तथा इसकी व्यवस्था के बारे में अवगत करवाया। इस प्रषिक्षण में क्षेत्र के कुल 52 प्रषिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
मशरुम उत्पादकों का 25 दिवसीय प्र’िा{ा.ा सम्पन्न
दिनांक 2018-12-10
कृषि विज्ञान केन्द्र, Û्रामोत्थान विद्यापीठ, संÛरिया के तत्वाधान में 20 म’ारुम उत्पादकों का 25 दिवसीय (200 ?ा.टे) का प्र’िा{ा.ा दिनांक 10 दिसम्बर 2018 से 3 जनवरी, 2019 सम्पन्न हुआ। कृ”िा विज्ञान केन्द्र के वरि”ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप ने बताया की यह प्र’िा{ा.ा कौ’ाल विकास योजना के अन्तर्Ûत है जिसमें म’ारुम की उत्पादन तकनीकी, रोÛ प्रबन्धन, कम्पोस्ट तैयार करना और इसके साथ साथ प्र’िा{ा.ाार्थियों को साॅफ्ट स्किल का विकास, बाजार की जानकारी, इसके लिये वित्तीय प्रबन्धन की जानकारी प्रदान की Ûई। प्र’िा{ा.ाार्थियों को प्र’िा{ा.ा के दौरान म’ारुम उत्पादन इकाईयों का भ्रम.ा कुलचन्द्र, बेहरवाला तथा चैधरी चर.ासिंह हरिया.ाा कृ”िा वि’वविद्यालय, हिसार का भ्रम.ा करवाया Ûया। प््र’िा{ा.ा प्रभारी व पौध संर{ा.ा वैज्ञानिक उमे’ा कुमार ने बताया की प्र’िा{ा.ाार्थियों को ढ़िंÛरी म’ारुम, दुधिया म’ारुम, बटन म’ारुम, कार्डसिप म’ारुम, ’िाटाके म’ारुम तथा Ûाईनोडरमा म’ारुम तैयार करने की जानकारी दी Ûई तथा इसके मानव जीवन में उपयोÛ के बारे में अवÛत करवाया Ûया। प्र’िा{ा.ा के दौरान प्रायोÛिक कार्य भी करवाये Ûये जैसे कम्पोस्ट बनाना, कैसिंÛ करना, स्पानिÛ करना इत्यादि की जानकारी भी दी Ûई। प्रशि{ा.ा के समापन पर प्र’िा{ा.ाार्थियों का प्र’िा{ा.ा प’चात् मूल्यांकन भी किया Ûया। (डा-अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
प्री रबी किसान सम्मेलन का आयोजन
दिनांक 0000-00-00
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में केन्द्र के प्रांगण में प्री रबी किसान सम्मेलन, 2018 का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के 1730 किसान व कृशक महिलाओं ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन हनुमानगढ़ के जिला कलक्टर दिनेष चन्द्र जैन के मुख्य आतिथ्य में हुआ। विषेश अतिथि के रुप में उपखण्ड अधिकारी संगरिया कपिल कुमार यादव, उपनिदेषक कृशि हनुमानगढ़ डाॅ. जयनारायण बेनीवाल, ग्रामोत्थान विद्यापीठ के निदेषक हनुमान गोयल तथा सन्तोश अग्रवाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गा्रमोत्थान विद्यापीठ के सचिव सुखराज सिंह सलवारा ने की। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक एवं विभागध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने सभी किसानों व अतिथि का स्वागत किया तथा कृशक हित में केन्द्र द्वारा चलाये जा रहे कार्यों से अवगत कराया। जिला कलक्टर ने अपने उद्बोधन में कहा कि आधुनिक परिप्रेक्ष्य में कृशि को मात्र जिविका का साधन न माना जाये इसे एक व्यवसाय के रुप में लिया जावे तभी किसान सफल होगा। डाॅ. जयनारायण बेनीवाल ने किसानों से आग्रह किया कि वे जल बचत व जल के समुचित उपयोग हेतु डिग्गियों का निर्माण करावें। इसके लिये सरकार अनुदान उपलब्ध करा रही है। सुखराज सिंह सलवारा ने किसानों से आग्रह किया की कृशि विज्ञान केन्द्र से जुड़कर नवीनतम कृशि तकनीकी जानकारी प्राप्त करें और उन्हें कृशि में लागू करें। कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में कृशि अनुसंधान केन्द्र श्रीगंगानगर के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. विजय कुमार, डाॅ. रुप सिंह मीणा व डाॅ. चन्द्रभान ने किसानों को विभिन्न विशयों पर जानकारी दी। प्रषिक्षण एवं पशु अनुसंधान केन्द्र, सूरतगढ़ प्रभारी डाॅ. राजकुमार बेरवाल ने पशुपालन के विभिन्न आयामों की जानकारी किसानों को दी। कार्यक्रम में विभिन्न आदान विक्रेताओं और उत्पादक कम्पनियों ने 40 स्टाॅल भी लगाई। जिसमें खादीग्रामाद्योग, बीकानेर ने बायोगैस लगाने की जागरुकता के बारे जानकारी दी। स्टाॅल प्रतियोगिता में प्रषिक्षण एवं पशु अनुसंधान केन्द्र सूरतगढ़ की स्टाॅल ने प्रथम स्थान पर, भाटीवाल मषरुम फार्म कुलचन्द्र दूसरे स्थान पर तथा टी- स्टेन कम्पनी तीसरे स्थान पर रही। कार्यक्रम में किसानों के लिये एक प्रष्नोतरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें किसानों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। प्रष्नोतरी हेतु 20-20 पुरस्कारों की व्यवस्था उत्तम कैमिकल्स इण्डस्ट्रीज व दयाल फर्टीलाईजर्स की तरफ से की गई। (डा-अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
भाकरावाली में मिट विद् एक्सपर्ट कार्यक्रम का आयोजन
दिनांक 0000-00-00
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा संचालित तथा नाबार्ड, हनुमानगढ़ द्वारा वित पोषित ‘‘ गुरुनानक किसान क्लब’’ भाकरावाली का मिट विद् एक्सपर्ट कार्यक्रम अटल सेवा केन्द्र पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभागध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष श्री भूप सिंह महला तथा विषिष्ट अतिथि ओ.पी. वधवा, वित्तीय साक्षरता काउंसलर, भारतीय स्टैट बैंक, हनुमानगढ़ व संजय मन्धाता, जिला विकास प्रबन्धक, नाबार्ड, हनुमानगढ़ थे। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभागध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में जानकारी देते हुये सन् 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने के लिये कृषि के साथ साथ अन्य सहायक धन्धों जैसे बकरी पालन, मछली पालन इत्यादी को अपनाने की आवष्यकता पर बल दिया। संजय मन्धाता ने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। ओ.पी. वध्वा ने बैंकींग प्रणाली की जानकारी उपलब्ध कराई। शस्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर द्वारा संतुलित उर्वरक प्रबन्धन की आवष्यकता के बारे में बताते हुये फर्टीकम सीड ड्रिल द्वारा बुवाई करने की आवष्यकता पर जानकारी दी। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. कुलदीप सिंह द्वारा समन्वित कीट प्रबन्धन के सिद्धान्तों व जैविक खेती की जानकारी दी गई। किसान क्लब के समन्वयक श्री सुखदेव सिंह व सह समन्वयक श्री कुलदीप सिंह कलसी द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये क्लब सदस्यों व प्रगतिषील किसानों का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में प्रगतिषील किसान रामलाल डारा, जगदीष भाखर, इन्द्राज, बलवन्त सिंह, कष्मीर सिंह इत्यादि ने भाग लिया। (डा-अनूप कुमार) व्रि“ठ वैज्ञानिक ,ंव अ/;{ा
जैव अव;व उत्पादन प्रि’ा{ा.ा सम्पन्न
दिनांक 2018-10-25
कृ“ा विज्ञान केन्द्र Û्रा- वि- संÛरि;ा में दो दिवसी; जैव अव;व उत्पादन प्रि’ा{ा.ा आत्मा;ोजनान्तÛर्त दिनांक 24-25-10-18 को सम्पन्न हुआ। प्रि’ा{ा.ा में केन्द्र के वरि”ठ वैज्ञानिक ,वं विभाÛा/;{ा डॉ- अनूप कुमार ने किसानों को जैव अव;वों के महत्व के बारे में जानकारी दी तथा केन्द्र पर संचालित Ûतिवि/ा;ों के साथ-साथ अजोला उत्पादन तकनीकी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केन्द्र के पौ/ा संर{ा.ा वैज्ञानिक उमे’ा कुमार ने प्रि’ा{ा.ार्थि;ों को जैव अव;व ट्राईेकोडर्मा) मेटाराइर्जि;म) सुडोमोनास तथा माईकोराइजा बनाने की प्रा;ोÛक तथा सै)ान्तिक वि/ा;ों की जानकारी देते हु;े करके दि(ा;ा। प्रि’ा{ा.ा के दौरान प्र’नोतरी का;र्क्रम र(ा Û;ा जिसमें श्री संदीप कुमार Ûांव भाम्भूवाली ढ$ा.ा) रोहिता’ा कुमार Ûांव नूकेरा तथा उद;पाल सिंह Ûांव लम्बी ढ$ाब ने क्रम’ाþ प्रथम) ि}ती; तथा तृती; स्थान प्राप्त कि;ा जिन्हें पुरस्कृत कर सम्मानित कि;ा Û;ा। (डा-अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
महिला किसान दिवस 15.10.2018 का आयोजन
दिनांक 2018-10-15
कृषि विज्ञान केन्द्र ग्रा. वि. संगरिया परिसर पर महिला किसान दिवस के आयोजन पर कृशक महिलाओं द्वारा वृक्षारोपण वरिश्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
स्वच्छता हेतु प्रभात फेरी
दिनांक 0000-00-00
कृशि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा गांव लम्बी ढ़ाब में स्वच्छता ही सेवा 2018 के तहत प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिश्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि यह प्रभात फेरी स्वच्छता के प्रति जनमानस को जागरुक करने के लिये आयोजित की गई। प्रभात फेरी में कृशि विज्ञान केन्द्र के डॉ. चन्द्रषेखर षर्मा, महावीर कस्वां व आनन्द प्रकाष तथा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, लम्बी ढ़ाब के छात्रों, प्रधानाध्यापक राजेष कुमार षर्मा तथा अध्यापक गण के साथ साथ गांव के सुखमिन्दर सिंह चौधरी तथा अन्य लोगों ने भाग लिया। प्र्रभात फेरी के दौरान स्वच्छता ही सेवा है, स्वच्छ भारत है एक बड़ा अभियान, सब मिलकर करें अपना योगदान, हम सबका यही सपना, स्वच्छ भारत हो अपना, बापू का घर घर पहुंचे संदेष, स्वच्छ सुन्दर हो अपना देष तथा दवाई से नाता तोड़ो, सफाई से नाता जोड़ो इत्यादि नारों का उच्चारण भी किया गया। वरिश्ठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
Skill Development Training of ASCI for Trainers inaugurated at SKRAU, Bikaner
दिनांक 2018-09-20
20th September, 2018 Three day’s training of trainers under Sill Development Programme of Agriculture Skill Council of India for KVKs of ICAR-ATARI, Zone-II has been inaugurated today at SKRAU, Bikaner. Main objective of the training is to provide hands on training to Master Trainers on various job roles (qualification packs and model curriculum) so that they can further provide trainings to rural youth for minimum 200 hours duration for their self-employment. Prof. B.R. Chippa, Hon’ble Vice Chancellor, SKRAU, Bikaner and Chief Guest of the occasion mentioned that India is lacking skill in general & agricultural skillin particularlyin comparison to other developed countries. Hence, there is a need to plan and execute the skill development programmes in an efficient manner with an aim to Double the Income of Farmers by 2022. Dr. S.K. Sharma, Director of Extension Education, SKRAU, Bikaner mentioned that agricultural skill will play an important role in transforming youth into agri-preneures so that they can be self employed as well as provide employment to others through ambitious programme of Government of India like Make in India, Skill India and Digital India. Dr.M.S.Meena, Principal Scientist (AE), ICAR-ATARI, Jodhpur coordinated the training and mentioned that migration of youth is a major problem. Hence,collaborative skill trainings will help rural youth to upgrade their skills, knowledge and attitude so that their economic upliftment can be achieved. Skilled training can attract them to take agriculture as a profession and remain in agriculture in a sustainable manner and for the purpose Master Trainers of KVKs have a major role to play. The Master Trainer Sh. S.L. Navatiya from Agricultural Skill Council of India (ASCI) will provide hands-on training to Trainers on various Job Roles (Qualification Packs and Model Curriculum) to 65 participants of Rajasthan, Haryana & Delhi and 10 participants of Madhya Pradesh on 16 Job Rolesduring 20-22 September, 2018. Various distinguished delegates from SKRAU, Bikaner like Dean, Directors, and Professors also participated in the inaugural session.
म-रु39यारुम उत्पादन तकनीकी पर प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2023-06-11
कृ-ुनवजया विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में 4 दिवसीय मषरुम उत्पादन तकनीकी प्रषिक्षण आज दिनांक 18 अगस्त, 2018 को सम्पन्न हुआ। प्रषिक्षण में राजस्थान, हरियाणा तथा पंजाब के 53 युवा कृ-ुनवजयाकों ने भाग लिया। केन्द्र के वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि इस प्रषिक्षण के दौरान कृ-ुनवजयाक परिवार के लिये कृ-ुनवजया विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी के साथ साथ मषरुम की उगाने योग्य प्रजातियों, मषरुम की उत्पादन तकनीकी मषरुम को नुकसान पहुंचाने वाले कीट व रोग तथा उनकी रोकथाम, मषरुम की तुड़ाई, पैकिंग व विपणन पर विस्तार पूर्वक जानकारी किसानों को दी गई। केन्द्र के पौध संरक्षण विषे-ुनवजयाज्ञ उमेष कुमार ने इस प्रषिक्षण के प्रभारी व मषरुम विषे-ुनवजयाज्ञ के रुप में मषरुम उत्पादन के सैद्वांतिक व प्रायोगिक पहलुओं पर विस्तृत प्रकाष डाला। प्रषिक्षण के अन्त में मूल्यांकन के आधार पर क्रमषः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहे कृ-ुनवजयाक राम कुमार गांव गोलूवाला, राकेष कुमार गांव पक्का सारणा व राजेष गोदारा गांव धोलीपाल को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
म-रु39यारुम उत्पादन तकनीकी पर प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2023-06-11
कृ-ुनवजया विज्ञान केन्द्र, ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया के तत्वाधान में 4 दिवसीय प-रु39याओं में टीकाकरण एवं संतुलित आहार वि-ुनवजयाय पर गांव जण्डवाला सिक्खान में प्रषिक्षण आयोजित किया गया जिसमें 41 कृ-ुनवजयाकों व कृ-ुनवजयाक महिलाओं ने भाग लिया। केन्द्र के -रु39यास्य वैज्ञानिक डॉ. चन्द्रषेखर -रु39यार्मा ने नरमा व मूंग फसलों में -रु39यास्य क्रियाओं के बारे में बताया। इस प्रषिक्षण के दौरान कृ-ुनवजया विज्ञान केन्द्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने मुख्य फसल नरमा में लगने वाले विभिन्न कीट एवं रोग तथा उनके निदान के बारे जानकारी दी। डॉ. कुलदीप सिंह ने कृ-ुनवजया विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। प्रषिक्षण प्रभारी डॉ. मुकेष कुमार ने प-रु39यापालन विभाग की सहायता से प-रु39याओं चिकित्सा षिविर का भी आयोजन किया गया तथा प-रु39यापालकों को प-रु39याओं में होने वाली संक्रामक बीमारियों व उनके बचाव तथा प-रु39याओं को दिये जाने वाले संतुलित आहार के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।। जिसमें 57 प-रु39याओं का उपचार व परामर्ष दिया गया। इस प्रषिक्षण में बाबा वेद प्रकाष किसान क्लब, जण्डवाला सिक्खान के सदस्यों व ग्रामीणों ने भरपूर सहयोग किया। प-रु39यापालन विभाग से संदीप बेनीवाल ने भी षिविर में पूर्ण रुप से सहयोग प्रदान किया। वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक एवं विभागाध्यक्ष
इन्द्रÛढ$ में किसान क्लब का जाÛüकता का;र्क्रम आ;ोजित (6th July 2018)
दिनांक 2018-07-06
कृ“ा विज्ञान केन्द्र) Û्रा-वि-) संÛरि;ा }ारा संचालित तथा नाबार्ड) हनुमानÛढ$ }ारा वित पो“ात ‘‘ Ûुüनानक किसान क्लब’’ भाकरावाली का मिट विद् ,क्सपर्ट का;र्क्रम (रबी) अटल सेवा केन्द्र पर सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कृ“ा विज्ञान केन्द्र के वरि“ठ वैज्ञानिक व विभाÛ/;{ा डॉ- अनूप कुमार ने मृदा स्वास्थ्; कार्ड के बारे में जानकारी देते हु;े सन् 2022 तक किसानों की आमदनी दुÛनी करने के माननी; प्र/ानमं=ी जी के सपने को साकार करने के लि;े कृ“ा के साथ साथ अन्; सहा;क /ान्/ां जैसे प’ापालक) म/ामक्(ा पालन) म’ाüम) बकरी पालन) मछली पालन इत्;ादी को अपनाने की आव’;कता पर बल दि;ा। का;र्क्रम के नोडल अि/ाकारी कृ“ा प्रसार वैज्ञानिक डॉ- कुलदीप सिंह }ारा किसान क्लब के महत्व तथा संतुलित उर्वरक प्रबन्/ान की आव’;कता के बारे में बताते हु;े फर्टीकम सीड ड्रिल तथा अन्; उन्नत कृ“ा उपकर.ां की किसानों की समस्;ा को समा/ान करने के लि;े किसान क्लब }ारा कस्टमर हा;रिंÛ सेन्टर स्थापित करने का सुझाव दि;ा। ’ास्; वैज्ञानिक डॉ- चन्द्र’ो(ार }ारा नरमा) मूंÛ) ग्वार फसलों में ’ास्; क्रि;ाओं की जानकारी दी Ûई। किसान क्लब के समन्व;क श्री जसवीर सिंह }ारा का;र्क्रम को सफल बनाने के लि;े क्लब सदस्;ों व प्रÛति’ाल किसानों का /ान्;वाद कि;ा। वरि“ठ वैज्ञानिक ,वं अ/;{ा
मषरूम की खेती का प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2023-06-11
ग्रामोत्थान विद्यापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र,संगरिया में चार दिवसीय संस्थागत प्र्रषिक्षण के समापन पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष डा. अनुप कुमार ने कहा कि किसानो की आमदनी बढाने में मषरूम की खेती एक सार्थक प्रयास है। कम लागत व कम क्षेत्रफल में अच्छा मुनाफा कमाने के साथ-साथ रोजगार का भी अच्छा साधन है। प्रषिक्षण प्रभारी श्री उमेष कुमार द्वारा मषरूम की खेती की सैद्वान्तिक व प्रायोगिक जानकारी देते हुये विपणन सम्बन्धी विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।पुर्व में केन्द्र से प्रषिक्षत प्रगतिषील महिला कृषक गायत्री देवी जो कि मषरूम से सालाना 36 लाख रूप्ये की आमदनी ले रही है, ने भी कृषको को अपने अनुभव शेयर किये तथा आने वाली कठिनाइयो की जानकारी दी।सफलतापूर्व प्रषिक्षण प्राप्त करने वाले 30 किसानो को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। डा.अनुप कुमार व्रिष्ठ वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष
चना किस्म जी,नजी 1958 पर प्र{ो= दिवस
दिनांक 2023-06-11
Û्रामोत्थान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान केन्द्र, संÛरिया के तत्वाधान में चना की उन्नत किस्म जी,नजी-1958 (मरुधर) पर लÛाये राष्ट्रीय खाद्य सुर{ाा मि’ान के तहत कलस्टर अÛ्रिम पंक्ति प्रदर्’ानों के अन्तर्Ûत Ûांव रासूवाला के चक 11 के,सडी में बलजीत सिंह तथा लम्बी ढ़ाब के चक 1 ,नकेआर में Ûमदूर सिंह के खेत पर प्र{ो= दिवस का आयोजन किया Ûया। जिसमें Ûांव के क्रम’ाः 44 व 30 किसानों ने भाÛ लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने भारत सरकार }ारा चलाये जा रहे राष्ट्रीय खाद्य सुर{ाा मि’ान के महत्व व उद्दे’यों की जानकारी किसानों को दी। डाॅ- अनूप कुमार ने बताया कि जी,नजी 1958 मोटे दानों वाली दे’ाी चने की किस्म वर्ष 2013 में राजस्थान राज्य सहित उत्तरी प’िचमी मैदानी {ो=ों के लिये अधिुसूचित की Ûई है। उन्होंने आÛामी फसल नरमा कपास की बुवाई हेतु तैयारियों पर भी चर्चा की। केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डाॅ- कुलदीप सिंह ने अÛ्रिम पंक्ति प्रदर्’ान के तहत प्र{ो= दिवस के महत्व पर प्रका’ा डालते हुये बताया कि चने की मरुधर किस्म के 100 दानों का औसत भार लÛभÛ 25-4 Û्राम होता है तथा उचित प्रबन्धन ,वं अनूकुल परिस्थितियों में इसकी औसत उत्पादकता 25 क्विं- प्रति हैक्टर है। पादप संर{ा.ा वैज्ञानिक उमे’ा कुमार ने चना के साथ साथ अन्य रबी फसलों जैसे जौ, Ûेहूं में लÛने वाले कीट व रोÛों की जानकारी किसानों को दी। कार्यक्रम में जन प्रतिनिधि दौलत सिंह, Ûुरवीर सिंह, धन्ना सिंह इत्यादि प्रÛति’ाील किसानों ने भी भाÛ लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक ,वं विभाÛाध्य{ा
महिला सषक्तिकरण समय की आवष्यकता
दिनांक 2023-06-11
ग्रामोत्थान विधापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के सभागार में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें केन्द्र की गृह वैज्ञानिक संतोष झाझड़िया ने कृषक महिलाओं व कृषि संकाय की छात्राओं को महिला सषक्तिकरण के बारे में बताते हुये कहा कि आज के आधुनिक युग में महिला का जागरुक एवं आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवष्यक है। आज प्रत्येक क्षेत्र में नारी के लिये रोजगार के समान अवसर है। उन्होंने कहा कि इस दिवस की सार्थकता तभी होगी जब हर युवा छात्रा अपने ग्रामीण क्षेत्र से सम्बंधित महिला को सषक्त बनाकर महिला को उन्नत कृषि व प्रसंस्करण तकनीकी से अवगत करवायेगी। उन्होंनें महिला कल्याण के लिये चल रही भारत सरकार की योजनाओं के बारे में अवगत करवाया। इन छात्राओं को तकनीकी जानकारी हस्तांतरित करने के लिये प्रतिबद्ध किया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
मुण्डा में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन
दिनांक 2023-06-11
ग्रामोत्थान विधापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में गांव मुण्डा में प्रगतिषील कृषक हरबंष लाल मटोरिया पुत्र देवी लाल मटोरिया के खेत चक 16 एमडी पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया जिसमें कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने नैषनल मिषन आॅफ आॅयल सीड्स व आॅयल पाॅम के अन्तर्गत कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्षन के तहत प्रदर्षित सरसों किस्म त्भ्.0749 क्षेत्र में अन्य प्रचलित किस्मों की अपेक्षा अधिक लाभकारी बताये। उन्होंनें प्रक्षेत्र दिवस के महत्व के बारे में बताते हुये सरसों की किस्म का बीज अन्य किसानों को भी उपलब्ध करवाने को कहा ताकि हनुमानगढ़ जिले में तिलहन की पैदावार को बढ़ाया जा सके। पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ. मुकेष कुमार द्वारा पशुओं में थनैला रोग की जानकारी तथा उपचार के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी इसके साथ ही पशुओं को दिये जाने वाले संतुलित आहार के महत्व पर प्रकाष डाला। आनन्द प्रकाष ने रंगीन मछली पालन करने के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। कृषि पर्यवेक्षक सुखपाल सिंह ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी तथा इस किस्म के प्रचार प्रसार के लिये किसान भाईयों से अपील की। प्रक्षेत्र दिवस में प्रगतिषील किसान श्योपत राम, देवीलाल, कालूराम, दलबीर सहित 80 कृषकों तथा कृषक महिलाओं ने भाग लिया। इस किस्म की सभी किसानों ने प्रषंसा करते हुये क्षेत्र के लिये उपयुक्त बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
सरसों किस्म आरएच-ंउचय0749 पर प्रक्षेत्र दिवस आयोजित
दिनांक 2023-06-11
ग्रामोत्थान विधापीठ कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में प्रगतिषील किसान कष्मीर सिंह निवासी भाकरावाली के खेत चक 1 केएसडी में सरसों की नवीनतम किस्म आरएच-ंउचय0749 पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें केन्द्र के वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि नैषनल मिषन आॅफ सीड्स व आॅयल पाॅम के अन्तर्गत जिले में सरसों की उत्पादकता ब-सजय़ाने के लिये कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्षन के तहत कुल 125 प्रदर्षन जिले के अलग अलग कलस्टरों में लगाये गये है तथा उन्होंनें किसान भाईयों को आमदनी दुगनी करने के लिये भारत सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। -रु39यास्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रषेखर -रु39यार्मा द्वारा सरसों की इस किस्म की विषे-ुनवजयाताओं के बारे में जानकारी देते हुये कतार से कतार की दूरी 2 फीट रखने की सलाह दी। कृ-िुनवजया प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह द्वारा प्रक्षेत्र दिवस के महत्व तथा आगामी दिनों में फसलों में लगने वाले कीट व रोगों की जानकारी देते हुये जैविक पद्धति से नियन्त्रण करने की सलाह दी। गुरुनानक किसान क्लब, भाकरावाली के समन्वयक सुखदेव सिंह ने किसान भाईयों से नवीनतम तकनीकी अपनाने का आह्वान करते हुये कृ-िुनवजया विज्ञान केन्द्र से जुड़कर अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रगतिषील किसान कष्मीर सिंह द्वारा बताया गया कि पछेती बुवाई में ये किस्म अन्य किस्मों की तुलना में लाभकारी है। जन प्रतिनिधियों में सरपंच पति प्रकाष सिंह, कुलदीप सिंह, परमपाल सिंह तथा धर्मपाल इत्यादि 108 कृ-ुनवजयाकों, महिला कृ-ुनवजयाकों तथा कृ-िुनवजया स्नातकों ने भाग लेकर जानकारी प्राप्त की। वरि-ुनवजयठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
कलस्टर अÛ्रिम पंक्ति प्रदर्’ान के अन्तर्Ûत प्र{ो= दिवस
दिनांक 2023-06-11
Û्रामोत्थान विधापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र, संÛरिया के तत्वाधान में चक हीरासिंहवाला में प्रÛति’ाील महिला कृषक श्रीमति जसवीर कौर पत्नी ल{म.ा सिंह के खेत चक 5 ,नकेआर पर प्र{ो= दिवस का आयोजन किया Ûया जिसमें कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ- कुलदीप सिंह ने नै’ानल मि’ान आॅफ आॅयल सीड्स व आॅयल पाॅम के अन्तर्Ûत कलस्टर अÛ्रिम पंक्ति प्रदर्’ान के तहत प्रदर्’िात सरसों किस्म त्भ्-0749 {ो= में अन्य प्रचलित किस्मों की अपे{ाा अधिक लाभकारी बताये। उन्होंनें प्र{ो= दिवस के महत्व के बारे में बताते हुये सरसों की किस्म का बीज अन्य किसानों को भी उपलब्ध करवाने को कहा ताकि हनुमानÛढ़ जिले में तिलहन की पैदावार को बढ़ाया जा सके। शस्य वैज्ञानिक डाॅ- चन्द्र’ोखर शर्मा }ारा इस किस्म की वि’ोषताओं को बताते हुये कहा कि यह किस्म जितना बायोमाॅस लेÛी उतना ही अधिक उत्पादन देÛी। उन्होंनें प्रदर्’ानों के तहत अपनाई Ûई नवीनतम तकनीकी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। पौध संर{ा.ा वैज्ञानिक उमे’ा कुमार ने आÛामी दिनों में आने वाली कीट व व्याधियों की जानकारी देते हुये रोकथाम के उपाय बताये। केन्द्र की Ûृह वैज्ञानिक श्रीमति संतोष झाझड़िया ने न्यूट्री’ानल Ûार्डन की जानकारी देते हुये जैविक सब्जी उत्पादन की सलाह दी। कृषि पर्यवे{ाक जय सिंह Ûोदारा ने विभाÛीय योजनाओं की जानकारी दी तथा इस किस्म के प्रचार प्रसार के लिये किसान भाईयों से अपील की। प्र{ो= दिवस में कुल 91 कृषक, कृषक महिलाओं तथा कृषि संकाय के विद्यार्थियों व बाबा फरीद किसान क्लब के समन्वयक ’िावराज सिंह तथा प्रÛति’ाील किसान बरजिन्द्र सिंह, Ûुरदीप सिंह बराड़, जÛजीत सिंह, नाजम सिंह इत्यादि ने भाÛ लिया। इस किस्म की सभी किसानों ने प्र’ांसा करते हुये {ो= के लिये उपयुक्त बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक ,वं अध्य{ा
नवीनतम सरसों किस्म आरएच-0749 क्षेत्र के लिये वरदान
दिनांक 2023-06-11
ग्रामोत्थान विधापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र, संगरिया के तत्वाधान में चक 8 एएमपी गांव लम्बी ढ़ाब में प्रगतिषील किसान रामजीलाल के खेत पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया जिसमें कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह ने नैषनल मिषन आॅफ आॅयल सीड्स व आॅयल पाॅम के अन्तर्गत कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्षन के तहत प्रदर्षित सरसों किस्म त्भ्.0749 क्षेत्र में अन्य प्रचलित किस्मों की अपेक्षा अधिक लाभकारी बताये। उन्होंनें प्रक्षेत्र दिवस के महत्व के बारे में बताते हुये सरसों की किस्म का बीज अन्य किसानों को भी उपलब्ध करवाने को कहा ताकि हनुमानगढ़ जिले में तिलहन की पैदावार को बढ़ाया जा सके। शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रषेखर शर्मा द्वारा इस किस्म की विषेषताओं को बताते हुये कहा कि यह किस्म जितना बायोमाॅस लेगी उतना ही अधिक उत्पादन देगी। उन्होंनें प्रदर्षनों के तहत अपनाई गई नवीनतम तकनीकी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। पौध संरक्षण वैज्ञानिक उमेष कुमार ने आगामी दिनों में आने वाली कीट व व्याधियों की जानकारी देते हुये रोकथाम के उपाय बताये। केन्द्र की गृह वैज्ञानिक श्रीमति संतोष झाझड़िया ने न्यूट्रीषनल गार्डन की जानकारी देते हुये जैविक सब्जी उत्पादन की सलाह दी। कृषि पर्यवेक्षक जय सिंह गोदारा ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी तथा इस किस्म के प्रचार प्रसार के लिये किसान भाईयों से अपील की। प्रक्षेत्र दिवस में कुल 92 कृषक, कृषक महिलाओं तथा कृषि संकाय के विद्यार्थियों व प्रगतिषील किसान किसान हरविन्द्र सिंह, लाभ सिंह इत्यादि ने भाग लिया। इस किस्म की सभी किसानों ने प्रषंसा करते हुये क्षेत्र के लिये वरदान बताया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
बकरी पालन प्रषिक्षण सम्पन्न
दिनांक 2023-06-11
ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया कृषि विज्ञान केन्द्र के तत्वाधान में चल रहे चार दिवसीय बकरी पालन प्रषिक्षण के समापन समारोह में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी दी तथा कहा कि किसानों की आय को खेती के साथ साथ सहायक धन्धों को अपनाकर बढ़ाया जा सकता है। इन्होंनें जिले के युवाओं को आह्वान किया कि केन्द्र से प्रषिक्षण प्राप्त कर स्वरोजगार को बढ़ावा दें। प्रषिक्षण प्रभारी डाॅ. मुकेष कुमार ने बताया की बकरी पालन करके किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकता है। इन्होंनें बकरी पालन से सम्बंधित पालन पोषण तथा चिकित्सा सम्बंधी जानकारी दी। कार्यक्रम के पष्चात् एक प्रष्नोतरी प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें धर्म सिंह गांव ढ़ाबां, कुलविन्द्र सिंह गांव बोलांवाली तथा इमदाद खान गांव सलेमगढ़ मसानी ने क्रमषः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा इन्हें पुरस्कृत भी किया गया। इस प्रषिक्षण में कुल 48 प्रषिक्षणार्थियों ने भाग लिया। प्रषिक्षण के दौरान प्रषिक्षणार्थियों को फार्म का विजिट तथा बकरी पालन इकाई का भ्रमण भी करवाया गया। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवंम विभागाध्यक्ष
समन्वित कृषि प)ति आमदनी बढ़ाने में स{ाम
दिनांक 2023-06-11
Û्रामोत्थान विद्यापीठ कृषि विज्ञान केन्द्र संÛरिया }ारा प्रायोजित तथा नाबार्ड, हनुमानÛढ़ }ारा वित पोषित ‘‘Ûुरु अर्जुन देव सिंह जी किसान क्लब’’ अमरसिंहवाला का मिट विद् ,क्सपर्ट कार्यक्रम स्थानीय Ûुरु}ारा साहिब में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर डाॅ- अनूप कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने मछली पालन के महत्व की जानकारी देते हुये पक्की डिग्Ûियों में मछली पालन कर अतिरिक्त आय अर्जित करने को कहा। उन्होंनें मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरक प्रबन्धन की सलाह दी तथा किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने के लिये मुर्Ûीपालन, बकरीपालन इत्यादि अपनाने की सलाह दी। उद्यान वैज्ञानिक महावीर प्रसाद कस्वां ने कद्दूवर्Ûीय सब्जियों तथा भि.डी की खेती की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व प्रसार वैज्ञानिक डाॅ- कुलदीप सिंह ने समन्वित कृषि प)ति के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में उपयोÛी है तथा रबी फसलों में पौध संर{ा.ा कार्यों तथा जैविक खेती के बारे में जानकारी दी। किसान क्लब के समन्वयक चड़ सिंह ने सभी सदस्यों व प्रÛति’ाील किसान भाईयों को वैज्ञानिक तकनीकी से खेती करने का आह्वान किया तथा उन्होंनें बताया कि पिछले दो वर्षों से राष्ट्रीय खाद्य सुर{ाा मि’ान के अन्तर्Ûत प्रथम पंक्ति प्रदर्’ान के दौरान लÛाये चना तकनीकी से किसानों ने लाभ उठाते हुये 10 हैक्टर सें बढ़कर 375 हैक्टर हो Ûया है जो कि कृषि विज्ञान केन्द्र की देन है। (अनूप कुमार) वरिष्ठ वैज्ञानिक एवंम विभागाध्यक्ष
भाकरावाली में मिट विद् एक्सपर्ट कार्यक्रम का आयोजन
दिनांक 2023-06-11
कृषि विज्ञान केन्द्र, ग्रा.वि., संगरिया द्वारा संचालित तथा नाबार्ड, हनुमानगढ़ द्वारा वित पोषित ‘‘ गुरुनानक किसान क्लब’’ भाकरावाली का मिट विद् एक्सपर्ट कार्यक्रम (रबी) अटल सेवा केन्द्र पर ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष श्री भूप सिंह महला की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि प्रधानाचार्य श्री सुखविन्द्र सिंह थे। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व विभागध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के बारे में जानकारी देते हुये सन् 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने के माननीय प्रधानमंत्री जी के सपने को साकार करने के लिये कृषि के साथ साथ अन्य सहायक धन्धों जैसे बकरी पालन, मछली पालन इत्यादी को अपनाने की आवष्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ. कुलदीप सिंह द्वारा संतुलित उर्वरक प्रबन्धन की आवष्यकता के बारे में बताते हुये फर्टीकम सीड ड्रिल तथा अन्य उन्नत कृषि उपकरणों की किसानों की समस्या को समाधान करने के लिये किसान क्लब द्वारा कस्टमर हायरिंग सेन्टर स्थापित करने का सुझाव दिया। शस्य वैज्ञानिक डाॅ. चन्द्रषेखर द्वारा गेहूं, सरसों तथा चना फसलों शस्य क्रियाओं की जानकारी दी गई। किसान क्लब के सह समन्वयक श्री कुलदीप सिंह कलसी द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये क्लब सदस्यों व प्रगतिषील किसानों का धन्यवाद किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष
वि’व मृदा दिवस का आयोजन
दिनांक 2023-06-11
Û्रामोत्थान विद्यापीठ, संÛरिया के कृषि विज्ञान केन्द्र, हनुमानÛढ़ प्रथम व उपनिदे’ाक कृषि (विस्तार), हनुमानÛढ़ के संयुक्त तत्वाधान में कृषि विज्ञान केन्द्र, संÛरिया के प्रांÛ.ा में वि’व मृदा दिवस का आयोजन किया Ûया। जिसमें {ो= के 716 कृषक व कृषक महिलाओं व युवाओं ने भाÛ लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संÛरिया के विधायक श्री कृष्.ा कुमार कड़वा ने अपने उद्बो)न में किसानों से आÛ्रह किया कि वे अपने खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य का ध्यान भी अपने स्वयं के स्वास्थ्य की तरह ही रखें। यदि मिट्टी की सेहत बिÛड़ी हो तो कृषि ?ााटे का सौदा साबित होÛी। कार्यक्रम की अध्य{ाता करते हुये श्रीमती Ûुलाब सिंवर, भाजपा जिला महिला मोर्चा की अध्य{ा ने बताया कि यह मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 4 वर्ष पूर्व प्रारम्भ की Ûई थी। जो किसानों के लिये उत्तम साबित हो रही है। किसान मृदा स्वास्थ्य के प्रति जाÛरुक हो रहा है। वितरित किये जा रहे मृदा स्वास्थ्य कार्ड की संख्या यह साबित कर रही है। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ- अनूप कुमार ने सभी अतिथियों का स्वाÛत करते हुये वि’व मृदा स्वास्थ्य दिवस की महत्ता पर प्रका’ा डाला उन्होंनें बताया कि यह कार्यक्रम खाद्य ,वं कृषि संÛठन }ारा वर्ष 2013 से प्रारम्भ किया Ûया है और भारत में इसका आÛाज माननीय प्रधानमं=ी नरेन्द्र मोदी }ारा राजस्थान राज्य के सुरतÛढ़ कस्बे से 19 फरवरी, 2015 को किया Ûया। यह योजना किसानों के लिये वरदान साबित हो रही है। प्रधान वैज्ञानिक डाॅ- बी-,स- यादव ने मृदा स्वास्थ्य व जल प्रबन्धन पर तकनीकी व्याख्यान देते हुये बताया कि यदि भूमि में यदि कोई जीन नहीं है तो भूमि मृत प्रायः है। उन्होंनें यह भी बताया कि भूमि पर उपलब्ध जल की कमी है और दिनों दिन इसकी मांÛ बढ़ती जा रही है। अतः जल बचत की नई तकनीकी की ओर किसानों को अÛ्रसर होना होÛा। उपनिेदे’ाक कृषि विस्तार डाॅ- जयनाराय.ा बेनीवाल ने बताया कि मृदा स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिये पराली को जलाया जाना अनुचित है। पराली को जलाने की बजाय उससे उत्तम Ûु.ावत्ता की कम्पोस्ट तैयार की जानी चाहिये। पराली जलाने से मृदा में सू{म जीव व जीवां’ा की मा=ा ?ाटती जा रही है। मृदा ,वं जल परी{ा.ा प्रयोÛ’ााला, हनुमानÛढ़ के प्रभारी Ûुरसेवक सिंह तूर ने किसानों को मृदा व जल परी{ा.ा की महत्ता पर प्रका’ा डालते हुये किसानों को मृदा ,वं सिंचाई जल के नमूने लेने की तकनीकी सेक अवÛत कराया। Û्राह्य परी{ा.ा केन्द्र प्रभारी डाॅ- रंÛपाल सिंह डांÛी ने रबी फसलों में लÛने वाले रोÛों की पहचान तथा उनके नियं=.ा के उपाय बताये। कार्यक्रम का संचालन डाॅ- चन्द्र’ोखर ने किया। कार्यक्रम में पंचायत समिति, संÛरिया प्रधान रजनीबाला, Û्रामोत्थान विद्यापीठ निदे’ाक श्रीमती संतोष अÛ्रवाल प्राचार्य डाॅ- सुरेन्द्र सहार.ा, प्रधानाचार्य डाॅ- जयदयाल सिंह, Ûोविन्द शर्मा, अमरसिंह पूनिया, श्याम मित्तल, संजय जिन्दल आदि Û.ामान्य वयक्ति भी शामिल हुये। कार्यक्रम में व्याख्यानों पर आधारित किसानों के लिये प्र’नोतरी कार्यक्रम भी रखा Ûया, जिसमें इफ्को, पेन्’ाीबाओ वाँÛ तथा टी-स्टैन्स कम्पनी }ारा पुरस्कार प्रदान किये Ûये। इसमें किसानों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में {ो= के 200 किसानों व कृषक महिलाओं को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये Ûये। वरिष्ठ वैज्ञानिक ,व विभाÛाध्य{ा
डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्मदिवस ‘‘कृषि षिक्षा दिवस’’ के रुप में मनाया
दिनांक 2023-06-11
ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया कृषि विज्ञान केन्द्र, में दिनांक 3 दिसम्बर को ‘‘कृषि षिक्षा दिवस’’ के रुप में मनाया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र के विभागाध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने बताया कि 3 दिसम्बर, 1884 को हमारे देष के प्रथम केन्द्रीय कृषि मंत्री तथा स्वतन्त्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म दिवस को पूरे देष में ‘‘कृषि षिक्षा दिवस’’ के रुप में मनाया जाता है। इन्होंनें बताया कि कार्यक्रम में स्वामी केषवानन्द मैमोरियल पब्लिक स्कूल, संगरिया तथा के. आर. काॅन्वेन्ट स्कूल, संगरिया के 10$2 कृषि के विद्यार्थियों ने भाग लिया। डाॅ. अनूप कुमार ने डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद की जीवनी तथा कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केन्द्र के डाॅ. चन्द्रषेखर शर्मा ने सभी विद्यार्थियों के कृषि में भविष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। तत्पष्चात सभी विद्यार्थियों को केन्द्र की सभी प्रदर्षन इकाईयों का भ्रमण करवाया गया। कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक श्री उमेष कुमार, श्री महावीर प्रसाद कस्वां, श्रीमती संतोष झाझड़िया, डाॅ. मुकेष कुमार टाक, डाॅ. कुलदीप सिंह बराड़, श्री आनन्द प्रकाष, श्री रविन्द्र कुलड़िया तथा श्री रघुवीर सिंह नैण एवं विद्यार्थियों के साथ आये अध्यापक गण श्री नवेन्दू सिहाग, श्री राजीव कुमार, श्री सुनिल कुमार इत्यादि ने भाग लिया। वरिष्ठ वैज्ञानिक एव विभागाध्यक्ष
SAC Meeting
दिनांक 2023-06-11
वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन आज दिनांक 30 नवम्बर, 2017 को ग्रामोत्थान विद्यापीठ, संगरिया द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र की 21वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र की वर्ष 2017-18 का प्रगति प्रतिवेदन तथा वर्ष 2018-19 की कार्य योजना पर चर्चा की गई बैठक में सर्वप्रथम स्वामी केषवानन्द महाराज को पुष्पांजली अर्पित की गई तत्पष्चात् सभी सम्मानित सदस्यों का स्वागत किया गया। बैठक में गत वैज्ञानिक सलाहकार समिति का अनुमोदन तथा कार्यवाही पर चर्चा हुई। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानकि एवं विभागध्यक्ष डाॅ. अनूप कुमार ने कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषक परिवारों के हितार्थ चलाये जा रहे प्रसार गतिविधियों की जानकारी सदन को दी। निदेषक अनुसंधान डाॅ. पी.एल. नेहरा ने कहा कि क्षेत्र की मुख्य ज्वलन्त कृषि समस्याओं पर कार्य किया जावे । कृषि में कुछ विषेष कृषि यन्त्रों को पहचानने व उन्हें किसानों में प्रचलित करने की जरुरत है। अगर इस तरह के यंत्र किसानों को मिल जाये तो जिले की कृषि तस्वीर में अच्छा परिवर्तन देखने को मिलेगा। उपनिदेषक कृषि डाॅ. जयनारायण बेनीवाल ने बताया कि नरमा फसल में सफेद मक्खी के प्रकोप कम करने के लिये नत्रजन उर्वरकों के न्याय संगत उपयोग से इस प्रकार सफेद मक्खी का प्रकोप इस वर्ष कम रहा। उपनिदेषक प्रसार षिक्षा डाॅ. सुभाष चन्द्र ने क्षेत्र के लिये इस तरह की तकनीकी का मूल्यांकन किया जाये जो अधिक से अधिक कृषक परिवारों को अधिकतम लाभ प्रदान कर सके। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. अनूप कुमार कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किये जा रहे खारे पानी के अन्दर मोती पालन, झींगा पालन व नील हरित शैवाल उत्पादन पर अतिषीघ्र कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। जो कि जिले के युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के साथ साथ नई दिषा प्रदान करेगा। निदेषक अटारी, जोधपुर के प्रतिनिधि पी.के. सतपथी ने कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्षन में बजट के उपयोग पर सदन में चर्चा की तथा एफपीओ के गठन व उनके कार्यों की विस्त्त रिपोर्ट तैयार कर अटारी को भेजने की बात कही। क्षेत्रीय निदेषक अनुसंधान डाॅ. उम्मेद सिंह शेखावत के कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यों की सराहना की तथा क्षेत्र में उन्नत किसमों के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही। श्री अमर सिंह पूनिया मांगेआना ने बताया कि करनाल में बीजोपचार के लिये देषी तरीका का उपयोग किया गया है। जिसमें गोंद कतीरा का उपयोग बीजोपचार के लिये किया जाता है। इसके उपयोग से सिंचाई में काफी कमी की जा सकती है। बैठक के अध्यक्ष तथा ग्रामोत्थान विद्यापीठ प्रबन्ध समिति के सचिव सुखराज सिंह सलवारा ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा लगाये जा रहे प्रदर्षनों में किसानों को दी तकनीकी का प्रभाव को लिपिबद्ध करे और प्रचलित तकनीकी से तुलना कर किसानों को बताये ताकि उस तकनीकी का उपयोग कर अन्य किसानों को भी लाभ हो सके। डाॅ. जय नारायण बेनिवाल, उपनिदेषक कृषि, हनुमानगढ़, डाॅ. हनुमाना राम, प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र, श्रीगंगानगर, श्री ओम प्रकाष सैन, सहायक निदेषक उद्यान, डाॅ. मनोहर सैन, प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र, नोहर ने भी अपने अपने विचार रखे।
कृषि आदान विक्रेताओं का डिप्लोमा शुरु
दिनांक 2023-06-12
संगरिया ग्रामोत्थान विद्यापीठ द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, हनुमानगढ़ प्रथम पर आदान विक्रेताओं का कृषि विस्तार सेवाओं में ‘‘डिप्लोमा’’ के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, जयपुर के डाॅ0 रामकुमार जाट ने बताया कि आदान विक्रेताओं को तकनीकी रुप से सुदृढ़ करने के लिये राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबन्ध संस्थान (मैनेज) हैदराबाद द्वारा यह डिप्लोमा वर्ष 2003 में लांच किया था। जिसको विभिन्न राज्यों ने अपने यहां क्रियान्वित किया। डाॅ0 रामकुमार जाट ने बताया इस कार्यक्रम को एक वर्ष में 48 सप्ताह के लिये डिजाईन किया गया है। जिसमें 40 क्लास तथा 8 प्रक्षेत्र भ्रमण हैं। उपनिदेषक कृषि विस्तार, हनुमानगढ़ डाॅ. जयनारायण बेनीवाल ने बताया कि डिप्लोमा के लिये 40 आदान विक्रेताओं का हनुमानगढ़ से चयन किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 अनूप कुमार ने की इन्होंनें सभी इनपुट आदान विक्रेताओं का स्वागत किया तथा केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराते हुये इस एक वर्षीय इनपुट डिलर्स के डिप्लोमा के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी तथा बताया कि यह प्रषिक्षण एक वर्ष तक केन्द्र पर प्रत्येक रविवार को प्रातः 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक चलाया जायेगा। इन्होंनें बताया कि समय-समय पर सभी प्रषिक्षणार्थियों की परीक्षा आयोजित की जायेगी। कार्यक्रम के दौरान डाॅ0 चन्द्रषेखर शर्मा, उमेष कुमार, डाॅ0 कुलदीप सिंह तथा बलवन्त शर्मा उपस्थित थे। वरिष्ठ वैज्ञानिक एव अध्यक्ष